बेटियों का संरक्षण कर उन्हें शिक्षित करना होगा : अलका गर्ग


सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 27 मार्च :

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जिला कोऑर्डिनेटर अल्का गर्ग ने बताया कि  यदि समाज का एक एक व्यक्ति जागे, खासतौर पर माता-पिता जागरूक हो और यह शपथ ले कि कन्या भ्रूण हत्या जैसा घृणित अपराध न तो वह स्वयं करेंगे और न ही अपने चिर परिचितों व नाते- रिश्तेदारों में होने देंगे। इसके साथ यह भी संकल्प लेना होगा कि हर माता पिता अपनी बच्ची को न केवल बचाऐंगे बल्कि उन्हें खूब पढाऐंगे और आगे बढ़ाऐगे। यदि ऐसा हो सका तो निश्चित रूप से लिंगानुपात में परिवर्तन सुनिश्चित है। अलका गर्ग ने कहा कि हमारे ग्रंथ और महापुरुषों ने भी कन्या और नारी शक्ति को श्रेष्ठतम स्थान पर रखा है। इसलिए हम सबको यह संकल्प करना चाहिए कि बेटियों को हम पूरे अवसर दे ताकि यह घर, परिवार, समाज व देश का नाम रोशन कर सके। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या पर प्रहार करते हुए कहा कि कानून तो काम कर ही रहा है जब तक समाज में चेतना नहीं आएगी तब तक हमारी बेटिया सुरक्षित नहीं रहेगी।

उन्होंने ने जोर देकर कहा कि हम केवल बहुत से उद्देश्य अपने घरों की बहन-बेटियों को ही देते हैं, हम अपने बेटों को सही नसीहत दे तो वह समाज की बेटियों का सम्मान करना सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या करना महापाप है,ऐसा पाप करने वालो को कभी मुक्ति नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि मां-बाप बच्चे के सुरक्षा गार्ड होते है और अगर वही गर्भ में पल रहे भ्रूण की हत्या करवाए तो इससे बड़ा पाप और कोई नहीं है।

अलका गर्ग ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हरियाणा प्रदेश से ही की थी। प्रधानमंत्री की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाएं भी जुड़ी है।  उन्होंने ने माता-पिता को संदेश देते हुए कहा कि बेटिया बोझ नहीं होती अगर उनको मौका मिले तो वह भी घर का सहारा बनती है। बेटियों की शिक्षा के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि जहां बेटे के शिक्षा एवं रोजगार से केवल एक ही परिवार को फायदा होता है, वहीं बेटियों की पढ़ाई से दो परिवारों को लाभ होता है। बेटियां न केवल अपने पीहर को शिक्षित करती है बल्कि अपने ससुराल पक्ष को भी शिक्षित करते हुए आर्थिक एवं सामाजिक तौर पर मजबूत करती है। बेटियां हर क्षेत्र में समाज का नेतृत्व कर रही है। उन्होंने कहा कि आज बेटियां किसी पर निर्भर नहीं है। बेटियां स्वावलंबी है और वे आईएएस,आईपीएस व न्यायाधीशों के सम्मानित पदों पर काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की बेटी कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में अमेरिका के नासा के प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर देश का मान-सम्मान बढ़ाया है। बेटी बचाओ-बेटी पढाओ की जिला कोऑर्डिनेटर अलका गर्ग ने कहा कि बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं है बल्कि शिक्षा व विज्ञान जैसे क्षेत्रों में बेटों से आगे हैं। सरकार द्वारा बेटियों के मान-सम्मान व सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि समाज को सामान्य बनाए रखने के लिए प्रकृति ने जो नियम बनाए है हमें प्रकृति के उन नियमों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। प्रकृति का नियम है कि लिंगानुपात बराबर हो।

उन्होंने कहा कि आज लोगों को बेटियों के प्रति अपनी सोच बदलनी होगी और बेटियों का संरक्षण कर उन्हें शिक्षित करना होगा ताकि हमारा समाज, प्रदेश व देश और अधिक तरक्की कर सकें।