ATFI प्रमुख वीरेश शांडिल्य की हत्या की नीयत से आये नकाबपोश जेल भेजे, तीसरा आरोपी भी काबू

  • सुपारी लेकर हत्या की साजिश रचने वाले मास्टर माइंड सतपाल उर्फ सत्ता ने डाली सेशन अदालत में अग्रिम जमानत, कल होगी सुनवाई
  • एनआईए ने दिया हरियाणा पुलिस को इनपुट : युवाओं को लालच देकर टारगेट किलिंग के लिए गुमराह कर रहे खालिस्तानी आतंकवादी संगठन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, अंबाला – 13 फरवरी :

                        एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एव खालिस्तान के खिलाफ मुहिम चलाने वाले वीरेश शांडिल्य की 04 फरवरी 2023 को हत्या की करने की नीयत से उन पर नकाबपोश हमलावरों ने साजिशाना हमला किया और जब शांडिल्य अपने दफ्तर में हमलावरों को नही मिले तो उनके दफ्तर को तहस नहस कर दिया सारे समान को तोड़ दिया जिसमें बड़ा प्रिंटर, लैपटॉप, टीवी, एलसीडी सहित आफिस के शीशे तोड़ दिए। अंबाला पुलिस ने इंस्पेक्टर राम कुमार व सीआईए की टीम के साथ बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए हमलावरों को गिरफ्तार किया।गिरफ्तार में साहा के प्रवीण चौहान व मनजिंदर सिंह को गिरफ्तार कर कल जज रवनीत की कोर्ट में पेश किया जहां आरोपियों के वकीलों ने पुलिस रिमांड का विरोध किया लेकिन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य खुद कोर्ट में पेश हुए और कोर्ट को बताया कि हमलावर के पीछे मास्टर माइंड व उत्तर भारत के गैंगस्टरों से संबंध रखने वाला सतपाल उर्फ सत्ता है और उनकी हत्या से पहले उनकी रेकी हुई और उन पर नकाबपोश हमला करने वाले सुपारी लेकर आये थे जो समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं और इनका उद्देश्य पैसे लेकर हत्या करना होता है।

                         जिस पर जज रवनीत ने 1 दिन का दोनों आरोपियों का पुलिस रिमांड दिया और देर रात पुलिस एक ओर नकाबपोश हमलावर साहा निवासी शंकर पुत्र देवेंद्र को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की और आज अंबाला पुलिस ने तीनों आरोपियों मनजिंदर सिंह, प्रवीण चौहान, व शंकर को जज डॉ मुकेश कुमार की कोर्ट में पेश किया और उन्हें जेल भेजने की मांग की। बचाव पक्ष के वकीलों ने निर्दोष बताते हुए जमानत देने की माँग की जिसका विरोध अपने केस की खुद पैरवी कर रहे वीरेश शांडिल्य ने किया और कोर्ट को एप्लिकेशन दी कि नकाबपोश हमलावर सुपारी लेकर उनकी हत्या करने आएं थे और हमलावरों के पीछे उत्तर भारत के गैंगस्टरों के संपर्क में मास्टरमाइंड सतपाल उर्फ सत्ता है । अगर इनकी जमानत होती है तो समाज मे अच्छा संदेश नही जाएगा और जब तक जांच पूरी नही हो जाती तब तक तीनो नकाबपोशों को जेल भेजा जाए ।

