Thursday, December 26

 ‘खाली दिमाग, शैतान का घर’ होता है, इसलिए पंजाब सरकार नौजवानों को रोजग़ार मुहैया करने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है  
 
 पंजाब को तबाह करने की इच्छा रखने वालों से दूर रहें नौजवान  
 
 शिक्षा विभाग में नव-नियुक्त 245 नौजवानों को नियुक्ति पत्र सौंपे  
 

 राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : नौजवानों की अथाह शक्ति को रचनात्मक दिशा में लगाने की राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को 219 क्लर्कों और 26 नौजवानों को तरस के आधार भर्ती के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे, जिससे अब तक सरकारी नौकरियाँ हासिल करने वाले नौजवानों की कुल संख्या 27,042 हो गई।  
 यहाँ म्यूनिसिपल भवन में समारोह के दौरान नियुक्ति पत्र सौंपने के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘खाली दिमाग, शैतान का घर होता है। इसलिए हमने अधिक से अधिक नौजवानों को नौकरियाँ देने के लिए कोशिश कर रहे हैं, जिससे वह सामाजिक बुराईयों से दूर रहें।’’
 
 मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजग़ारी कई सामाजिक समस्याओं की जड़ है। इसलिए राज्य सरकार का ध्यान इसको ख़त्म करने पर लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि अपना पद संभालने के एक साल के अंदर-अंदर अब तक 27,042 सरकारी नौकरियाँ नौजवानों को दी जा चुकी हैं। भगवंत मान ने कहा कि यह मुहिम आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी क्योंकि राज्य सरकार नौजवानों के लिए रोजग़ार के अवसर पैदा करने पर सबसे अधिक ज़ोर दे रही है।  
 
 मुख्यमंत्री ने कहा कि यह म्यूनिसिपल भवन ऐसे समारोहों का गवाह बन चुका है, जिनमें नौजवानों को अलग- अलग विभागों में भर्ती के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए। उन्होंने कहा कि इससे राज्य सरकार की यह वचनबद्धता झलकती है कि वह नौजवानों के कल्याण और उनके लिए रोजग़ार के नए अवसर सृजन करने के लिए यत्नशील है। भगवंत मान ने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि इन पदों के लिए सभी नौजवानों का चयन मैरिट के आधार पर किया गया है।  
 
 मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह नौजवान सरकार का अभिन्न अंग बन गए हैं और अब उनको मिशनरी उत्साह के साथ लोगों की सेवा करनी चाहिए। भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि नए भर्ती हुए नौजवान अपनी कलम का प्रयोग समाज के दबे-कुचले वर्गों और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए करेंगे। उन नव-नियुक्त उम्मीदवारों को प्रेरित किया कि वह लोगों की अधिक से अधिक मदद करें, जिससे समाज के हरेक वर्ग को इसका फ़ायदा मिले।  
 
 मुख्यमंत्री ने शिक्षा सर्विस प्रोवाईडरों की चिंताओं को शांत करते हुए कहा कि राज्य सरकार संविदा पर भर्ती की प्रणाली को ख़त्म कर जल्द ही उनके वेतन बढ़ाने के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार समाज के हरेक वर्ग के कल्याण के लिए वचनबद्ध है और इस नेक कार्य में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। भगवंत मान ने कहा कि वह एक आम परिवार से सम्बन्धित हैं, जिस कारण वह आम आदमी की मुश्किलों को अच्छी तरह समझते हैं।  
 
 बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेदकर की मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महान राष्ट्रीय नायक द्वारा जीवन में दुश्वारियाँ बर्दाश्त कर प्राप्त की गईं उपलब्धियों से नौजवानों को प्रेरणा लेकर हरेक क्षेत्र में उपलब्धियाँ हासिल करनी चाहीए हैं। उन्होंने कहा कि कई दिक्कतों के बावजूद संविधान निर्माता ने शिक्षा हासिल की और जीवन में बुलन्दियों को छुआ। भगवंत मान ने कहा कि हरेक नौजवान अपने जीवन में सफलता हासिल करने के लिए इस महान नेता के जीवन और फलसफे से प्रेरणा ज़रूर लें।  
 
 मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे हवाई पट्टी हवाई जहाज़ की आरामायक उड़ान के लिए सहायक होती है, उसी तरह राज्य सरकार नौजवानों के सपनों को पूरा करने के लिए मददगार होगी। उन्होंने दावा किया कि नौजवानों के विचारों को उड़ान देने के लिए हरेक संभव कोशिश की जायेगी और इसमें कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। भगवंत मान ने नौजवानों को भावुक अपील की कि वह समाज में ख़ुद अपनी पहचान और स्थान बनाने के लिए मेहनत करें।  
 
 मुख्यमंत्री ने नौजवानों को पैराशूटर की जगह ज़मीन से जुड़े रहने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि ज़मीन से जुड़ा व्यक्ति ज़मीन से उठकर आसमान फ़तेह कर सकता है और इन मेहनती लोगों की हद आसमान ही होती है। इसके उलट पैराशूटर आसमान से आते हैं और उनको कभी न कभी ज़मीन पर गिरना होता है।  
 
 मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने अधिकारियों ख़ासकर डिप्टी कमिश्नरों और सीनियर सुपरीटेंडैंट ऑफ पुलिस को अधिक से अधिक फील्ड दौरे ख़ासकर गाँवों के दौरे करके लोगों के साथ बातचीत करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि यह समय की मुख्य ज़रूरत है कि लोगों को उनके रोज़ाना के काम आसानी से करवाने में सहायता देने के साथ-साथ उनके लिए बेहतर प्रशासन सुनिश्चित बनाया जा सके। भगवंत मान ने कहा कि इससे ज़मीनी हकीकतों से अवगत होने के साथ-साथ दफ़्तरों के कामकाज को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।  
 
 मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि कुछ लोग अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए राज्य को धार्मिक रास्ते पर बाँटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे स्वयं बने धर्म के नेताओं का राज्य और यहाँ के लोगों के साथ कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह नेता केवल राज्य की अमन-शांति को भंग करना चाहते हैं।  
 भगवंत मान ने कहा कि पंजाबियों को ऐसे प्रचारकों के विचारों से परेशान नहीं होना चाहिए, जिनका राज्य और यहाँ के लोगों के साथ जज़्बाती तौर पर कोई नाता नहीं है।  
 
 मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार हर कीमत पर पंजाब में शांति, सद्भावना और आपसी-भाईचारे को कायम रखने के लिए पाबंद है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा का युग है और विश्व भर में ज्ञान और महारत वाले लोगों की अलग पहचान है, जिस कारण राज्य सरकार पंजाब में शिक्षा को प्रफुल्लित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि वह नौजवानों के हाथों में किताबें, लैपटॉप, नौकरियाँ, तरक्की और मैडल देखना चाहते हैं।