डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकुला – 01 अप्रैल :
प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल ,भानू पंचकुला (हरियाणा) में वाइल्ड लाइफ कोर्स का इंडक्शन समारोह का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि श्री ईश्वर सिंह दुहन, महानिरीक्षक, प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल ,भानू पंचकुला (हरियाणा) थे ।
इस अवसर पर राजेश शर्मा, उप महानिरीक्षक,बीटीसी, ट्रेफिक इण्डिया के कार्यकारणी डा० दीपांकर घोष, प्रोजेक्ट अधिकारी ट्रेफिक इण्डिया श्रीमती आस्था गौतम ,श्री विक्रांत थपलियाल, सेनानी , वाइल्ड लाइफ ट्रेफिक इण्डिया के अन्य प्रोटेक्सन अधिकारी एवं संस्थान के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। श्री ईश्वर सिंह दुहन, महानिरीक्षक के कुशल मार्गदर्शन में एन.टी.सी.डी.एण्ड ए. भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में छ: से नौ महीनों की उम्र के बीच के 6 युवा जर्मन शेफर्ड श्वानों और उनके 12 संचालकों के साथ 7 महीने का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का महानिरीक्षक, प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा भौतिक रूप में समय –समय पर निरीक्षण किया गया । इस प्रशिक्षण में पहले कुछ सप्ताह के दौरान में श्वान एव्ं हैडलर के बीच भावनात्मक और भरोसेमंद बंधन विकसित करने पर केन्द्रित किया गया । इसके उपरान्त इन श्वानों को सूंघने और ट्रैक करने का कौशल सिखाया गया तथा (कैट फेमली) बिल्ली नुमा मांसाहारी जानवरों जैसे- बिल्ली, सिंह, शेर, चीता की खाल, हडिडयों और शरीर के अन्य अंगों, भालू के पित्त, लाल चंदन और अन्य अवैध वन्यजीव उत्पादकों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। इन्ही 6 श्वानों में से 01 जर्मन शेफर्ड ईलू श्वान भी है जिसे मध्य प्रदेश में स्थित कूनों नेशनल पार्क में तैनात किया जायेगा जहां पर अभी कुछ दिन पहले 17 सितम्बर को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने जन्म दिवस के अवसर पर अफ्रीका के नामीबिया से 08 चीतों को लाकर छोडा गया है। इस प्रशिक्षण का उद्वेश्य श्वानों को विभिन्न वन्यजीवों के उत्पादों की गंध के लिए सूंघने और ट्रेकिंग कौशल में महारत एवं सकारात्मक , सुदृढीकरण सहित आधुनिक कंडीशनिग तकनीकों का उपयोग करके वैज्ञानिक रूप से प्रशिक्षण दिया गया है । इसके अलावा , श्वानों कों आबादी और वन क्षेत्र में विभिन्न वास्तविक जीवन खोज परिदृश्यों से अवगत कराया गया है ।
जिससे भारत में अवैध वन्यजीव व्यापार का पता लगाने और इस पर अंकुश लगाना भी इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्वेश्य है। यह वन्यजीव खोजी कुत्ते दस्तें कर्नाटक -04 , बिहार -01 और मध्य प्रदेश -01 वन विभागों में शामिल हो जाएंगे, जिससे ट्रैफिक और डब्ल्यु डब्ल्यूएफ-इंडिया के कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षत बन्यजीव खोजी कुत्तों की कुल संख्या बढकर 94 हो जाएगी।इस अवसर पर श्री ईश्वर सिंह दुहन, महानिरीक्षक, प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र, निदेशक एन.टी.सी.डी. एण्ड ए. (नेशनल ट्रेनिंग सेन्टर फॅार डॉग एण्ड एनिमल) ने कहा कि कानून प्रवर्तन में डिटेकशन डॉग्स का उपयोग करना एक सिद्व अभ्यास है क्योकि श्वान अपनी चपलता और उत्कृष्ट घ्राण इंद्रियों के कारण विभिन्न प्रकृति के अपराधों का मुकाबला करने में सक्षम है । ट्रैफिक और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के सुपर स्निफर्स के नाम से मशहूर वन्यजीव खोजी श्वान भारत में अवैध वन्यजीव व्यापार का पता लगाने और उसे रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। श्वानों को देश में बडे पैमाने पर चल रहे अवैध वन्यजीव व्यापार पर इन श्वानों के माध्यम से अंकुश लगाने एवं वन्यजीव कानून प्रर्वतन प्रथाओं के खतरे को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण होगा । भारत में अवैध वन्यजीव व्यापार का पता लगाना और उस पर अंकुश लगाना इसका उद्वेश्य है । इन्होने कहा कि हमे विश्वास है कि ये नए वन्यजीव खोजी श्वान अधिकारियों को अवैध वन्यजीव व्यापार पर अंकुश लगाने में मदद करेंगे । और भारत में अवैध वन्यजीव व्यापार का पता लगाने और उसे रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगे।
अन्त में महानिरीक्षक महोदय द्वारा ओवर आल बेस्ट फारेस्ट गार्ड ज्योती प्रकाश सिंह श्वान बाबी , बिहार फारेस्ट ,एवं ओवर आल बेस्ट श्वान स्टेला फारेस्ट वाचर बोला कर्नाटका फारेस्ट को ट्राफी देकर सम्मानित किया गया एवं सभी श्वान संचालको को कोर्स पूर्ण करने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।