डॉक्टर शिफाली लुबाना का सफेद कोट से यूनिफॉर्म तक का सफर
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 15 अप्रैल :
कहते है कि पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते है। ऐसा ही देखने को मिला लुबाना परिवार में, जिसकी पीढ़ी दर पीढ़ी खाकी वर्दी की पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ाती आ रही है। इस परिवार की ऐसी ही एक बच्ची है। शिफाली लुबाना। जिसने डॉक्टर पेशे के मोह त्याग वर्दी के प्रोफेशन को अहमियत दी।
डॉ. शिफाली लुबाना वर्दी की पारिवारिक विरासत को आगे ले जा पाने में सफल हुई हैं। आईटीबीपी अकादमी, मसूरी में आयोजित पासिंग आउट परेड में उन्हें आईटीबीपी में सहायक कमांडेंट के रूप में नियुक्त किया गया है।
पंजाब के पटियाला की रहने वाली एमबीबीएस डिग्री धारक डॉ. शिफाली ने 7 अप्रैल को अपना प्रशिक्षण पूरा किया । डॉ. शिफाली खाकी में देश की सेवा करने वाली अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी होंगी।
उसके पिता दविंदर पाल पंजाब पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उनके दादा स्वर्गीय करतार चंद ने पंजाब पुलिस में भी काम किया। वह अपने परिवार में पहली डॉक्टर होने के साथ-साथ पहली राजपत्रित अधिकारी भी हैं। बड़े सपने देखते हुए वह महिला सशक्तिकरण के लिए भी एक मिसाल कायम करना चाहती हैं।
उसके पिता बहुत खुश हैं और शब्दों में अपना आभार व्यक्त नहीं कर सकते। शिफाली महिला प्रेरित होने का एक प्रमुख उदाहरण प्रस्तुत करती है। उन्होंने एक डॉक्टर के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और देश की सेवा करने के लिए एक अधिकारी से कम की उम्मीद नहीं की जा सकती।