केजरीवाल ने गृह मंत्रालय की आपत्तियों को लेकर कहा- बजट में बुनियादी ढांचे के लिए 20 हजार करोड़ आवंटित किए गए थे, विज्ञापन के लिए 500 करोड़। हमने कभी नहीं सुना कि 500 करोड़ 20 हजार करोड़ से अधिक है। केंद्र सरकार ने नीचे से ऊपर तक अनपढ़ों की जमात बैठा रखी है। दिल्ली का बजट अब विधानसभा में बुधवार को पेश किया जाएगा।
- दिल्ली का बजट रोकने पर आज विधानसभा में भड़के सीएम केजरीवाल, बीजेपी और एलजी पर खूब बरसे
- कहा- ऊपर से नीचे तक अनपढ़ों की जमात बैठा रखी है, खुश हो गए कि केजरीवाल को झुका दिया
- केजरीवाल ने कहा- पहली बार केंद्र ने दिल्ली का बजट रोका है उन्हें इसका कोई अधिकार नहीं है
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 21 मार्च :
गृह मंत्रालय की तरफ़ से दिल्ली सरकार के बजट को मंजूरी मिल गई है. गृह मंत्रालय की मंजूरी पर दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया भी आई है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि ‘हमें मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि MHA ने दिल्ली के बजट के मंज़ूरी दे दी है। लेकिन हम आधिकारिक मंज़ूरी का इंतज़ार कर रहे हैं।’ वहीं उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट को स्वीकृति दे दी है और आम आदमी पार्टी (आआपा) की सरकार को यह सूचना दे दी गई है. यह बयान केंद्र तथा दिल्ली सरकार के बीच इस मुद्दे पर विवाद पैदा होने के बाद आया है।
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के बजट को मंजूरी दे दी। सोमवार को CM अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर दिल्ली का बजट रोकने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से विज्ञापन समेत तीन मुद्दों पर जवाब मांगा था। इस पर दिल्ली सरकार ने रिप्लाई नहीं किया था। इसलिए बजट अप्रूव नहीं हो सका था।
इधर, केंद्र से मंजूरी मिलते ही अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में चर्चा के दौरान केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- बजट पर केंद्र की आपत्ति असंवैधानिक और निराधार हैं। देश के 75 साल के इतिहास में किसी भी सरकार का बजट नहीं रोका गया। हमने मंगलवार को बजट उनकी आपत्तियों को बिना बदलाव के भेजा और उन्होंने इसे मंजूरी दे दी। इतना अहंकार ठीक नहीं है।
केजरीवाल ने गृह मंत्रालय की आपत्तियों को लेकर कहा- बजट में बुनियादी ढांचे के लिए 20 हजार करोड़ आवंटित किए गए थे, विज्ञापन के लिए 500 करोड़। हमने कभी नहीं सुना कि 500 करोड़ 20 हजार करोड़ से अधिक है। केंद्र सरकार ने नीचे से ऊपर तक अनपढ़ों की जमात बैठा रखी है। दिल्ली का बजट अब विधानसभा में बुधवार को पेश किया जाएगा।
कैलाश गहलोत ने अपने बयान में कहा- अस्पष्ट कारणों के चलते दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने 3 दिन तक इस लेटर को अपने पास छिपाकर रखा। मुझे इस लेटर के बारे में सोमवार दोपहर 2 बजे पता चला है। मुझे शाम 6 बजे यह फाइल मिली है और हमने रात 9 बजे तक गृह मंत्रालय की सारी चिंताओं को लेकर अपना जवाब LG ऑफिस को भेज दिया था।
दिल्ली के बजट को लेट कराने में दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी और फाइनेंस सेक्रेटरी की भूमिका की जांच की जानी चाहिए। इस पर LG ऑफिस ने जवाब दिया कि हमें रात 9:25 बजे फाइल मिली और LG के अप्रूवल के बाद इसे 10.05 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया गया था।
दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने आरोपों को निराधार और गलत बताया. उन्होंने कहा कि दिल्ली का बजट 78,800 करोड़, इनमें से 22,000 करोड़ रुपए बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए और सिर्फ 550 करोड़ रुपए विज्ञापनों पर खर्च के लिए हैं। उन्होंने कहा- विज्ञापन पर खर्च पिछले साल के बजट के बराबर ही है।
इधर, मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के वित्त मंत्री ने ऑन रिकॉर्ड बताया है कि हमने बजट तैयार कर के 10 मार्च को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेज दिया। केंद्र सरकार ने उस पर कुछ सवाल लगाकर 17 मार्च को बजट दोबारा भेजा, लेकिन ये मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री को नहीं बल्कि मुख्य सचिव नरेश कुमार को भेजा गया।
मुख्य सचिव के ऊपर आरोप लग रहे हैं कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के काम को रोकने के लिए वो हर प्रयास कर रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने ये भी दावा किया कि सोमवार को जब दिल्ली सरकार के बजट को रोकने की खबरें चलीं तो शाम 6 बजे दिल्ली के मुख्य सचिव ने वित्त मंत्री को बताया कि बजट पर केंद्र सरकार की ओर से रुकावटें आ गई हैं। उन्होंने सवाल किया कि मुख्य सचिव इतना बड़ा षड्यंत्र किसके कहने पर कर रहे हैं। भारद्वाज ने पूछा कि केंद्र सरकार इस पर चुप क्यों है, एलजी क्यों चुप हैं। इसलिए क्योंकि ये षड्यंत्र केंद्र सरकार के इशारे पर हो रहा है।