बाल यौन शोषण पर अंकुश लगाने में कारगर साबित हुआ है पॉक्सो एक्ट : डॉ अंजू बाजपेयी
देश का बेहतर विकास होगा,जब बाल अधिकार हर बच्चे के पास होगा : डॉ अंजू बाजपेयी
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 29 मार्च :
उत्थान संस्थान की ईकाई चाइल्डलाइन यमुनानगर ने सेठ जय प्रकाश पॉलीटेक्निक कॉलेज मे ओपन हाउस कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान चाइल्डलाइन की डायरेक्टर डॉक्टर अंजू बाजपई ने उपस्थित सभी बच्चो और अध्यापकों को पॉक्सो एक्ट के बारे मे जानकारी देते हुए कहा की बच्चे भगवान का रूप होते है। हालांकि प्रतिदिन के जीवन में हमे बच्चों के यौन-शोषण से सम्बंधित खबरे सुनने को मिलती है। बच्चे शारीरिक एवं मानसिक रूप से परिपक्व नहीं होते ऐसे में आपराधिक प्रवृति के लोग बच्चों की मासूमियत का फायदा उठाकर बच्चों के यौन-शोषण को अंजाम देते है। देश में बच्चों के यौन-शोषण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार द्वारा पॉक्सो एक्ट लागू किया गया है।
जिससे की बाल यौन-शोषण की घटनाओ पर अंकुश लगाया जा सके। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सभी देशवासियों को पॉक्सो एक्ट के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है तभी वे अपने बच्चों को बाल यौन-शोषण के बारे में जागरूक कर सकते है। साथ ही बच्चों के प्रति होने वाले यौन अपराधों के उन्मूलन के लिए भी सभी नागरिको को पॉक्सो एक्ट के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है। तभी बाल यौन-शोषण के विरुद्ध प्रभावी लड़ाई लड़ी जा सकती है।आगे बाल अधिकारो के बारे मे जानकारी देते हुए चाइल्डलाइन की जिला समन्वयक स्वाति ने कहा कि सरकार की ओर से तमाम हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर कॉल करके अपनी समस्याओं का समाधान किया जाता है। ऐसे ही एक चाइल्ड लाइन सेवा 1098 को शुरू किया है, जिस पर निशुल्क कॉल करके 0 से 18 साल तक के बच्चों के साथ होने वाले बाल अपराधों को रोका जा सकता हैं।
उन्होंने बताया कि किसी बच्चे का शोषण हो रहा है, उसे प्रताड़ित किया जाता हैं, मारपीट कर घर से भगा दिया जाता हैं,कोई बच्चा ढाबे व दुकानों पर बालश्रम कर रहा है, किसी बच्चे को भिक्षावृत्ति करनी पड़ रही है, कहीं पर बाल विवाह हो रहा है,मानव तस्करी के दौरान बच्चों को ले जाया जाता है,या कोई बच्चा नशे मे लिप्त है यह सभी प्रकार की घटनाएं बाल अपराध के अंतर्गत आती हैं। इनसे प्रताड़ित बच्चों को सहारे की जरूरत होती है।उन्होंने छात्राओं से कहा कि अगर आपके साथ या फिर किसी अन्य बच्चे के साथ इस तरह की घटनाएं होती है और लगता है कि वह मुसीबत में हैं, तो बेहिचक होकर चाइल्ड लाइन सेवा 1098 को कॉल करें। बताया कि इस नंबर के डायल करने पर तुरंत ही आपकी बात सुनीं जाएगी। नाम, पता और समस्या को नोट कराने के 60 मिनट में चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंच कर बच्चे की मदद के लिए पहुंचती है।कॉलेज के प्रिंसिपल अनिल बुद्धिराजा ने चाइल्डलाइन के कार्य की सराहना करते हुए कहा की समाज के सभी नागरिकों को बच्चो की मदद के लिए आगे आना चाहिए जिससे बच्चो को उनके अधिकार दिलवाए जा सके और कोई भी बच्चा अपने अधिकारो से वंचित न रह जाए।मौके पर चाइल्डलाइन टीम से सुमित सोनी और हनी तोमर मौजूद रहे।