                        एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने अदालत से लिखित प्रार्थना कि की अम्बाला पुलिस को आदेश दिए जाएं कि जो नकाबपोश हमलावर गिरफ्तार हुए है उनकी कॉल डिटेल और टावर लोकेशन सुरक्षित रखी जाए और स्थानिया पुलिस को उनकी पुख्ता सुरक्षा के आदेश दिये जाएँ । अदालत ने शांडिल्य की पुख्ता दलीलों के बाद आरोपियों को जेल भेजने के आदेश दिए और 14 फरवरी को नकाबपोश हमलावरों की पुन: अदालत सुनवाई करेगी । वहीं वीरेश शांडिल्य की एप्लिकेशन पर पुलिस को 24 फरवरी को जवाब देने के आदेश दिए । वीरेश शांडिल्य ने अम्बला पुलिस व हरियाणा सरकार को सचेत किया कि हमलावर उनकी हत्या करने ही आये थे और जब तक उनका मोटिव पूरा नही होता तब तक हमलावर शांत नही बैठेंगे और नकाबपोश या अन्य रूप में हमला कर सकते है ।

                        वही सुपारी लेकर पूरी साजिश रचने वाले सतपाल सत्ता ने सेशन अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है जिसमे शांडिल्य खुद अदालत के समक्ष अपने वकीलों के साथ दलीलें रखेंगे । उन्होंने सतपाल सत्ता को समाज के लिए कोरोना से भी खतरनाक बताया ।

                        वहीं आज नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने हरियाणा पुलिस को बड़ा इनपुट दिया है। दूसरे देशों में बैठकर कई खालिस्तानी आतंकी संगठन हरियाणा के गांवों में टारगेट किलर तैयार कर रहे हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की जांच में अब तक यह खुलासा हुआ है कि हरियाणा के युवाओं को टारगेट किलिंग के लिए आतंकी संगठन मोटी रकम का लालच दे रहे हैं।

ढोल गँवार सूद्र पसु नारी – 2

तुलसीदासजी रामायण में लिखते हैं कि ढोल गंवार सुद्र पसु नारी, सकल ताडऩा के अधिकारी…। इस कथन को लेकर बहुत से लोगों ने तुलसीदासजी पर शुद्रों और नारियों के प्रति भेदभाव और असम्मान की भावना रखने का आरोप लगाया। कहा कि वे तो शुद्रों और नारियों को डांटने- फटकराने और प्रताडि़त करने का पक्ष लेते हैं। पर वास्तव में  देखें तो तुलसीदास जी नहीं बल्कि इस चौपाई का अपने हिसाब से मतलब निकालने वाले लोग गलत है। दरअसल ताडऩा का अर्थ किसी को देखते रहना, सीख, शिक्षा या संरक्षण देने के अर्थ में भी लिया जाता है। और संतों की व्याख्या के अनुसार तुलसीदास जी यहां यही कहना चाहते हैं कि ढोल, गंवार, शुद्र और नारी को शिक्षा व सीख देने के साथ उनके कार्यों को देखते रहना चाहिए। वरना दोष उनका नहीं , बल्कि उनके संरक्षकों का होगा। जैसे शादी के बाद यदि बहु कोई गलत काम करती है तो उलाहना आज भी उसकी मां को ही दिया जाता है कि उसने अच्छी सीख नहीं दी। इसी तरह ढोल ठीक नहीं बजेगा तो दोष ढोल वादक का होगा। गवांर गवांरुपन दिखाए तो दोष उसके शिक्षक का होगा और शुद्र यानी सेवक सलीका नहीं रखे और पशु भी ठीक नहीं है तो दोष उनके मालिकों का ही माना जाएगा कि उनकी सीख में कोई कमी है। इसलिए तुलसीदासजी की चौपाई का अर्थ यही निकालना चाहिए कि वे ढोल, गवांर, सेवक, पशु व नारी को शिक्षा और संरक्षण पाने का अधिकारी मानते हैं। ना कि प्रताडऩा का।

John Ray Quote: “A spaniel, a woman, and a walnut tree, the more they're  beaten

पीयूष पयोधि, धर्म/संस्कृति देस, डेमोक्रेटिक फ्रंट, बिहार :

                   भारत की इस आधार पर लानत मलानत करने वाले कि यहां मानस में स्त्री को ताड़ना के काबिल ही बताया गया है, स्वयं यह नहीं बताते कि उनके यहां यह क्यों कहा गया कि-

