सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 29 मार्च :
गुरुकुल यमुनानगर, बिलासपुर में नव विक्रम संवत् व महाअष्टमी के अवसर पर यज्ञ का आयोजन किया गया। परिसर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन-पूजन की परंपरा पूरी की गयी । विख्यात शिक्षाविद व गुरुकुल यमुनानगर के संस्थापक डा एम् के सहगल, अध्यक्षा डा रजनी सहगल, नियोजन व विकास प्रबंधक स्वरांजलि, निदेशक डा जी बी गुप्ता व स्टाफ ने विधिवत ढंग से हवन में आहुति डालकर विश्व कल्याण व भाईचारे की कामना की। हवन-यज्ञ से गुरुकुल प्रांगण का क्षेत्र भक्तिमय हो गया।डा जी. बी. गुप्ता ने यज्ञ करने के महत्व बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हवन यज्ञ पर्यावरण की शुद्धि के लिए अति आवश्यक है। जड़ी बूटी युक्त हवन सामग्री, शुद्ध घी, पवित्र वृक्षों की लकडी, कपूर आदि के जलने से उत्पन्न अग्नि और धुएं से वातावरण शुद्ध तो होता ही है साथ साथ नकारात्मक शक्तियां भी दूर भागती हैं प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए यज्ञ का आयोजन महत्वपूर्ण है। यज्ञ के दौरान मंत्रों के उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है। यज्ञ से तन और मन पवित्र कर मानसिक शांति व आनंद की अनुभूति होती है और साथ ही हवन के धुएं के संपर्क में आने से व्यक्ति के मस्तिष्क, फेफड़ें और श्वास संबंधी समस्याएं दूर होती है जिससे श्वसन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। महाष्टमी के शुभ अवसर पर डॉक्टर रजनी सहगल व स्वरांजलि ने आर्य कन्या वरिष्ठ विद्यालय, जगाधरी का भ्रमण किया व गुरुकुल की ओर से स्कूल की प्रिंसिपल सविता शर्मा को 11 पंखे भेंट किए। यज्ञ के अवसर पर डॉ एम. के. सहगल, नमन सहगल, रवींद्र सिंह, विक्रांत गुलाटी, दीपक शर्मा, स्वप्रांश, गगन बजाज, ममता बत्रा, शैली चौहान विशेष रूप से उपस्थित रहे।