चन्द्रमोहन ने कालका मंदिर में टेका माथा

Navratri 2020:आज से होंगे मां काली के दर्शन, पंडावों से जुड़ी है मान्यता,  यहां पूरी होती हर मुराद - Navratri 2020: Maa Kali Temple Is Decorated In A  Grand Way At Kalka -
प्राचीन काली माता मंदिर कालका

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकुला – 28 मार्च :

कालका पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन जी ने मंगलवार  को श्री प्राचीन कालका काली माता मंदिर में पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की

भाई चन्द्रमोहन ने कहा कि नवरात्रि के पावन अवसर पर उन्हें माता के दरबार आने का अवसर मिला है। उन्होंने माता रानी से प्रदेश के लोगों की सुख, शांति, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की है

पंचकूला के काली माता मंदिर को कालका मंदिर के रूप में भी जाना जाता है जो हिमाचल प्रदेश के पूर्वी हिस्से के लिए एक प्रवेश द्वार है। वास्तव में कालका एक शहर है जोकि काली माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर पंचकूला के पुराने मंदिरों में से एक है।

श्री कालिका माता मंदिर वैसे तो श्री काली देवी का सर्वप्रसिद्ध शक्तिपीठ भारत के प्रमुख नगर कलकत्ता में स्थित है। यहा पर भगवती सती के केश (बाल) गिरे थे। यहा हम उस कालिका माता मंदिर का वर्णन कर रहे है। जो हरियाणा प्रांत के पंचकुला जिले के प्रमुख शहर कालका में स्थित है। वैसे हम आपको बता दे इस स्थान की गणना 51 शक्तिपीठो में नही है लेकिन इस स्थान के बारे में मान्यता है कि भगवती देवी सती के केशो के कुछ अंश इस स्थान पर भी गिरे थे। इस स्थान के प्रभाव और माता के चमत्कारो के कारण इसकी मान्यता भक्तो में बहुत अधिक है। कालिका माता मंदिर में माता के दर्शन एक पिण्डी के रूप में किए जाते है।

इस मंदिर के नाम पर शहर का नाम पड़ा कालका साथ में पूर्व चेयरमैन सोहन लाल गुजर देवी नगर, स्व० भजनलाल जी(पूर्व मुख्यमंत्री,हरियाणा) के परम मित्र स्व० विजय कुमार कपूर जी(पूर्व चेयरमैन पंजाबी एकता मंच एवम्  पूर्व पार्षद) इनके बेटे एडवोकेट पुनीत कपुर जी भी साथ थे