Monday, December 30

विनोद कुमार तुषावर, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 25  मार्च :

चंडीगढ़ शहर अपनी सुदंरता के कारण देश विदेश में अपनी अलग पहचान रखता हैं, यहाँ का सवचछ वातावरण, शांत माहौल,खूबसूरत सङके,बङे बङे माल सभी को अपनी और आकर्षित करतें है,इसके साथ यहाँ पर एक आबादी ऐसी भी हैं जो चंडीगढ़ की सुंदरता पर धब्बा नजर आती है, बात करतें है शहर में बनीं झुगगियो की, जो राजनीति दलों एवं इनके नेताओं के लिए केवल और केवल वोट बैंक मात्र बनकर रह गए है, जैसें ही लोकसभा चुनाव नजदीक आते है, वैसे हीं नेताओं को इन झुग्गी वालों की याद आ जाती है,

चंडीगढ़ से सटे पंचकूला,मोहाली में भी कुछ लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं ?? ना रहनें को छत है,ना पीने को साफ पानी, प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई है जिसमें झुग्गी झौपङियो में रहने वाले लोगों को पक्के मकान बनाकर दिए जानें की बात की गई हैं ?? कितने लोगों को मकान दिए गए है यह तो बङी बहस का मुद्दा बन सकता है, लेकिन जो लोग पिछले 20-22 सालों से झुगगियो में अपना जीवन यापन कर रहे है,वह बेचारे इसी उम्मीद में हैं कि कभी हमारी भी किस्मत जागेगी  ?? शासन प्रशासन द्वारा कई बार इन लोगों के सर्वे करवाकर खानापूरति कर दी जाती हैं,नतीजा वहीं ढाक के तीन पात रहता है ?? अगर प्रशासन द्वारा कोई हाउसिंग सोसायटी,माल बनाना हो तो पूरा प्रशासन लग जाता हैं, बात यदि इन गरीब लोगों की करें तो मामला गृह मंत्रालय के अधीन होने का कहकर पल्ला झाङ लिया जाता हैं ??  क्या गरीबों को जीने का हक नहीं हैं  ?? क्या इन्हे इनके रहमो करम पर छोड़ देना चाहिए ?? आखिर शासन प्रशासन को स्पष्टीकरण तो देना ही चाहिए  ??