प्राप्त जानकारी के अनुसार पीजीआई से आईएसबीटी, सेक्टर 5, पंचकूला तक 12 किमी लंबा हाई डिमांड बस कॉरिडोर बनाया जाएगा। दूसरी ओर पीजीआई/डड्डु माजरा से आईएसबीटी, जीरकपुर तक 17 किमी लंबा, आईएसबीटी 17 से आईएसबीटी खरड़ तक 19 किमी लंबा बस कॉरिडोर, आईएसबीटी 43 से आईएसबीटी, सेक्टर 5 तक 16 किमी लंबा कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव है।
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 18 मार्च :
भले ही मेट्रो को चंडीगढ़ में लाने की तैयारी की जा रही है लेकिन शहर को पूरी तरह से खोदना ना पड़े और इसके लिए ट्रैफिक जाम की स्थिति को सुधारने के लिए ट्राईसिटी में 7 ‘हाई-डिमांड बस कॉरिडोर’ की योजना पर काम चल रहा है। इन कॉरिडोर से शहर के महत्वपूर्ण व व्यस्त संस्थानों (स्थानों) को जोड़ा जाएगा। जानकारी के मुताबिक ये कॉरिडोर ऐसे रूट होंगे, जहां लोगों को सबसे ज्यादा ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है। इन जगहों पर बस फेरे बढ़ाने की योजना है. हर 10 मिनट के बाद रियल टाइम डिस्प्ले के साथ बस आएगी।
जानकारी के मुताबिक यह कॉरिडोर्स वह रुट होंगे जहां लोगों को सबसे ज्यादा ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है। इन जगहों पर बसों के ट्रिप बढ़ाए जाने की प्लानिंग है। हर 10 मिनट बाद रियल-टाइम डिस्प्ले के साथ बस आएगी।
वहीं प्रशासन ने कुछ ऐसी अन्य जगहों को भी चिह्नित किया है, जहां भारी ट्रैफिक होती है। यहां धीरे-धीरे मिनी-बसों को शुरू किया जाएगा। हर 10 मिनट में यहां से बस निकलेगी। उम्मीद जताई गई है कि लोग अपने निजी वाहनों की जगह बसों में सफर करने को प्राथमिकता देंगे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 12 किलोमीटर लंबा हाई डिमांड बस कॉरिडोर PGI से ISBT, सेक्टर 5, पंचकूला तक बनाया जाएगा। वहीं दूसरा कॉरिडोर PGI/डड्डूमाजरा से ISBT, जीरकपुर तक 17 किलोमीटर, ISBT 17से ISBT खरड़ तक 19 किलोमीटर लंबा बस कॉरिडोर, ISBT 43 से ISBT, सेक्टर 5 पंचकूला तक 16 किलोमीटर कॉरिडोर बनाए जाने का प्रस्ताव है।
इसके अलावा ISBT, सेक्टर 87 मोहाली से मनसा देवी कॉम्प्लेक्स तक 24 किलोमीटर का कॉरिडोर भी प्लांड किया गया है। इसी तरह ISBT 43 से न्यू चंडीगढ़ तक 21 किलोमीटर का बस कॉरिडोर और ISBT खरड़ से ISBT जीरकपुर के बीच 12 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर प्लांड है।
वहीं प्रशासन का बस ट्रांसपोर्ट सिस्टम को और मजबूत करने के लिए मनीमाजरा और ISBT, सेक्टर 87 में नए बस टर्मिनल्स का भी प्रस्ताव है। मौजूदा समय में सेक्टर 17 और सेक्टर 43 समेत सेक्टर 5 में बस टर्मिनल्स हैं। वहीं प्रशासन का रायपुर कलां, खुड्डा लाहोरा के पास और धनास के पास CTU बस डिपो बनाए जाने का प्रस्ताव है।
मौजूदा समय में ट्रांसपोर्ट से जुड़े भारी गाड़ियां सेक्टर 26 ट्रांसपोर्ट एरिया से गुजरती हैं। भारी वाहनों (ट्रक, टैंपो आदि) के चलते इस एरिए पर काम करने की जरूरत पाई गई है। ऐसे में बड़ी ट्रांसपोर्ट गाड़ियों और सामान्य ट्रैफिक को अलग करने की दिशा में भी विचार चल रहा है। भारी गाड़ियों के लिए दरिया गांव, सेक्टर 56 के पास और सेक्टर 103 मोहाली में माल ढुलाई परिसर बनाए जाने की संभावना है।
प्रशासन के नए मोबिलिटी प्लान में रेल अंडरब्रिज को लेकर भी प्रस्ताव है। तीन अंडरब्रिज में एक मनीमाजरा स्थित रेलवे कॉलोनी के पास दरिया रोड पर मौली जागरां रोड की तरफ, एक बलटाना और एक आदर्श नगर, मनीमाजरा में चंडीगढ़ रेलवे क्रॉसिंग पर होगा। बता दें कि मौजूदा समय में रेल अंडरब्रिज मॉर्डन हाउसिंग कॉम्प्लेक्स, मनीमाजरा, विकास नगर के पास और इंडस्ट्रियल एरिया में CTU डिपो के पास है।
शहर में प्रमुख ट्रैवल कॉरिडोर्स में दक्षिण मार्ग है जिसमें सेक्टर 25 और सेक्टर 38 से ट्रिब्यून चौक, ग्रेन मार्केट चौक से सेक्टर 47 का विकास मार्ग, सेक्टर 43 जंक्शन से सेक्टर 66 का पूर्व मार्ग, सेक्टर 8 और 18 से हाउसिंग बोर्ड चौक तक मध्य मार्ग हैं। वहीं रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस(RITES) की रिपोर्ट में सामने आया है कि चंडीगढ़ की अहम भीड़ वाली सड़कों पर निजी वाहनों का प्रतिशत काफी ज्यादा है। एजेंसी ने यह भी कहा था कि निजी वाहनों का प्रतिशत 79 प्रतिशत से 90 प्रतिशत और बसों का काफी कम 0.4 से 2.6 प्रतिशत है।
बता दें कि हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन समेत पंजाब और हरियाणा सरकार द्वारा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (MRTS) को मंजूरी मिल गई थी। शहर में बढ़ती ट्रैफिक से लगने वाले जाम की स्थिति से निपटने के लिए मेट्रो के प्रस्ताव पर दोनों राज्यों और चंडीगढ़ के बीच सहमति बनी है। अब केंद्र से मंजूरी का इंतजार है।