A Spaniel, A Woman,

And a walnut tree

The more you beat them,

The better they be

                        इसलिए इस तरह की पंक्तियों के आधार पर सांस्कृतिक या धार्मिक श्रेष्ठता के दावे उपहासास्पद लगते हैं। बल्कि इस अंग्रेजी उक्ति में ‘बीट’ शब्द के बारे में कोई अर्थ-विषयक भ्रम नहीं है।

                        मैं पश्चिमी आस्था वाले ग्रंथ के ‘महाप्रयाण’ (Exodus) से उद्धृत करूं: ‘When a man sells his daughter as a slave, she will not be freed at the end of six years as the men are. If she does not please the man who bought her, he may allow her to be bought back again.’

                        दासों को मारने के बारे में वहां क्या कहा गया : ‘When a man strikes his male or female slave with a rod so hard that the slave dies under his hand, he shall be punished. If, however, the slave survives for a day or two, he is not to be punished, since the slave is his own property. ‘

                        इसी में ईश्वर न केवल बेटियों को दासी बनाकर बेचा जाने को ही संस्वीकृति देता है बल्कि यह भी बताता है कि इसे कैसे किया जा सकता है।

                        तोराह में तो कोई औरत पति की अनुमति के बिना कोई संकल्प तक नहीं ले सकती। ‘जिन शहरों को भगवान की कृपा से तुम जीत लेते हो, उनके सभी आदमियों और बच्चों को मार डालो, लेकिन औरतों को अपने भोग के लिए रखो।’ (Deuteronomy 20:13-15) ‘यदि कोई औरत बलात्कार का शिकार होने पर भी चिल्लाती नहीं है तो उसे मार डाला जाए।’ (Deuteronomy 22:23- 24) कोई बलात्कारी अपनी ‘शिकार’ को उसके पिता से 50 शेकेल में खरीद सकता है। (Deuteronomy)

इसलिए तुलसी की पंक्ति के आगे सांस्कृतिक श्रेष्ठता के दावे ठहर नहीं सकते।

एक्लेसिआस्टिकस की तरह सुन्दरकांड नहीं कह रहा है कि ‘sin began with a woman and thanks to her we all must die.’ (25:18, 19, 33)

                        जेफर्सन डेविस, जो अमेरिका के कान्फेडरेट राज्यों के अध्यक्ष थे, ने कहा था कि दास प्रथा सर्वशक्तिमान ईश्वर के द्वारा आदेशित व्यवस्था है। यह बाईबल में संस्वीकृत है- ‘दोनों टेस्टामेंटों में- जिनेसिस से लेकर रिवीलेशन तक- यह सभी युगों में अस्तित्व में रहा है।’

                        एक अन्य पादरी अलेक्जेन्डर कैंपबेल ने कहा कि बाईबल में दास प्रथा को वर्जित करने वाला एक छन्द नहीं है, किंतु उसे नियम और विधान में बांधने वाले ढेरों छंद हैं। इसलिए दास प्रथा गलत नहीं है।

                        जिस समय ब्रिटेन और अमेरिका में दास प्रथा का दौर था, उस समय उसे जीसस और बाईबल के संदर्भों से उचित ठहराया जाना आम था।

तो बात इसकी नहीं है कि इन पंक्तियों को उद्धृत करके धर्मांतरणकारी अपने बहुत बहुत बड़े गढ्ढे छुपा पायेंगे।

फिर भी कई लोग तो मानस की इन पंक्तियों को जस्टिफाई करने के लिये और भी बड़ी जुगत भिड़ाते देखे जाते हैं।

