मुख्यमंत्री द्वारा जालंधर निवासियों को 100 करोड़ रुपए के विकास प्रोजेक्टों का तोहफ़ा
ऑटोमैटिक मिल्क प्लांट और स्मार्ट स्कूल लोगों को समर्पित, लैदर कॉम्पलैक्स में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रोजैक्ट का नींव पत्थर रखा
राज्यों के फंड में जान-बूझ कर काँटे बिछाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना
केंद्र सरकार के भद्दे हत्थकंडों से संघीय ढांचा कमज़ोर हो रहा है
आर.डी.एफ. और जी.एस.टी. का बनता हिस्सा लेने की पंजाब की कोशिशों को सफल नहीं होने दिया जा रहा
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : जालंधर निवासियों को बड़ा तोहफ़ा देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शहर की कायाकल्प करने के लिए कुल 100 करोड़ रुपए के विकास प्रोजैक्ट लोगों को समर्पित किए और कई प्रोजैक्टों का नींव पत्थर रखा।
मुख्यमंत्री ने 84 करोड़ रुपए की लागत के साथ तैयार वेरका का ऑटोमैटिक फरमैंटिड दूध उत्पादन प्लांट शहर निवासियों को समर्पित किया। इसी तरह उन्होंने बस्ती दानिशमन्दां में 4.83 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए स्मार्ट स्कूल का वर्चुअल माध्यम के द्वारा उद्घाटन भी किया। भगवंत मान ने शहर के लैदर कॉम्पलैक्स में सडक़ें और स्ट्रीट लाईटें लगाने के प्रोजैक्ट का भी नींव पत्थर रखा।
इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जालंधर को आने वाले दिनों में आदर्श शहर के तौर पर विकसित किया जायेगा और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। भगवंत मान ने शहर में खेल उद्योग को भी गति देने का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के किसानों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने फ़सल के खराबे के मुआवज़े में 25 प्रतिशत वृद्धि का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की 75 प्रतिशत से अधिक फ़सल का नुकसान हुआ है, उनको राज्य सरकार द्वारा 15 हज़ार रुपए प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जायेगा। भगवंत मान ने कहा कि इसका मंतव्य हर कीमत पर किसानों के कल्याण को सुनिश्चित बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यह मुआवज़ा 12 हज़ार रुपए प्रति एकड़ था, परन्तु हमारी सरकार ने इसको बढ़ाने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि पहले मुआवज़ा देने की समूची प्रक्रिया एक ढकोसला थी, क्योंकि सरकारें किसानों को बहुत कम मुआवज़ा देने की आदी थीं। भगवंत मान ने कहा कि किसानों को राहत देने की बजाय पिछली सरकारें अन्नदाता के ज़ख्मों पर नमक छिडक़ती थीं।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि वेरका के 1.25 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले पूरी तरह ऑटोमेटिड फरमैंटिड दूध उत्पादन प्लांट का 84 करोड़ रुपए की लागत के साथ निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट में 50 एम.टी. प्रतिदिन की क्षमता वाला ऑटोमेटिड दही प्लांट और 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन की लस्सी प्रोसैसिंग और पैकेजिंग प्लांट शामिल है।
भगवंत मान ने उम्मीद अभिव्यक्त की कि इस कदम से जालंधर, कपूरथला, शहीद भगत सिंह नगर जि़लों के दूध उत्पादकों को दूध की बढिय़ा कीमतें मिलनी सुनिश्चित बनेंगी। इसके अलावा पास के इलाकों के नौजवानों और उद्यमियों को रोजग़ार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर मुहैया हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने एक साल पहले ई.वी.