राहुल गांधी देशभक्ति का पाठ वरुण गांधी से ही पढ़ लें
दरअसल वरुण गांधी पिछले कई दिनों से सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं। भारत में जो विकास हुआ है वरुण गांधी ने इसका श्रेय पिछले सात दशक में सभी सरकारों को दिया है। लेकिन उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच से साझा करने से इंकार कर दिया है। वरुण गाँधी ने ट्वीट कर बताया, “मैंने ऑक्सफोर्ड यूनियन के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। भारत की राजनीति नियमित रूप से हमें अपनी नीतियों में सुधार के लिए समालोचना करने और रचनात्मक सुझाव देने का स्थान प्रदान करती है। भारत की पसंद और चुनौतियों को अंतरराष्ट्रीय जाँच के अधीन करना मेरे लिए एक अपमानजनक कार्य है।”
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 17 मार्च :
ये जो विदेशी विश्वविद्यालय हैं लगता है यह भारत विरोधी गतिविधियों का अड्डा बन गये हैं। कुछ समय पहले कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संबोधन के लिए आमंत्रित किया। राहुल गांधी ने कैंब्रिज में और लंदन के अन्य संस्थानों में जो भाषण दिये उससे भारत में बवाल खड़ा हो गया है। देखा जाये तो भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी ने जो साख कमाई थी उसे एक झटके में वह लंदन में लुटा आये। राहुल गांधी के भाषण के बाद भाजपा में असंतुष्ट नेता माने जा रहे और गांधी परिवार के सदस्य सांसद वरूण गांधी को संबोधन के लिए ऑक्सफोर्ड यूनियन संघ के अध्यक्ष मैथ्यू डिक ने आमंत्रित किया जिसे वरूण गांधी ने ठुकरा दिया।
बीजेपी लगातार राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है। इस बीच राहुल गांधी के चचेरे भाई वरुण गांधी ने यूके की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से ‘मोदी सरकार के प्रदर्शन’ पर बोलने को लेकर आए आमंत्रण को स्वीकार नहीं किया है।
यह आमंत्रण ऑक्सफोर्ड यूनियन के अध्यक्ष मैथ्यू डिक के कार्यालय द्वारा ‘दिस हाउस बिलीव्स मोदीज इंडिया इज द राइट पाथ’ प्रस्ताव पर बोलने के लिए भेजा गया था। निमंत्रण को अस्वीकार करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि उन्हें लगता है कि इस तरह के मुद्दों को “भारत के भीतर भारतीय नीति निर्माताओं” के लिए उठाया जाना चाहिए। वरुण ने कहा कि उनका मानना है कि विषय एक “पूर्वनिर्धारित निष्कर्ष के साथ” तय किया गया था।