चंडीगढ़ पुलिस का एएसआई और हेड कांस्टेबल रिश्वत केस में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार
- रेप केस में बचाने की एवज में मांग रहे थे 50 हजार रुपए
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 22 मार्च :
चंडीगढ़ सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच ने चंडीगढ़ पुलिस के एएसआई वरिंदर राणा और हेड-कांस्टेबल रणदीप को रेप केस में बचाने की एवज में 20 हजार रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है, जबकि आरोपियों ने 50 हजार रुपये की डिमांड की थी। आरोपी पुलिसकर्मी सेक्टर 24 पुलिस चौकी(सेक्टर 11 थाना क्षेत्र के अधीन) में तैनात हैं। अब सवालों की घेरे में थाना पुलिस और चौकी पुलिस भी है।
दोनों आरोपियों को सीबीआई ने कोर्ट में पेश कर चार दिन का रिमांड माँगा लेकिन बचाव पक्ष से वकील दीपा असधिर दुबे ने सीबीआई रिमांड का विरोध करते हुए उनकी एफआईआर पर सवाल खड़े किये, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
सीबीआई ने बच्चो को भी मारा
रणदीप राणा की पत्नी ममता राणा ने सीबीआई कर्मियों पर उनके बच्चों के साथ मारपीट के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बीती मंगलवार शाम को लगभग 7 बजे दर्जन भर से ज्यादा सीबीआई कर्मी सेक्टर 23 स्थित उनके घर में दाखिल हुए। उस दौरान वह कहीं बाहर गई हुई थी। उनके पति और बच्चे घर पर थे। पति टीवी देख रहे थे। सीबीआई कर्मियों ने उनके 14 साल के बेटे को धक्का मारा। फिर बेटियों को धक्के मारे और बालों से पकड़ कर खींचा। उनकी छाती पर धक्का मारा। परिवार के सभी फोन जब्त कर लिए गए। इसके बाद उनके पति को पकड़ कर ले गए। ममता राणा के मुताबिक सीबीआई कई घंटों तक उनके घर में छापेमारी करती रही। रात लगभग 2.30 बजे वह गए।
लेडी कॉन्स्टेबल नहीं थी
ममता ने कहा कि सीबीआई ने उनके घर में घुस बेटियों को धक्के दिए। वह अपने साथ लेडी कॉन्स्टेबल को नहीं लाए थे। बाद में लेडी कॉन्स्टेबल को बुलाया गया। वहीं सीबीआई की धक्केशाही की बनाई गई वीडियो भी डिलीट करवा दी गई। हालांकि एक-दो वीडियो बच गई। वहीं सीबीआई कभी रिश्वत की रकम 1 लाख रुपए बता रही थी तो कभी 50 हजार और कभी 10 हजार रुपए। ममता के मुताबिक उनके घर से कोई रकम बरामद नहीं हुई।
हेड कांस्टेबल के परिजनों और सीबीआई के बीच काफी कहासुनी हुयी। परिजनों ने गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई का विरोध भी किया। हेड कांस्टेबल की पत्नी ने सेक्टर 17 के थाने में सीबीआई के खिलाफ शिकायत भी दी है। वहीँ सीबीआई ने भी अपनी शिकायत दर्ज करवाई। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में आरोपी एएसआई वरिंदर का नाम रविंदर लिखा हुआ है।
रिश्वत की रकम बढ़ा दी
पहले रणदीप 10 मार्च को 10 हजार रुपए ले चुका था। वॉट्सऐप कालिंग कर वह शिकायतकर्ता पर पुलिस अफसर से मिलने का दबाव बना रहा था। बाद में रणदीप ने रिश्वत की रकम 1 लाख रुपए कर दी। शिकायतकर्ता ने कहा कि वह 21 मार्च तक सिर्फ 50 हजार रुपए की अरेंज कर सकता है। इस रिकार्डिंग के आधार पर सीबीआई ने अपनी जांच आगे बढ़ाते हुए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है। सीबीआई ने एफआईआर में शिकायतकर्ता और आरोपी पुलिसकर्मियों के साथ हुई बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट भी पेश की है।
बॉक्स
एएसआई वरिंदर की पैसे मांगने की बात की रिकॉर्डिंग
एएसआई : तू बलात्कार कित्ता होना?
शिकायतकर्ता : नहीं बेवजह फंस गया। मैं तां कुछ कित्ता नहीं।
एएसआई : तू निबेड़ के जा हुन।
शिकायतकर्ता : दस हजार दे दित्ते, बाकी होले होले निबेड़ दूंगा। एक साथ नहीं दे सकता।
एएसआई: जल्दी निबेड़, बाकी राणा दस दुगा।
हेड- कांस्टेबल रणदीप की रिकॉर्डिंग
हेड- कांस्टेबल : तू केंदा है, आंदा नहीं, ठीक नहीं है।
शिकायतकर्ता : यार मैं जद गलत कम कित्ता ही नहीं।
हेड- कांस्टेबल : जा तू फेर रोटियां खा खेत विच, जद कुछ होया फेर न आयी मेरे कोल।
शिकायतकर्ता : ता फेर की करा, दस यार।
हेड- कांस्टेबल : मैनु की, मैं ता यारी दोस्त विच गल कर रहा हा, अफसर बाद विच खुद निबेड़ लेंगे।
शिकायतकर्ता: यार तू ही निबेड़
हेड- कांस्टेबल : ओहि ता कह रहा हा, निबेड़ ले।
शिकायतकर्ता : यार पैसे जायज जायज दस दे।
हेड- कांस्टेबल : मेरी बात सुन इस टॉपिक को बंद करदे।
शिकायतकर्ता : किन्ने दवां, यह दसदे
हेड- कांस्टेबल : मैं ता कुछ रखना नहीं, तू दसदे अपने आप बाकी अफसरा ने आप देखना है।
धनास का है रंजीत सिंह शिकायतकर्ता
जानकारी के मुताबिक मामले में धनास का रंजीत सिंह शिकायतकर्ता है। उसके पास पहले रणदीप राणा और उनका परिवार किराए पर रहता था। ममता ने कहा कि वह कई दिनों से उनके पति के पीछे पड़ा हुआ था और उन्हें बार-बार अपने पास बुला रहा था। एक बार वह सेक्टर 24 चौकी के बाहर भी आ गया था।