एम. का बटन दबाकर उनको वोट डाली। भगवंत मान ने कहा कि एक साल के भीतर ही वह अब रोज़ाना के चार से पाँच बटन दबाकर नए प्रोजैक्ट राज्य के लोगों को समर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब राज्य सरकार की कोशिशों से पंजाब देश भर में अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार समानता वाला समाज सृजन करने के लिए अमीरों और गरीबों के बीच के अंतराल को ख़त्म करने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने इस सम्बन्धी कई बेमिसाल पहलें की हैं। उन्होंने कहा कि नौजवानों को रोजग़ार के अवसर मुहैया करने के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र की मज़बूती के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने अब तक राज्य भर के 26,797 नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दी हैं और यह समूची भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी की गई और इसमें मैरिट को ही एकमात्र आधार रखा गया। उन्होंने कहा कि अब यह नौजवान राज्य की सामाजिक-आर्थिक तरक्की के अभिन्न अंग बने हैं। भगवंत मान ने कहा कि केवल एक साल में इतनी बड़ी संख्या में नौजवानों को रोजग़ार देने से राज्य सरकार की नौजवानों के कल्याण को सुनिश्चित बनाने और उनके लिए रोजग़ार के नए क्षितिज सृजन करने की वचनबद्धता झलकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को मानक शिक्षा मुहैया करने के लिए 23 जि़लों में 117 ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ स्थापित किए गए हैं। भगवंत मान ने कहा कि इन स्कूलों में विद्यार्थियों को इंजनियरिंग, लॉ, कॉमर्स, यू.पी.एस.सी. और एन.डी.ए. के साथ-साथ पाँच पेशेवर और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य के लोगों को मानक स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया करने के लिए 500 से अधिक आम आदमी क्लीनिक लोगों को समर्पित किए हैं। उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों के द्वारा विश्व स्तरीय इलाज और टैस्ट सुविधाएँ मुफ़्त मुहैया की जा रही हैं। भगवंत मान ने कहा कि अब तक 15 लाख से अधिक व्यक्ति इन आम आदमी क्लीनिकों से लाभ ले चुके हैं और 1.75 लाख मरीज़ों ने कुछ महीनों में ही मुफ़्त टैस्ट करवाए हैं।
बाद में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्यों के साथ सौतेली माँ वाला सलूक करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश के संघीय ढांचे को कमज़ोर कर केंद्र सरकार राज्यों के कानूनी हकों पर डाके मार रही है और राज्यों के हितों को सरेआम नजऱअन्दाज़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त राज्यपाल लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकारों की आवाज़ दबाने के लिए मशीनों के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के हितों पर डाका मारा जा रहा है, जो लोकतंत्र और संघीय ढांचे के लिए नुकसानदेय है। भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए घातक है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार जान-बूझकर राज्यों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास फंड (आर.डी.एफ.) के 30 हज़ार करोड़ रुपए अभी तक केंद्र सरकार के पास बकाया पड़े हैं। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने सारी कागज़ी कार्यवाही मुकम्मल कर ली है, परन्तु केंद्र सरकार अनावश्यक रूप से काँटे बिछाकर आर.डी.एफ. और जी.एस.टी. के फंड को रोक रही है। उन्होंने कहा कि एक अन्य फ़ैसले में पंजाब को आवंटित कोयला खदानों से कोयला श्रीलंका के द्वारा लाने के लिए कहा गया, जो किसी भी तरह से जायज़ नहीं था। भगवंत मान ने कहा कि ऐसे फ़ैसलों से केंद्र और राज्यों के रिश्तों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि अमृतपाल सिंह के मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब भर में शान्ति और आपसी-भाईचारे को बरकरार रखने के लिए हर संभव कदम उठाया है। भगवंत मान ने पंजाब में हर कीमत पर कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए राज्य सरकार की वचनबद्धता दोहराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस बात के हिमायती हैं कि विचारों और नज़रिए के भिन्नताओं वाली लोकतंत्र हमेशा सफल रहती है। भगवंत मान ने कहा कि लोकतंत्र में विरोधी पक्ष और सत्ताधारी दोनों अहम पक्ष होते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर कीमत पर लोगों की आवाज़ का सम्मान होना चाहिए।