श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ से ही जीवन सार्थक होता है : आचार्य मदन शास्त्री
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 20 अप्रैल :
सैक्टर 18 जगाधरी में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ का आयोजन गत 16 अप्रैल से 23 अप्रैल तक प्रतिदिन अपराहन 3.30 बजे से सांय 7.30 बजे तक किया जा रहा है। जिसमे कथा का अमृत पान परमपूज्य आचार्य श्री मदन शास्त्री जी महाराज बद्रीनाथ धाम वाले कर रहें है। भजन रसिका अनुप्रिया बडोनी कार्यक्रम में भजन-कीर्तन द्वारा गुणगान कर रही हैं।
आयोजक विजय कक्कड़ व विख्यात शिक्षाविद डा. एम. के. सहगल ने बताया कि इस भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ 16 अप्रैल को कलश यात्रा, नवग्रह पूजन, व्यास पूजन, श्रीमद् भागवत महात्म्यव गोकर्ण आख्यान के द्वारा किया गया व प्रारंभ में नारद व्यास संवाद एवं शुकदेव जी के आगमन की प्रस्तुति की गयी। उसके बाद परीक्षित जन्मोत्सव एवं पांडव स्वर्ग रोहण की प्रस्तुति की गयी। सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन समुद्र मंथन एवं कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग मनाया गया ।
आचार्य मदन शास्त्री ने कृष्ण जन्म का वर्णन कर श्रोताओं को भक्ति रस से भर दिया। कथा में समुद्र मंथन, वामन, नरसिंह, अंबरीष चरित्र, रामावतार और नंद महोत्सव का वर्णन किया गया। कथा प्रसंग में श्री राम अवतार का वर्णन करते हुए कहा गया कि भगवान कभी जन्म नहीं लेते, अवतार धारण करते हैं, प्रकट होते हैं और प्रकट वहीं होते हैं जो पहले से विद्यमान हो। उन्होंने बताया कि विश्वास से कथा सुनने से और सीख को धारण करने से जीवन का सुधार संभव है व कथा श्रवण करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि आज के समय की यह विशेष आवश्यकता है कि हर घर में मर्यादा पुरुषोत्तम राम व श्री कृष्ण अवतरित हों। उनके नैतिक मूल्यों की स्थापना हो। समुद्र मंथन का प्रसंग सुनाते हुए कहा गया कि सात्विक वृत्ति से ही अमृत प्राप्त किया जा सकता है, क्षीर सागर सात्विकता का प्रतिक है। अनुप्रिया बडोनी द्वारा कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किये गए। पांडाल में मौजूद श्रद्धालु कृष्ण जन्म पर झूम उठे और हर कोई भक्ति में लीन दिखाई दिए। अंत में आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।
बहुत बडी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। इस दौरान आयोजक सतप्रकाश कक्कड़, विजय कक्कड़, अंजू कक्कड़, प्रत्यूष कक्कड, भावुक कक्कड़, विकास कक्कड़ व समाज के गणमान्य व्यक्ति विशेष रुप से उपस्थित रहे।