शहरी विकास मंत्री और एमसीडी के मनोनीत सदस्य आम आदमी पार्टी (आआपा) के सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मेरा अनुरोध है कि सही व्यक्ति को प्रोटेम मेयर बनाया जाए। हो सकता है कि डिप्टी मेयर को प्रोटेम मेयर बनाया जाए और वे मेयर का चुनाव करा सकें, फिर नया मेयर किसका चुनाव करा सकता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि डिप्टी मेयर को प्रोटेम पीठासीन अधिकारी बनाया जा सकता है, जो मेयर का चुनाव करा सके। भारद्वाज ने हालांकि मेयर पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार के नाम पर टिप्पणी करने से परहेज किया। जब तक नए मेयर का चुनाव नहीं हो जाता, तब तक शेली ओबेरॉय शीर्ष पद पर बने रहेंगे।
विशेष संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, नई दिल्ली – 10 अप्रैल :
दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री और एमसीडी के मनोनीत सदस्य आम आदमी पार्टी (आआपा) के सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि नए मेयर के चुनाव के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय की गई है और चुनाव उसी दिन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार हर हाल में 30 अप्रैल से पहले नए मेयर का चुनाव कराना जरूरी है। वर्तमान मेयर ने चुनाव के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय की है। अगर तय नियमों व प्रक्रियाओं के अनुसार काम करने दिया गया और किसी प्रकार की कोई अड़चन नहीं डाली गई, तो उसी दिन चुनाव संपन्न हो जाएगा।
भारद्वाज ने कहा कि चूंकि अब नए पार्षद शपथ ले चुके हैं, सदन का गठन हो चुका है और एक बार मेयर का चुनाव भी हो चुका है, इसलिए अगले चुनाव के लिए एलजी ऑफिस के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। मेयर के चुनाव के लिए अन्य औपचारिकताएं एमसीडी प्रशासन के माध्यम से अब वर्तमान मेयर के द्वारा ही पूरी कराई जा सकती हैं। डिप्टी मेयर को भी प्रोटेम स्पीकर बनाकर चुनाव संपन्न कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि अगर एलजी कार्यालय द्वारा सभी नियमों और विनियमों का पालन किया जाता है तो चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से होंगे।” भारद्वाज ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर भी हमला किया और कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था कि एलजी ने महापौर चुनाव के लिए एक पीठासीन अधिकारी को नामित किया जिसने चुनाव के सुचारू संचालन में बाधा उत्पन्न की।”
भारद्वाज ने आगे आरोप लगाया, “उन्होंने मनोनीत सदस्यों (एल्डरमैन) को संविधान के खिलाफ मतदान करने की अनुमति देने की भी कोशिश की, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि यह गलत था। इसलिए वह अनुरोध करना चाहती है कि मेयर का चुनाव कराने के लिए केवल सही व्यक्ति को चुना जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि डिप्टी मेयर को प्रोटेम पीठासीन अधिकारी बनाया जा सकता है, जो मेयर का चुनाव करा सके। उन्होंने कहा,”स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव से संबंधित मामला अदालत में लंबित है। मुझे महापौर पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार के बारे में कोई जानकारी नहीं है और इस पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाएगा।”
आपको बता दें कि पिछले साल दिल्ली नगर निगम चुनावों के नतीजे आने के बाद भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच काफी तकरार के बाद चौथे प्रयास में शैली ओबेरॉय को दिल्ली का मेयर चुना गया था। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच राजनीतिक उठापटक के कारण महापौर चुनने के पिछले तीन प्रयास विफल रहे। वे पहली बार 6 जनवरी को, दूसरी 24 जनवरी को और आखिरी बार 6 फरवरी को मिले थे।