सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 17 अप्रैल :
यमुनानगर के लेखक ब्रह्म दत्त शर्मा की कहानी “वज्रपात” को अखिल भारतीय डॉ. कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता में श्रेष्ठ कहानी पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार उन्हें जयपुर के रेडिएंट स्टार होटल में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में हिंदी की पहली बुकर पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार गीतांजलि श्री, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओ एस डी, फारुख अफरीदी, हिंदी व राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार नन्द भारद्वाज, साहित्य समर्था की संपादक श्रीमती नीलिमा टिक्कू के हाथों प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर हिंदी साहित्य जगत की अनेक गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं। कहानी प्रतियोगिता में देश भर के हिंदी लेखकों ने अपनी कहानियां भेजी थी, जिनमें शर्मा की करोना काल पर लिखी गई कहानी “वज्रपात” को श्रेष्ठ कहानी पुरस्कार के लिए चुना गया था। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में उन्हें पुरस्कार मिलना यमुनानगर जिले के लिए गर्व का विषय है। गौरतलब है कि ब्रह्म दत्त शर्मा कहानीकार और उपन्यासकार हैं, जिनकी चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें तीन कहानी संग्रह और एक उपन्यास है। उनके कहानी संग्रह ‘चालीस पार’ 2010, ‘मिस्टर देवदास’ 2014, ‘ पीठासीन अधिकारी’ 2020 में प्रकाशित हुए, जबकि उत्तराखंड त्रासदी पर आधारित उनका उपन्यास ‘ठहरे हुए पलों में’ 2016 में प्रकाशित हुआ था। उनकी कहानियां देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में छपती रही हैं।
इससे पहले भी उन्हें लेखन के लिए अनेक पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए हैं। ‘पीठासीन अधिकारी’ कहानी- संग्रह को हरियाणा साहित्य अकादमी का श्रेष्ठ कृति पुरस्कार 2021, विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस का सर्वश्रेष्ठ हिंदी कहानी पुरस्कार 2019, हरियाणा साहित्य अकादमी का श्रेष्ठ कहानी पुरस्कार 2015, माँ धनपति देवी समृति कथा साहित्य सम्मान 2017 (सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश), बृजभूषण भारद्वाज एडवोकेट समृति साहित्य सम्मान 2015 (कैथल, हरियाणा) महाराजा कृष्ण जैन स्मृति सम्मान 2018 ( शिलांग, मेघालय) आदि प्रमुख हैं।शर्मा का पैतृक गांव झीवरहेड़ी है। वर्तमान में वे सेक्टर18 हुडा के निवासी हैं और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पाबनी कलां में एस एस एस मास्टर के पद पर कार्यरत हैं।