अल्लाह को बहरा कहने वाले BJP नेता ईश्वरप्पा बोले – लाउडस्पीकर की जरूरत क्या?
कर्नाटक सरकार में पूर्व मंत्री रहे केएस ईश्वरप्पा ने इस तरह की बयानबाजी की हो। वे अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। बीते साल भी उन्होंने मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाया था। मनसे के नेता राज ठाकरे द्वारा लाउडस्पीकर से अजान के मुद्दे पर उस समय उन्होंने कहा था कि छात्रों और मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम समुदाय को विश्वास में लेकर इस मुद्दे का कोई समाधान निकाला जाए। उन्होंने मुस्लिम नेताओं से कहा कि वह अपने पूजा स्थलों के अंदर स्पीकर का प्रयोग करें और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परेशान न करें।
अजय सिंगल, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 15 मार्च :
कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता केएस ईश्वरप्पा ने सोमवार (13 मार्च, 2023) को अजान को लेकर विवादित टिप्पणी की है। ईश्वरप्पा ने कहा कि अगर लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल नमाज के लिए किया जाता है, तो इससे पता चलता है कि ‘अल्लाह बहरा है’। उन्होंने यह भी कहा कि अजान से उनके सिर में दर्द होता है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान पास की मस्जिद से अजान होने लगी। जिससे ईश्वरप्पा खफा हो गए है। ईश्वरप्पा ने कहा, ‘मैं जहां भी जाता हूं, यह (अजान) मुझे सिरदर्द देता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है। आज नहीं तो कल इस तरह की अजान पर प्रतिबंध लग जाएगा।
बताया जा रहा है कि केएस ईश्वरप्पा एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तभी पास की एक मस्जिद से अजान की आवाज आई। ईश्वरप्पा ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, यह (अज़ान) मुझे सिरदर्द देता है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है, आज नहीं तो कल… लाउडस्पीकर पर आजान का सिस्टम खत्म हो जाएगा।
भाजपा नेता ने सवाल पूछा कि क्या अजान के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने पर ही अल्लाह नमाज सुनेगा? उन्होंने कहा कि मंदिरों में लड़कियां और महिलाएं प्रार्थना और भजन करती हैं। हम धार्मिक हैं, लेकिन हम लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अगर आपको लाउडस्पीकर से नमाज अदा करनी है, तो इसका मतलब है कि अल्लाह बहरा है?
ईश्वरप्पा पहले भी विवादित बयान देते रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 18वीं शताब्दी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान को मुस्लिम गुंडा कहकर संबोधित किया था। बता दें कि पिछले साल एक ठेकेदार की खुदकुशी के बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। ईश्वरप्पा को पुलिस मामले में नामित किया गया था क्योंकि ठेकेदार ने सुसाइड से पहले उन्हें अपनी मौत के लिए पूरी तरह जिम्मेदार बताया था।
बता दें कि ‘अजान’ लंबे समय से गहन बहस का विषय रहा है। एक वर्ग का तर्क है कि अजान के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग अन्य धर्मों के लोगों को परेशान कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2005 में ध्वनि प्रदूषण का हवाला देते हुए सार्वजनिक आपात स्थितियों को छोड़कर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बाद में अक्टूबर 2005 में अदालत ने कहा कि लाउडस्पीकरों को साल में 15 दिनों के लिए उत्सव के अवसरों पर आधी रात तक इस्तेमाल करने की अनुमति दी जा सकती है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, जिसमें दावा किया गया था कि अज़ान की सामग्री अन्य धर्मों के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले साल सहिष्णुता संविधान की विशेषता है। कोर्ट ने कहा कि अजान से अन्य धर्मों के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होने वाली दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।