Sunday, December 22

अमृतपाल सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह को धमकी वाले बयान पर यू टर्न लिया है। अमृतपाल ने कहा कि उसने गृह मंत्री को किसी तरह धमकी नहीं दी। अमृतपाल सिंह ने कहा, अमित शाह ने कहा था कि खालिस्तान आंदोलन को आगे नहीं बढ़ने देंगे। मैंने बोला था कि इंदिरा गांधी ने भी ऐसा ही किया था और अगर आप ऐसा करते हैं तो परिणाम भुगतने होंगे। अमृतपाल सिंह ने हाल ही में अमित शाह को इशारों में धमकी दी थी। उसने रविवार को पंजाब के मोगा के बुधसिंह वाला गांव में कहा था, ‘इंदिरा ने भी उन्हें (खालिस्तान समर्थक) दबाने की कोशिश की थी, क्या हश्र हुआ? अह अमित शाह अपनी इच्छा पूरी करके देख लें।’

Who Behind Khalistan Supporter Amritpal Singh Punjab Explained Abpp | 5  महीने में 3 बार दी सरकार को चेतावनी, अब थाने पर किया हमला; खालिस्तान समर्थक  अमृतपाल के पीछे कौन है?

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/जालंधर – 18 मार्च :

 पंजाब में पुलिस सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आ रही है। पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने का ऑपरेशन शुरू किया है. पुलिस अब अमृतपाल के ठिकानों पर रेड कर रही है. सूत्रों के मुताबिक करीब 5 टीमें अमृतपाल को तलाशने में जुटी हैं। इसके साथ ही पंजाब में कई जगहों पर इंटरनेट को बंद कर दिया गया है। गिदड़बाहा में भी एयर टेल, आइडिया ओर BSNL का इंटरनेट बंद है. संगरूर जिले में भी इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। संगरूर पंजाब के सीएम भगवंत मान का जिला है।

अजनाला थाने पर हमला करने से जुड़े केस में पुलिस ने अमृतपाल के 6 साथियों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी गिरफ्तारी जालंधर के मैहतपुर इलाके से उस समय की गई जब ये लोग अमृतपाल के साथ मोगा की ओर जा रहे थे।

पंजाब पुलिस के घेरा डालते ही अमृतपाल खुद गाड़ी में बैठकर लिंक रोड से होते हुए भाग गया। पंजाब पुलिस की तकरीबन 100 गाड़ियां उसके पीछे लग गईं। अमृतपाल को जालंधर के नकोदर एरिया से गिरफ्तार करने की सूचना है मगर इसकी पुष्टि नहीं की जा रही। इस बीच हालात की गंभीरता को भांपते हुए पंजाब के कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

जालंधर के शाहकोट में तैनात भारी पुलिस बल।

खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं जिनमें से दो मामले अमृतसर जिले के अजनाला थाने में हैं। अपने एक करीबी की गिरफ्तारी से नाराज होकर अमृतपाल ने 23 फरवरी को समर्थकों के साथ मिलकर अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इस केस में उस पर कार्रवाई नहीं होने के चलते पंजाब पुलिस की काफी आलोचना हो रही थी।

शनिवार को अमृतपाल ने जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके और बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में कार्यक्रम रखे थे। शाहकोट-मलसियां इलाके में उसके प्रोग्राम के लिए समर्थक सुबह से जुटने लगे थे। इस प्रोग्राम से पहले ही जालंधर और मोगा पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में गुपचुप तरीके से अमृतपाल को गिरफ्तार करने की रणनीति बना ली थी। इसके लिए आसपास के कई जिलों से रातोंरात पुलिस फोर्स बुला ली गई। जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर भी सुबह से ही भारी नाकेबंदी कर दी गई।

शनिवार दोपहर लगभग 1 बजे जैसे ही अमृतपाल का काफिला जालंधर के मैहतपुर कस्बे के नजदीक पहुंचा, पुलिस ने घेरा डाल लिया। काफिले में सबसे आगे चल रही 2 गाड़ियों में सवार 6 लोगों को पकड़ लिया गया। अमृतपाल की मर्सिडीज कार काफिले में तीसरे नंबर पर थी। पुलिस को देखकर उसका ड्राइवर गाड़ी लिंक रोड की तरफ मोड़कर भगा ले गया। जालंधर और मोगा पुलिस उसके पीछे लग गई।

पुलिस को गिरफ्तार किए गए अमृतपाल के 6 साथियों से कई हथियार मिले हैं। इन्हें जालंधर के मैहतपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। अमृतपाल का कार में बैठकर भागते हुए का एक वीडियो भी सामने आया। इस वीडियो में अमृतपाल गाड़ी की अगली सीट पर बैठा नजर आ रहा है और अपने समर्थकों से इकट्‌ठा होने की अपील कर रहा है। गाड़ी में मौजूद अमृतपाल के समर्थक यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पुलिस उनके पीछे लगी है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, लगभग डेढ़ घंटा पीछा करने के बाद पुलिस ने अमृतपाल को नकोदर एरिया से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस का कोई अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा।

अमृतपाल के करीबी भगवंत सिंह उर्फ बाजेके को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मोगा के रहने वाले भगवंत सिंह को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अपने खेतों में पशुओं के लिए चारा काट रहा था। पांच गाड़ियों में पहुंचे पुलिसवालों ने खेतों में घेरा डालकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को देखते ही भगवंत सिंह सोशल मीडिया पर लाइव हो गया और अपनी तरफ बढ़ रहे पुलिसवालों को दिखाने लगा।

भगवंत सिंह के खिलाफ हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो डालने को लेकर केस दर्ज हो चुका है। वह पंजाब सरकार के खिलाफ और अमृतपाल के हक में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालता रहा है।

पंजाब पुलिस ने की नाकाबंदी।

गौरतलब है कि पिछले महीने 23 फरवरी को खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इनके हमले के बाद दबाव में आई पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया था।

कौन है अमृतपाल सिंह
अमृतपाल सिंह, अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। वह 2012 में काम के सिलसिले में दुबई गया था। वहां से सितंबर 2022 को भारत लौटा। सितंबर महीने में ही उसे खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बनाया गया।