Sunday, December 22

समाचार एजेंसी के ट्वीट के अनुसार, दिल्ली एलजी विनय सक्सेना ने 28 फरवरी को मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे को स्वीकार करने के लिए दिल्ली के सीएम से अनुरोध पर राष्ट्रपति से सिफारिश की है कि उनके इस्तीफे स्वीकार किए जा सकते हैं। एक लेटर के सामने आने के बाद अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि  क्या सीबीआई द्वारा पूछताछ और गिरफ्तार किए जाने से पहले उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए थे? क्या सत्येंद्र जैन का सादा और हस्तलिखित इस्तीफा उसके बाद लिया गया?

LG ने स्वीकार किया मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली :

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मनीष सिसोदिया का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया है। उनके कारण सत्येंद्र जैन का इस्तीफा भी स्वीकृत नहीं हो सका है। उपराज्यपाल ने इस्तीफों को अस्वीकार करने के साथ ही दोनों से विभागों की जिम्मेदारी ले ली है। उपराज्यपाल के दफ्तर से इस्तीफा अस्वीकार करने की वजहें भी बताई गई हैं।

उपराज्यपाल के दफ्तर से जो वजहें बताई गईं हैं उनमें सिसोदिया के इस्तीफे पर तारीख न लिखा होना कहा जा रहा है। बताया गया कि मनीष सिसोदिया का इस्तीफा बिना डेट का है और सत्येंद्र जैन का 27 फरवरी को लिखा गया है। दोनों ही इस्तीफे एलजी को 28 फरवरी को भेजे गए।

कहा जा रहा है कि सिसोदिया ने ये इस्तीफा जेल से तो टाइप नहीं किया होगा। तो क्या उन्होंने यह सीबीआई की पूछताछ पर जाने से पहले ही लिख दिया था। क्या जैन का प्लेन और हस्तलिखित इस्तीफा उसके बाद लिया गया है?

अगर सिसोदिया ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था और जैन ने 27 को दिया तो इस्तीफे की घोषणा इतनी देर से क्यों हुई?