                        बड़े-बड़े पांडित्य के बोझ से ये पंक्तियां झुकी जाती हैं। एक सज्जन ने ये पांच वर्ग देखे और इनके ठीक ऊपर पंचतत्वों की भी चर्चा देखी। गगन समीर अनल जल धरनी को उन्होंने ढोल गंवार शूद्र पशु नारी से जोड़ दिया। उसी क्रम में। अब गगन ढोल बन गया। यह साम्य एकदम अटपटा भी नहीं है। ढोल के भीतर शून्य है और शून्य में स्वन है। धरनी को नारी से जोड़ना भी सहज लगता है। नारी धरित्री तो है ही। लेकिन बौद्धिक कसरत तो समीर को गंवार से, अनल को शूद्र से, जल को पशु से जोड़ने में करनी पड़ती है और वह तमाम प्रज्ञा-प्राणायाम के बावजूद कोई बहुत कन्विसिंग नहीं जान पड़ती। आखिरकार समीर गंवार कैसे हो सकता है। मारुति के अध्याय में मरुत गंवार ? अनल को शूद्र कहने का एक प्रगतिशील अर्थ तो संभव है कि जो सेवा करता है उसके भीतर एक अग्नि धधका करती है। वह अग्निधर्मा है, वह आलोकधन्वा है। लेकिन इन विशारद ने उसे इन अर्थों में तो लिया नहीं । जल को पशु कहना भी विश्वसनीय नहीं जान पड़ता। फिर पंच तत्वों का ताड़ना से क्या रिश्ता ? बौद्धिक जिमनास्टिक्स में ताड़ना का एक संस्कृत अर्थ घर्षण ले लिया गया। अग्नि तो घर्षण से पैदा हुई ही । गगन लेकिन बिग बैंग से हुआ। जल और समीर तो इतने प्रत्यक्षतः घर्षणपरक नहीं लगते ।

तो रैशनल बात और रैशनलाइजिंग बात का फ़र्क़ दिख जाता है। ज़रूरत रैशनल बात की है।

                        जो लोग ताड़ना का अर्थ पिटाई या प्रताड़ना से लगाते है, वे अवधी समझना तो खैर छोडें, सुन्दरकांड के उस प्रसंग को भी नहीं समझते जिसमें यह पंक्तियां प्रयुक्त हुई है। इन पंक्तियों का संदर्भ यह है कि राम समुद्र से रास्ता मांग रहे हैं। वे विभीषण की सलाह पर चल रहे हैं , हालांकि लक्ष्मण की राय किंचित् भिन्न है । विनय करने के खिलाफ है। तीन दिन बीत जाने पर भी जड़ जलधि नहीं पसीजता। तब राम “सकोप” बोलते है कि बिना भय के प्रीति नहीं होती। शठ के साथ विनय का कोई अर्थ नहीं। “ऊसर बीज भए फल जथा” । वे लक्ष्मण को आदेश देते हैं कि “लछिमन बान सरासन आनू”- कि वह उनके धनुष बाण लेकर आये ताकि वे सौषौं बारिधि – समुद्र को सुखा दें। फिर राम के प्रत्यंचा तानते ही समुद्री जीव जन्तु सब अकुलाने लगते हैं। राम समुद्र को दंड देने को प्रस्तुत हैं।

                        अब समुद्र प्रकट होता है वह उन्हें बताता है कि वह जड़ है। वह उन्हें उनकी मर्यादा की भी याद दिलाता है लेकिन यह सब वह राम के आशंकित दंड के परिहार के लिये कहता है यदि उसका लक्ष्य दंड के आमंत्रण का होता तो वह तो राम पहले ही करने को सन्नद्ध हो चुके थे। उसका अभिप्रेत तो उस सन्नद्धता का निवारण है।

                        यदि वह “सकल ताड़ना के अधिकारी” में प्रयुक्त ताड़ना को दंड के अर्थ में लेता कि वह दंडनीय है, तो वह राम की सन्नद्धता को ही जस्टिफाई कर रहा होता। कि चलो हमें पीट लो। हम तो पिटने के ही लायक हैं। लेकिन वह श्रीराम को उनकी उस मनोदशा से dissuade करना चाहता है। इसलिये यह कहना कि इन वर्गों के माध्यम से वह स्वयं को भी पिटाई योग्य मानना बताना चाह रहा है, प्रसंग के एकदम , उलटा पड़ता है।

                        कई बार मुझे यह भी संदेह होता है कि इस पंक्ति में यदि ताड़ना को दंड के अर्थ में ले रहा होता तो वह अपने समुद्र को किस स्थान, किस श्रेणी में रखता । क्या समुद्र एक ढ़ोल है ? नहीं। क्या समुद्र गंवार है ? विभीषण उसे “प्रभु तुम्हार कुलगुर जलधि” कहते हैं? इसी कुलगुर शब्द से ही ‘शूद्र’ की कोटि भी निराकृत होती है। क्या समुद्र पशु है? समुद्री जीव- जन्तु उसमें है, लेकिन वह उनसे अधिक है और नारी तो वह है नहीं।

                        तो वह इन सब वर्गों के अप्रासंगिक नाम गिनाता ही क्यों है? क्या वह राम का ध्यान भटकाना चाहता है? क्या वह यह कहना चाहता है कि पिटाई के अधिकारी तो ये सब लोग है, मैं नहीं? क्या यह वह चतुराई है जो अपने को दोष मुक्त करने के लिये दूसरे को प्रस्तुत कर देती है? क्या अपराध की अन्याक्रांति की यह कोशिश राम को भरमा पायेगी ? तब क्या समुद्र राम के दंड के आतंक से इतना अकबका गया है कि आंय बांय सांय बके जा रहा है? राम उससे पूछ न लेंगे कि औरों की छोड़ो, अपनी कहो। फिलहाल तो राम वैसे ही कुपित हैं। ऐसे में समुद्र द्वारा यह कहने की थोड़ी सी कोशिश कि दंड का भागी या पात्र मैं नहीं, कोई और है तो राम के क्रोधानल को और भड़का देगी। तो समुद्र दंड के निवारणार्थ ऐसी कोशिश, राम के तत्सामयिक मूड को देखते हुए, करने का जोखिम मोल नहीं ले सकता।

तब इसका इस उक्ति का प्रसंग की संगति में अभिप्रेत अर्थ क्या है?

                        इन वर्गों के विरुद्ध किसी भी तरह की नकारात्मकता समुद्र को उनके ब्रेकिट में नहीं ले जा सकती। वह अपना दोष भुलाने के लिये दूसरे के सर मढ़ने जैसी चेष्टा होगी। समुद्र इनके ब्रेकिट में तभी आ सकता है जब वह इनके बारे में कुछ सकारात्मक बोल रहा हो। तब वह कह सकता है कि जैसे ये सब हैं, वैसा ही मैं भी हूं। जैसे तुम इन सबका ध्यान धरे हो, वैसे मेरा भी ध्यान धरो। गुह, निषाद, केवट, शबरी को प्रेम करने वाले राम के सामने वह गंवार और शूद्र को पीटने के लिये कहेगा और खुद पिटाई न खा जायेगा? जटायु को मुक्ति देने वाले और “बानर भालु बरूथ” की सेना बनाने वाले राम के सामने वह पशु की पिटाई की बात करेगा और खुद पिट न जायेगा? सीता तो छोड़ें जो कैकेयी के विरुद्ध भी ऐसा एक शब्द नहीं बोलने की सावधानी रखते हैं जो उसके मन को दुखाये, उन राम के सामने वह नारी को ताड़ना का अधिकारी कह जायेगा और बचकर चला जायेगा। कम से कम इस चौपाई को जिस संदर्भ में प्रयुक्त किया गया है, वहां नकारात्मक अर्थ की गुंजाइश किसी तरह नहीं दिखती। समुद्र तो एक सीधी सी बात कह रहा है। वह चीजों की अंतर्भूत प्रकृति की बात कर रहा है। ‘प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्ही’ में शिक्षा की बात है, संस्कृति की बात है । फिर वह यह भी कहता है : मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्ही। किंतु मर्यादा भी आपकी ही बनाई हुई है। मर्यादा यानी चीजों का स्वभाव।

                        यह प्रकृति और संस्कृति का द्वन्द्व है। इसे रेखांकित करते हुये समुद्र अचानक जातिभेदी या वर्णभेदी या मेल शोविनिस्ट या पशु विरोधी बात क्यों करने लगेगा ? वहां तो कोई ऐसा पाजिटिव अभिप्राय होना चाहिये जो राम की क्रोधाग्नि को शीतल करे। राम एक आधुनिक युवक हैं- उनकी संवेदनायें सर्वग्राही और सर्वस्पर्शी है। उनके सामने किसी तरह के धृष्ट पूर्वाग्रह की बात कहने का दुसाहस कोई साधारण समय में नहीं कर सकता, तब की तो बात ही अलग है जब राम एक “फाउल मूड” में हों।

                        तुलसी जब ‘ढोल गवार सूद्र पसु के अधिकारी’ बोलते हैं तो उसमें प्रयुक्त ‘ताड़ना’ शब्द का अर्थ संस्कृत शब्द कोषों से निकालने की जगह उस अवधी भाषा से निकालना चाहिए जिसमें रामचरितमानस लिखा गया। मैं जब लखनऊ गया तो वहां मैंने एक वृद्धा मां को अपनी बेटी को- जो मायके बाल-बच्चों समेत अपनी मां से मिलने आई थी- विदा के वक्त यह कहते देखा कि : बाल बचियन को ताड़ियत रहियो । उसके कहने के लहजे से मैं जो समझा वह शायद यह था कि टेक केअर ऑफ द चिल्ड्रनइस ताड़ना में कंसर्न है, इस ताड़ना में सलाह है और सद्भाव भी ।

                        लेकिन जिन लोगों ने मॉनियर विलियम्स का संस्कृत- अंग्रेजी के शब्दकोष, शब्दार्थ- कौस्तुभ आदि को पढ़ा है वे इस लोक-परंपरा से निःसृत अभिव्यक्ति के पास नहीं पहुंच सकते। समुद्र वैसे भी डरा हुआ है। उसके मनोभाव के अनुकूल है कि वह भगवान से कहे कि वह ध्यान रखने के काबिल है, ‘केअर’ करने के काबिल है। विशेष रूप से देखे जाने के काबिल है। वह इसलिए कि उसके भीतर भी जीव-जन्तु रहते हैं। उनके ऊपर अत्याचार न हो। उसकी एक जलवायुगत पर्यावरणगत भूमिका है। उसकी अनदेखी न की जाये। यदि पीटना ही उसका अभिप्रेत होता तो ‘ढोल गवाँर सूद्र पसु नारी’ से उसे क्या सहायता मिल रही थी क्योंकि वह तो विप्र रूप रखकर आया था? विप्र रूप का तुलसी हनुमान-विभीषण प्रसंग में भी उपयोग कर चुके हैं : ‘बिप्र रूप धरि बचन सुनाये।’ इसलिए विप्र का रूप रखकर शूद्र की बात करने का कोई अर्थ नहीं।

                        समुद्र स्वयं को राम के सामने एक ऐसे व्यक्ति की तरह पेश करता है जो विशेष अवधान के लायक है। विशेष खातिर तवज्जो के लायक। बच्चों की देखभाल करते रहना, यह भाव अवधी ‘ताड़ियत रहियो’ में है किन्तु संस्कृत ताड़ना में नहीं है। अवधी ताड़ना में एक चिंता, एक खयाल, एक अवेक्षा का भाव है। यह तुलसी की चित्तवृत्ति के अनुकूल भी है। उस चित्तवृत्ति के जिसने सीता, निषाद, हनुमान जैसे पात्रों के पुनर्सृजन में हृदय का पूरा सत्व उड़ेल दिया था।

 क्रमशः…..

(अगली कड़ियों में जारी…)

अश्विनी कुमार तिवारी  (साभार)

Rashifal

राशिफल, 13 फरवरी 2023

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, 13 फरवरी 2023 :

aries
मेष/aries

13 फरवरी 2023 :

दोस्त आपका परिचय किसी ख़ास इंसान से कराएंगे, जो आपकी सोच पर गहरा प्रभाव डालेगा। अगर आपको लगता है कि आपके पास पर्याप्त धन नहीं है तो आज घर के किसी बड़े से धन संचित करने की सलाह लें। परिवार के साथ सामाजिक गतिविधियाँ सभी को ख़ुश रखेंगी। लवमेट आज आपसे किसी चीज की डिमांड कर सकता है लेकिन आप उसे पूरा नहीं कर पाएंगे जिसकी वजह से आपका लवमेट आपसे नाराज हो सकता है। आप लम्बे समय से दफ़्तर में किसी से बात करना चाह रहे थे। आज ऐसा होना मुमकिन है। देर शाम तक आपको कहीं दूर से कोई अच्छी ख़बर सुनने को मिल सकती है। सेहत के नज़रिे से गले लगने के अपने फ़ायदे हैं और आपको यह एहसास आज अपने जीवनसाथी से मिल सकता है।

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वृष/Taurus

13 फरवरी 2023 :

बेहतर ज़िन्दगी के लिए अपनी सेहत और व्यक्तित्व में सुधार लाने कि कोशिश करें। दिन की शुुरुआत भले ही अच्छी हो लेकिन शाम के वक्त किसी वजह से आपका धन खर्च हो सकता है जिससे आप परेशान होंगे। बच्चे भविष्य की योजनाएँ बनाने की अपेक्षा घर के बाहर ज़्यादा समय बिताकर आपको निराश कर सकते हैं। व्यक्तिगत संबंध संवेदनशील और नाज़ुक रहेंगे। नए प्रस्ताव आकर्षक होंगे, लेकिन जल्दबाज़ी में निर्णय लेना समझदारी का काम नहीं है। अगर आप किसी विवाद में उलझ जाएँ तो तल्ख़ टिप्पणी करने से बचिए। जीवनसाथी द्वारा परिवार और मित्रों के बीच नकारात्मक तरीक़े से आपके वैवाहिक जीवन की निजी बातें उजागर हो सकती हैं।

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मिथुन/Gemini

: 13 फरवरी 2023

अगर आपकी योजना बाहर घूमने-फिरने की है तो आपका वक़्त हँसी-ख़ुशी और सुकून भरा रहेगा। आपके मन में जल्दी पैसे कमाने की तीव्र इच्छा पैसा होगी। किसी दूर के रिश्तेदार के यहाँ से मिली आकस्मिक अच्छी ख़बर आपके पूरे परिवार के लिए ख़ुशी के लम्हे लाएगी। अगर आप अपने प्रेमी के साथ कहीं बाहर घूमने जा रहे हैं तो कपड़े सोच-समझकर पहनें। अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपका प्रेमी आपसे नाराज हो सकता है। आज कार्यक्षेत्र में आपके किसी पुराने काम की तारीफ हो सकती है। आपके काम को देखते हुए आज आपकी तरक्की भी संभव है। कारोबारी आज अनुभवी लोगों से करोबार को आगे बढ़ाने की सलाह ले सकते हैं। इस राशि के उम्रदराज जातक आज के दिन अपने पूराने मित्रों से खाली समय में मिलने जा सकते हैं। अगर आपके जीवनसाथी की सेहत कर चलते किसी से मिलने की योजना रद्द हो जाए तो चिंता न करें, आप साथ में अधिक समय व्यतीत कर सकेंगे।

