Sunday, December 22
शानालेशवर महादेव शिव मन्दिर के नाम से प्रसिद्ध ( गांव नलास)

आज पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन जी ने  गांव नलास में शिव मन्दिर में जल चडाया व पुजा अर्चना की  व इस मन्दिर के महंत श्री लाल गिरी जी महाराज जी से आशीर्वाद लिया

भोलेनाथ के इस मंदिर में स्वयं प्रकट हुआ था शिवलिंग, मान्यता ऐसी कि खाली नहीं जाती मुराद—- चन्द्रमोहन

राजपुरा से करीब आठ किलोमीटर दूर बसे गांव नलास में 550 वर्ष पुराना प्राचीन शिव मंदिर है। इसमें हर चौदस, महाशिवरात्रि व श्रावण माह में विशेष मेले का आयोजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि शिव मंदिर नलास में किसी भी श्रद्धालु द्वारा शिवलिग स्थापित नही किया गया बल्कि स्वयं शिवलिग प्रकट हुआ था।

भगवान भोलेनाथ का 550 साल पुराना मंदिर देखिए, यहां शिवलिंग खुद प्रकट हुआ था और मान्यता ऐसी है कि भक्तों की कोई मुराद खाली नहीं जाती।

ऐसी मान्यता है कि यहां स्वयं शिवलिंग प्रकट हुआ था। किवंदती है कि गांव नलास में एक गुज्जर के पास कपिला गाय( नंदनी )थी। जब वह जंगल में चरने जाती और घर वापस आने से पहले एक झाड़ी के पीछे जाने से उसका दूध अपने आप बहना शुरू हो जाता था। वह थन खाली होने के बाद ही वापस घर आती। एक दिन गाय के मालिक गुज्जर ने क्रोध में आकर उस झाड़ी की खुदाई आरंभ कर दी।

खुदाई करते समय वहां निकले शिवलिंग पर कस्सी के प्रहार से खून की धार बह निकली। कहा जाता है कि उस समय वट वृक्ष के नीचे स्वामी कर्मगिरी तपस्या कर रहे थे। उनकी तपस्या भंग हो गई

क्रम गिरी की समाधि खुल गई उन्होंने भगवान शंकर के दर्शन किये उन्होंने ग्वालों व गाँव वालो को बताया यहाँ पर स्वयं भू महादेव शिवलिंग प्रकट हुए हैं ओर उसी महाराजा दिराज को पटियाला को
आकाशवाणी से आज्ञा हुई उस स्थान पर भगवान शंकर का मन्दिर बनाया जाए महाराजा पटियाला जी के पुछने पर आकाशवाणी ने उतर दिया हे राजन आप कल सुबह अपना हाथी छोड़े जिस जगह पर  हाथी जा कर रुकेगा वहाँ पर मन्दिर का निर्माण किया जाए

खुदाई करवाई तो शिवलिंग प्रकट हुआ। संवत 1592 में महाराजा पटियाला ने मंदिर बनवाया व कर्मगिरी को मंदिर का महंत नियुक्त किया गया।

प्रथम महतं श्री  कर्म गिरी जी महाराज जिस वाड वृक्ष के निचले तपस्या किया करते थे

भोलेनाथ का ऐसा चमत्कारी मंदिर जहां मौली बांधने से हर मन्नत होती है पूरी, यहां खुद प्रकट हुआ था शिवलिंग
मंदिर में स्थापिक है 140 फुट उंचा त्रिशूल
मंदिर के प्रांगण में 140 फुट ऊंचा त्रिशूल स्थापित किया गया है। इसी स्थान पर भगवान शिवजी की 108 फुट ऊंची स्थापित है। मंदिर में मौजूद श्रृद्धालुओं ने बताया कि मंदिर प्रांगण में लगे 500 वर्ष पुराने बोहड़ के वृक्ष पर जो भी शिव भक्त लाल धागा यानी मौली बांधकर मन्नत मानता है। उसकी मन्नत भगवान शिव जरुर पूरी करते हैं

प्रथम महतं श्री  कर्म गिरी जी महाराज ने 120 वर्ष तक तपस्या की एवं मन्दिर की महंती की उसके पश्चात महंत श्री गणेश गिरी जी ने 90 वर्ष तपस्या की ओर महंत श्री शील गिरी जी 75 वर्ष ओर महंत जयराम गिरी जी ने 50 वर्ष ओर श्री महंत मंगल गिरी जी ने 55 साल  ओर महंत श्री बसंत गिरी जी ने 70 साल ओर महंत श्री इन्द्र गिरी जी ने 65 वर्ष ओर अब इस मन्दिर में महंत श्री लाल गिरी जी भगवान शंकर की तपस्या व महंती कर रहे है

भाई चन्द्रमोहन ने कहा की राजपुर से क़रीब आठ किलोमीटर दूर बसे गाँव नलास में 550 वर्ष पुराना प्राचीन शिव मंदिर के बारे सरकार बेख़बर है ( National high way crossing -1 ) राजपुरा से सिधा नलास  मन्दिर जाने के लिए रास्ता पुल के नीचे से होना चाहिए अभी बहुत घुम कर आना पड़ता है बहुत पुरानी लोगों की माँग है
2,एक गुरु नानक नगर नलास रोड को चोडा करना चाहिए
3, नलास से थर्मल प्लाट तक रोड चोडी करने के लिए 26 लाख का एस्टीमेट पास हुआ था पर अभी तक काम नहीं हुआ शुरु उसको जल्दी काम शुरु होना चाहिए साथ में वरिष्ठ कांग्रेस नेता व
एडवोकेट नवीन बंसल,वरिष्ठ कांग्रेस नेता संदीप जलौली व अन्य भी साथ थे