मुख्यमंत्री द्वारा लोगों की समस्याएँ उनके घरों पर ही हल करने के लिए पुलिस का वैज्ञानिक तरीकों से आधुनिकीकरण करने की ज़रूरत पर ज़ोर

पुलिस की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार समय की ज़रूरत  
बच्चों एवं औरतों की गुमशुदगी और शोषण की रिपोर्ट करने के लिए चैट बोट नंबर 95177-95178 जारी  

इस कदम को ‘नये युग की शुरुआत’ बताया  

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : पुलिस बल के वैज्ञानिक तरीकों से आधुनिकीकरण पर ज़ोर देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कहा कि लोगों को समस्याओं का ऑनलाइन माध्यम के द्वारा उनके घरों में ही हल करने की सुविधा देना समय की ज़रूरत है।  
यहाँ इंडियन स्कूल ऑफ बिजऩेस (आई.एस.बी.) में औरतों और बच्चों की गुमशुदगी और शोषण की रिपोर्ट करने के लिए चैट बोट (95177-95178) लॉन्च करते हुए और महिलाओं एवं बच्चों के अधिकारों के बारे में वर्कशॉप का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश सेवा में अनगिनत बलिदान देने की पंजाब पुलिस की गौरवमयी विरासत रही है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने का अपना मुख्य कर्तव्य निभाते हुए पंजाब पुलिस ने हमेशा देश और इसके लोगों के हितों की रक्षा की है। भगवंत मान ने कहा कि बदल रहे हालातों में पुलिस बल के लिए चुनौतियाँ कई गुना बढ़ी हैं, जिसके लिए कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार समय की ज़रूरत बन गए हैं।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था पर सख़्ती से निगाह रखने के अलावा पुलिस बल को कम्युनिटी पुलिसिंग पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इस समय कई लकीर से हटकर पहलें की गई हैं और लोगों को सुविधा देने के लिए ऐसी और पहलें करने की ज़रूरत है। भगवंत मान ने कहा कि आज विज्ञान और प्रौद्यौगिकी का युग है। इसलिए लोगों की समस्याओं का निर्णय ऑनलाइन सुविधाओं के द्वारा उनके घरों में ही करने पर काफी ध्यान देने की ज़रूरत है।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि समूची न्याय-प्रणाली में सिरे से सुधार करने की ज़रूरत है और पुलिस इस प्रणाली का केंद्र है, जिसमें तत्काल सुधारों की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे पुलिस सुधारों का मंतव्य नैतिक मूल्यों, सभ्याचार, पुलिस संगठन की नीतियों और सदाचार में बदलाव होगा, जिससे पुलिस लोकतांत्रिक नैतिक मूल्यों, मानवीय अधिकारों और कानून के मुताबिक अपने कर्तव्य निभा सके। भगवंत मान ने कहा कि इसका एक मंतव्य सुरक्षा क्षेत्र के अन्य भागों से निपटने के लिए पुलिस को योग्य बनाना है, जिनमें मैनेजमेंट और निगरानी की जि़म्मेदारियां शामिल हैं।  
संगरूर सांसदीय हलके की मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जि़ले के हरेक कोने पर नजऱ रखने के लिए वहां आधुनिक सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने शुरू किए हैं। उन्होंने ऐलान किया कि इसको अब राज्य भर में लागू किया जाएगा, जिससे पुलिस पर काम का बोझ घटाने के साथ-साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति पर प्रभावशाली तरीके से नजऱ रखी जा सके। भगवंत मान ने सी.सी.टी.वी. कैमरों को पुलिस की तीसरी आँख बताया और कहा कि इनसे किसी भी असुखद घटना से निपटने के लिए तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित बनाई जा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने विभाग के आधुनिकीकरण के लिए पुलिस बल द्वारा पहलों की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि मानव तस्करी पुलिस के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे समाज के लिए गंभीर ख़तरा बन रही है। भगवंत मान ने कहा कि इस खतरे के साथ सख़्ती से निपटने की ज़रूरत है, जिसके लिए पुलिस द्वारा लकीर से हटकर चैट बोट नाम की पहल एक स्वागतयोग्य कदम है।  
पुलिस से काम का बोझ घटाने के लिए गाँवों या घरों के स्तर पर सलाह-परामर्श करने की प्रणाली को मज़बूत करने की ज़रूरत को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे जहाँ राज्य में सामाजिक ताना-बाना मज़बूत होगा, वहीं लोगों के बीच आपसी प्यार भी बढ़ेगा। भगवंत मान ने कहा कि इससे सामाजिक बदनामी के अलग-अलग कारणों को ख़त्म करने में मदद मिलेगी और सभी के लिए समान अवसरों वाला समाज सृजन करने का रास्ता साफ होगा। चैट बोट को पुलिस प्रणाली में सुधार के लिए नवीन पहल बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील मुल्क को लोगों की समस्याओं का तेज़ी से समाधान करने के लिए वाट्सऐप चैट बोट और अन्य ऑनलाइन तरीकों की ज़रूरत है।  
औरतों को हरेक क्षेत्र में आगे आने का न्योता देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्बन्धी राज्य सरकार ने बेमिसाल कदम उठाते हुए सात औरतों को डिप्टी कमिश्नर और पाँच को एस.एस.पी. नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि यह अफ़सर राज्य और इसके लोगों की बेमिसाली सेवा कर रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि यह अफ़सर अन्य औरतों को आगे आने एवं अपने परिवारों के लिए कमाऊ बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिससे दहेज और भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियाँ अपने आप हल हो जाएंगी और महिलाओं के सशक्तिकरण का रास्ता साफ होगा।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि औरतों को दरपेश समस्याओं का हल करने के लिए राज्य सरकार ने पहले ही पंजाब में 10 महिला पुलिस थाने स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि औरतों को इंसाफ़ सुनिश्चित बनाने के लिए यह थाने बढिय़ा तरीके से काम कर रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब भर में ऐसे और थाने स्थापित करने पर विचार कर रही है।  
अपनी लिखी कविता ‘न तो मुझे जन्म से पहले ही मारा गया, न ही मेरे जन्म का दुख ही सहा गया’ सुनाते हुए मुख्यमंत्री ने हरेक क्षेत्र में औरतों के लिए समान अवसरों की वकालत की। उन्होंने कहा कि लड़कियों ने हरेक क्षेत्र में लडक़ों को पछाड़ा है और अगर लड़कियों को अवसर मिले तो वह हरेक क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ सकती हैं। भगवंत मान ने कहा कि नौजवान समाज की बुनियाद हैं और उनको विश्व स्तरीय शिक्षा के अवसर मुहैया करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही, जिससे वह देश के सामाजिक-आर्थिक विकास का अभिन्न अंग बन सकें।  
इससे पहले सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि विभाग बच्चों को ही नहीं, बल्कि बचपन को भी बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि औरतों और बच्चों के कल्याण के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और ‘विद्या प्रकाश, स्कूल वापसी का आग़ाज़’ इनमें से एक है, जो धीरे-धीरे सफलता का प्रतीक बन रहा है।  
इस अवसर पर डी.जी.पी. गौरव यादव ने पुलिस की कार्यप्रणाली संबंधी संक्षिप्त में प्रकाश डाला और आश्वासन दिया कि पुलिस जवानों के लिए अनुकूल माहौल सृजन किया जाएगा। ए.डी.जी.पी. गुरप्रीत कौर दिओ ने समारोह में पहुँची सभी प्रमुख शख़्िसयतों का स्नेहपूर्ण स्वागत किया।