Thursday, December 26

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़   17  अप्रैल :

भाई चन्द्रमोहन ने कहा दिनांक 14-4- 23 को संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की जयंती पर बड़े दुख से यह बात कहनी पड़ रही है बाबा साहेब व समस्त संविधान कमेटी  द्वारा दिये गए संविधान की भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा धज्जियाँ उड़ाई जा रही है लोकतंत्र में संविधान का हिस्सा होने के नाते व जनता द्वारा चुने हुए लोगों की आवाज़ को ओर मनमानी करने में भाजपा में सतासीन नेताओं द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है इसी कड़ी में पचकुंला निगर निगम में चुने हुए पार्षदों की अनदेखी की लगातार पिछले दो साल से चल रही है सता में बैठे हए भाजपा के नेता विपक्ष में चुने हुए कांग्रेसी सदस्यों ( पार्षदों) की इतनी उपेक्षा कर रहे हैं कि उनके वार्डों से सम्बंधित किसी भी कार्य की तरफ़ ध्यान नहीं दे रहे हैं ही हाउस में पास किए गए मुद्दों के विपरीत जा कर अपनी मनमानी कि जा रही है


आए दिन कोई न कोई घोटाले निगम में हो रहै है


नगर निगम में हो रहे घोटालों का विपक्षी पार्टी के पार्षदों द्वारा जवाब माँगने पर नहीं मिलता सता में बैठे हल्के के बड़े नेता के इशारों पर अधिकारी पगूँ हो कर रहै गए हैं हाउस की मर्यादा को तार-तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है अभी हाल ही में एक घटना वार्ड नः 20 में घटि जिसमें एक नन्दीशाला का उद्घघाटन समारोह का जिसमें आर एस एस के प्रचारक प्रेम जी गोयल, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता जी व पचकुला के महापौर द्वारा किया गया जब की एक दिन पहले उद्घाटन


पट्टिका पर वार्ड पार्षद सलीम डबकोरी का नाम अंकित किया गया था जिसकी सूचना भी पार्षद को महापौर कुलभूषन गोयल व नगर निगम अधिकारियों ने दे दि थी परन्तु उद्घाटन समारोह के मौक़े पर न जाने किसी बड़े नेता के इशारे पर नाम हटा दिया गया


परन्तु वार्ड पार्षद का नाम उद्‌घाटन पट्टिका से इस लिए हटा दिया गया की पार्षद सलीम डबकोरी इस वार्ड से कांग्रेस पार्टी से पार्षद हैं व नगर निगम के हाउस में कांग्रेस पार्टी से विपक्ष पार्षद दल के नेता भी है जब की नगर निगम के हाउस में सर्वसम्मति से यह पास है की जिस भी एरिया में जो भी चुना हुआ पार्षद होगा उस पार्षद का नाम पट्टिका पर होगा जब की आए दिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दुसरे वार्डों में नगर निगम से होने वाले कार्यों का शिलान्यास व उद्घाटन कर रहे हैं जिस पर उस एरिया के वार्ड पार्षद का नाम अंकित होता है पर उसकी अनदेखी हो रही है यदि ऐसे ही सतासिन पार्टी के नेता की मनमानी चलती रही तो वह दिन दुर नहीं कि संविधान मात्र एक किताब बन कर रह जाएगी ओर विपक्ष में चुने हुए पार्षदों को चाहे जितना भी संघर्ष करना पड़े करेंगे चाहे हमें धरने पर ही क्यों न बैठना पड़े हम संविधान व क़ानून को बचाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे