अमृतपाल सिंह 36 दिन बाद अरेस्ट

मोगा में समर्थकों के साथ सरेंडर का प्लान था, असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जाएगा हिरासत में लिए जाने के बाद अमृतपाल सिंह। पुलिस के अफसर सिविल ड्रेस में मोगा पहुंचे थे। भगोड़े अमृतपाल सिंह को रविवार सुबह पंजाब पुलिस ने मोगा से अरेस्ट कर लिया

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़  – 23  अप्रैल :

 लंबे समय से फरार चल रहा खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को आज मोगा जिले में गिरफ्तार कर लिया गया। अमृतपाल पर एनएसए लगाते हुए उसे असम के डिब्रूगढ़ की जेल में भेजे जाने की तैयारी शुरू हो गई है। पंजाब पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो की संयुक्त कार्रवाई में अमृतपाल गिरफ्तार हुआ है। अमृतपाल बीते कई दिनों से फरार चल रहा था. पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार उसकी खोज में जुटी हुई थीं। अमृतपाल को पकड़ने के लिए देशभर में नेपाल बॉर्डर तक ऑपरेशन चलाए गए थे। वहीं पंजाब पुलिस ने ट्वीट कर अमृतपाल सिंह के गिरफ्तार होने की जानकारी दी।

अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है। इसने करीब पांच महीने पहले ही इस संगठन की बागडोर संभाली थी। अमृतपाल अमृतसर के गांव जंडुपुर खेरा का रहने वाला है। 2012 से पहले ही अमृतपाल का परिवार दुबई चला गया था। वहां परिवार ने ट्रांसपोर्ट का काम शुरू कर दिया। 2013 में दुबई में ट्रांसपोर्ट का कामकाज अमृतपाल देखने लगा।

अगस्त 2022 में अमृतपाल दुबई से अकेला ही पंजाब आया था। अक्तूबर में अमृतपाल ने जरनैल सिंह भिंडरावाला के गांव रोडे में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के नए मुखिया के तौर पर ओहदा संभाला। यह संगठन दिल्ली हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू ने बनाया था। इस दौरान अमृतपाल ने खुद को जरनैल सिंह भिंडरांवाला का अनुयायी बताते हुए सिख युवाओं को अगली जंग के लिए तैयार होने का आह्वान किया था। इसके बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई थी। उसके बारे में जांच शुरू की गई। खालिस्तानी विचारधारा का पाठ उसे दुबई में ही पढ़ाया गया है। 

दरअसल, रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के वरिंदर सिंह ने लवप्रीत सिंह व अमृतपाल समेत उसके 30 समर्थकों पर अपहरण व मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद लवप्रीत व एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। एक आरोपी को तो पुलिस ने पहले ही रिहा कर दिया था लेकिन लवप्रीत को रिहा करने के लिए अमृतपाल ने थाने के बाहर धरने की चेतावनी दी। 23 फरवरी को अमृतपाल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप के साथ अपने समर्थकों सहित थाने पहुंचा। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उग्र भीड़ ने बैरिकेड तोड़ डाले और तलवारों व बंदूकों के साथ थाने पर हमला कर दिया, जिसमें एसपी समेत छह पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।

अजनाला थाने पर हमले के दौरान ही अमृतपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दी थी। अमृतपाल ने कहा था कि शाह का हाल भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा होगा। 1984 में इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बता दें कि शाह ने कुछ दिन पहले कहा था कि पंजाब में खालिस्तान समर्थकों पर हमारी कड़ी नजर है।

मार्च के शुरुआत से ही पंजाब सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर अमृतपाल की गिरफ्तारी की योजना बना रही थी। इसी कड़ी में दो मार्च को राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और उनके साथ राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की। इस दौरान फैसला लिया गया कि सुरक्षा संबंधी सभी मुद्दों से निपटने के लिए केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। 

अजनाला कांड के बाद सीएम की शाह से मुलाकात काफी अहम थी। सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान अजनाला कांड पर भी चर्चा हुई थी। करीब 40 मिनट की इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को सीमा पार से नशे और हथियारों की सप्लाई के लिए ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी।

दिसंबर 2022 में गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई में सभी राज्यों के डीजीपी की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में पंजाब के डीजीपी गौरव यादव की तरफ से एक प्रेजेंटेशन दी गई थी। इसमें उन्होंने हथियार और नशे की तस्करी के अलावा खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के बारे में विस्तार से बताया था।

17 फरवरी 2023: अमृतपाल के करीबी लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को रूपनगर के एक व्यक्ति वरिंदर सिंह से मारपीट और उसके अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। मामले में अमृतपाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज है। 

23 फरवरी 2023: कट्टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला के थाने पर बंदूकों और तलवारों से हमला कर दिया। हिंसक झड़प में छह पुलिसकर्मी और कुछ अमृतपाल के समर्थक भी जख्मी हुए थे। ये सभी अमृतपाल के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई के लिए प्रदर्शन करने पहुंचे थे। 

24 फरवरी 2023: अजनाला थाने पर हमले की घटना के एक दिन बाद स्थानीय अदालत ने लवप्रीत सिंह को रिहा करने का आदेश दिया। संबंधित एसएचओ को मामले की जांच करने और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा। कोर्ट के आदेश पर दोपहर बाद करीब तीन बजे उसे रिहा कर दिया गया।

25 फरवरी 2023: पंजाब में खालिस्तान की मांग पर आगे बढ़ रहे ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हस्तक्षेप करने की तैयारी की। पंजाब में जो घटनाक्रम चल रहा था, आईबी ने उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की।

26 फरवरी 2023: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि खालिस्तान समर्थकों को पाकिस्तान और अन्य देशों से पैसा मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने खालिस्तानी तत्वों से निपटने के लिए किसी ठोस रणनीति का खुलासा नहीं किया, लेकिन कहा कि पंजाब पुलिस इस मुद्दे से निपटने में सक्षम है और केवल कुछ ही लोग पंजाब में इसका समर्थन कर रहे हैं। 

दो मार्च 2023: पंजाब में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई बड़ा कदम उठाए जाने की खबरें आईं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पंजाब में सीआरपीएफ/आरएएफ की 18 कम्पनी तैनात की गईं।

11 मार्च 2023: अमृतपाल के सहयोगियों पर कार्रवाई शुरू हुई। पंजाब पुलिस के बाद जम्मू प्रशासन की पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। अमृतपाल के दो साथियों के हथियारों के लाइसेंस कैंसिल कर दिए गए। इनमें वरिंदर सिंह और तलविंदर सिंह का नाम शामिल है।  

13 मार्च 2023: अजनाला थाने पर हमले के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को घटनास्थल पर ले जाने के मामले में गठित 16 सदस्यीय सब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को सौंप दी। कमेटी के को-आर्डिनेटर करनैल सिंह पीर मुहम्मद ने सील बंद लिफाफे में यह रिपोर्ट उन्हें दी।

18 मार्च 2023: अजनाला पुलिस थाने पर हमले के मामले में शनिवार को पंजाब पुलिस ने वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए अभियान चलाया। पंजाब के कई जिलों में रविवार दोपहर तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है।