विजीलैंस ब्यूरो ने 26 लाख रुपए की रिश्वत लेने के दोष अधीन चार्टर्ड अकाउंटेंट को किया गिरफ़्तार
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने अपनी भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के अंतर्गत चंडीगढ़ में आय कर विभाग के अधिकारियों के नाम पर 26 लाख रुपए की रिश्वत लेने के दोष अधीन लुधियाना के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सी. ए.) अंकुश सरीन को गिरफ़्तार किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि प्राईवेट तौर पर प्रेक्टिस कर रहे उक्त सी. ए. के विरुद्ध मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाईन पर दर्ज करवाई आनलाइन शिकायत की जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता परमिन्दर सिंह सिद्धू निवासी गाँव मलसियां, ज़िला लुधियाना ने दोष लगाया है कि उक्त सी. ए. ने अमरीका में रहते उसके रिश्तेदार को आय कर रिटर्न के सम्बन्ध में जारी किये एक नोटिस को रफा-दफ़ा करने के एवज़ में आय कर अधिकारियों को रिश्वत देने के तौर पर दो किश्तों में 26 लाख रुपए वसूले थे।
शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि उसने 15-01-2023 को 25 लाख रुपए नकद उक्त सी. ए. को उसकी रिहायश पर सौंपे थे और वीडियो भी बनाई थी। इसके बाद सी. ए. अंकुश सरीन ने 26-01-2023 को शिकायतकर्ता से आय कर विभाग के जूनियर अधिकारियों के लिए 1 लाख रुपए और ले लिए थे।
प्रवक्ता ने बताया कि आय कर विभाग से पूछताछ के दौरान शिकायतकर्ता को पता लगा कि विभाग की तरफ से यह नोटिस अभी भी बरकरार है और रद्द नहीं किया गया। इस तरह शिकायतकर्ता को यह पता लग गया कि उक्त सी. ए. ने आय कर अधिकारियों के नाम पर भारी जुर्माना लगने का डरावा देकर यह रिश्वत वसूली है, जो उसने किसी को भी आगे नहीं दी। फिर शिकायतकर्ता ने उक्त सी. ए. को उसके पैसे वापस करने के लिए कहा क्योंकि उसका काम नहीं हुआ था परन्तु सी. ए. ने यह पैसे वापस नहीं किये।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि लुधियाना रेंज की विजीलैंस यूनिट ने इस शिकायत में लगाए गए दोषों की जांच की और भारी जुर्माने का डरावा देकर रिश्वत की रकम वसूलने में दोषी पाये जाने के बाद उक्त सी. ए. के विरुद्ध विजीलैंस ब्यूरो के थाना लुधियाना में भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है और मामले की आगे जांच जारी है।