असगरपुर पंचायत का जंगल खैर तस्करों के निशाने पर
जंगल से लाखों के पेड़ चोरीवन विभाग पंचायत विभाग दोनों एक दूसरे पर थोप रहे जिम्मेदारी
कोशिक खान , डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, सढौरा – 22 मार्च :
अकबरपुर ग्राम पंचायत की पंचायती भूमि से बेशकीमती भारी-भरकम खैर के पेड़ों का अवैध कटान लगातार जारी है। वैसे खानापूर्ति से करने के लिए पंचायत ने अज्ञात चोरों के खिलाफ थाने में शिकायत देकर पंचायती जंगल से 12 पेड चोरी करने का मामला दर्ज करवाया है पर मौके पर पंचायती जंगल से लगभग सैकड़ों पेड़ गायब हैं। काटे गए पेड़ों की मुंडी व अवशेष अभी मौके पर ही पड़े हुए हैं। जंगल मे हो रहे अवैध कटान बारे में जब सढौरा वन विभाग के रेंज अधिकारी कृष्ण से बातचीत की गई तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह जंगल पंचायत का है और पंचायत की ही जिम्मेदारी बनती है उनका इन पेड़ों से कोई लेना-देना नहीं है। जबकि यह क्षेत्र सेक्शन 4-5 के अंदर पड़ता है।
सेक्शन 4-5 के अंदर पेड़ों की सुरक्षा की जिम्मेवारी वन विभाग की बनती है। फिर पेड़ चाहे वन विभाग पंचायत सिंचाई विभाग किसी भी विभाग की जमीन पर क्यों ना खड़े हो। इसी तरह पंचायती भूमि से हो रहे पेड़ कटान मामले में बीडीपीओ सढौरा श्यामलाल का कहना है कि पंचायती भूमि में खड़े पेड़ों की सुरक्षा वन विभाग के जिम्मे है। पेड़ों को कोई भी चोरी से काटता है या किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाता है तो इसकी जिम्मेवारी वन विभाग के पास है। ऐसे में हैरत इस बात की है कि पंचायती भूमि से लगभग दस लाख से ज्यादा किमत की खैर की लड़की चोरी हो चुकी है पर जिम्मेदारी लेने को कोई भी विभाग तैयार नहीं है। असगरपुर पंचायती भूमि से खैर के पेड़ों का कटान जारी है।
वन विभाग और पंचायत विभाग दोनों ही पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में पेड़ों की सुरक्षा राम भरोसे है।इस बारे में अकबरपुर के सरपंच यशपाल का कहना है कि पंचायती भूमि से जो खैर के पेड़ काटे जा रहे हैं वह मौके पर मौजूद वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से काटे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी पंचायती भूमि से 18 पेड़ कटे थे उस समय भी वन गार्ड छुट्टी पर गया हुआ था और अब 12 पेड़ कटे हैं अब भी वन गार्ड छुट्टी पर गया हुआ था। जिसे देखकर अंदाजा लगाया जाता है कि इन लोगों की मिलीभगत से ही पंचायती भूमि से पेड़ काटे जा रहे हैं। सरपंच ने बताया कि सेक्शन 4-5 में खड़े सभी पेड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग की है और वह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते।