Sunday, December 22

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 28 मार्च :

सांसद रतनलाल कटारिया ने भारत की संसद में रूल 377 के अंतर्गत मुद्दा उठाया कि भारत के लिए गौरव की बात है कि भारत को विश्व के सबसे शक्तिशाली जी-20 की अध्यक्षता प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है l इस शक्तिशाली समूह की वैश्विक जीडीपी में 85% भागीदारी है l विश्व का 80% उत्पादन जी-20 देशों में होता है इस समूह का वैश्विक व्यापार में 75% योगदान है l विश्व की 65% जनसंख्या इन देशों में रहती है।

रतनलाल कटारिया ने संसद में कहा कि 23 साल पहले 1999 में एशिया में आए वित्तीय संकट के परिणाम स्वरूप जी-20 का गठन हुआ और 2008 में इसे राष्ट्रीय अध्यक्षों एवं सरकारों के बीच गठजोड़ के रूप में उन्नत किया गया lभारत में विगत वर्षों में कई उपलब्धियां प्राप्त की है भारत के लोकतंत्र का यह मंदिर यानी कि संसद निश्चित तौर पर जी-20 देशों की अध्यक्षता करते हुए अपनी उपलब्धियों को विश्व के साथ साझा कर सकता है l हम सब भारत की संसद के सदस्यगण भारत की विविधता और अनेकता में एकता के संदेश को प्रसारित कर सकते हैं l रतनलाल कटारिया ने संसद में कहा कि भारत का कोविड प्रबंधन विश्व के लिए अनुकरणीय रहा है, और विश्व की सभी संस्थाओं ने भारत के भरपूर प्रशंसा की है l COVID-19 महामारी के दौरान भारत ने, ना केवल अपने प्रबंधन को बेहतरीन रखा बल्कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न आपूर्ति भी की है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बाली (इंडोनेशिया) में हुए जी-20 अधिवेशन के दौरान निभाई गई, भारत की भूमिका के लिए भरपूर प्रशंसा की है, और सभी देशों ने भारत के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के इस संदेश की सराहना की है कि यह वक्त युद्ध का नहीं बल्कि शांति का हैं lरतनलाल कटारिया ने कहा कि भारत ने सारी दुनिया को यह विश्वास दिलाया है कि हम “एक पृथ्वी एक परिवार और एक भविष्य” के संकल्प के साथ दुनिया के साथ मिलकर चलेंगे।

भारत के वित्तीय समावेशन के मॉडल की सारे विश्व में प्रशंसा हो रही है। भारत अपनी पहली बैठक वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक साझेदारी पर आयोजित कर रहा है। G-20 अंतरराष्ट्रीय आशाओं का केंद्र बिंदु बना हुआ है। भारत ने विश्व में “वसुधैव कुटुंबकम” के मंत्र से विश्व को अपनी ओर आकर्षित किया हैं।