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कर्क/Cancer

: 13 फरवरी 2023

आपका तेज़ काम आपको प्रेरित करेगा। सफलता हासिल करने के लिए समय के साथ अपने विचारों में बदलाव लाएँ। इससे आपका दृष्टिकोण व्यापक होगा, समझ का दायरा बढ़ेगा, व्यक्तित्व में निखार आएगा और दिमाग़ विकसित होगा। घर की छोटी-छोटी चीजों पर आज आपका बहुत धन खराब हो सकता है जिसकी वजह से आप मानसिक तनाव में आ सकते हैं। शाम को दोस्तों के साथ घूमें-फिरें, क्योंकि यह आपके लिए इस वक़्त बहुत ज़रूरी है। क्या आपने कभी गुलाब और केवड़े की महक को एक साथ महसूस किया है? आज आपकी ज़िन्दगी प्यार-मोहब्बत के नज़रिए से ऐसे ही महकने को है। इस राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में आवश्यकता से अधिक बोलने से बचना चाहिए नहीं तो आपकी छवि पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इस राशि के कारोबारियों को किसी पुराने निवेश की वजह से आज घाटा होने की संभावना है। जीवन की पेचीदिगियों को समझने के लिए आज घर के किसी वरिष्ठ शख्स के साथ आप वक्त गुजार सकते हैं। यूँ तो जीवन हमेशा कुछ नया और चौंकाने वाली चीज़ आपके सामने लाता है। लेकिन आज आप अपने जीवनसाथी का एक अनोखा पहलू देखकर ख़ुशी से चौंक जाएंगे।

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Leo
सिंह/Leo

: 13 फरवरी 2023

बच्चे आपके मुताबिक़ नहीं चलेंगे, जो आपके झुंझलाहट की वजह बन सकता है। आपको ख़ुद पर नियंत्रण रखना चाहिए, क्योंकि नाराज़गी सभी के लिए नुक़सानदेह है और यह सोचने-समझने की ताक़त को ख़त्म कर देती है। इससे सिर्फ़ मुश्किल बढ़ती है। आर्थिक तौर पर सुधार के चलते आप आसानी से काफ़ी वक़्त से लंबित बिल और उधार चुका सकेंगे। शाम को साथियों का साथ मज़ेदार रहेगा। आपके प्रिय के कड़वे शब्दों के कारण आपका मूड ख़राब हो सकता है। कामकाज में थोड़ी मुश्किल के बाद आपको दिन में कुछ अच्छा देखने को मिल सकता है। दिन को कैसे अच्छा बनाया जाए इसके लिए आपको अपने लिए भी समय निकालना सीखना होगा। रिश्तेदारों को लेकर जीवनसाथी के साथ नोंकझोंक हो सकती है।

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कन्या/Virgo

: 13 फरवरी 2023

आपको लंबे समय से महसूस हो रही थकान और तनाव से आराम मिलेगा। इन परेशानियों से स्थायी निजात पाने के लिए जीवन-शैली में बदलाव लाने का सही समय है। अगर आप लम्बे वक़्त के लिए निवेश करें, तो अच्छा-ख़ासा फ़ायदा हासिल कर सकते हैं। मुसीबत के वक़्त परिवार से आपको मदद और सलाह हासिल होगी। आप दूसरों के तजुर्बों से कुछ सबक़ सीख सकते हैं। यह आपके आत्मविश्वास की मज़बूती के लिए बहुत ज़रूरी है। आज के दिन अपने प्रिय से कोई तल्ख़ बात न कहें। इससे पहले कि वरिष्ठ को पता लगे, लंबित काम जल्दी ही निबटा लें। समय का सदुपयोग करना सीेखें। यदि आपके पास खाली वक्त है तो कुछ रचनात्मक करने की कोशिश करें। वक्त को बर्बाद करना अच्छी बात नहीं है। आपके और आपके जीवनसाथी के बीच कोई बाहरी व्यक्ति दूरी पैदा करने की कोशिश कर सकता है, लेकिन आप दोनों चीज़ें संभाल लेंगे।

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Libra
तुला/Libra

: 10 फरवरी 2023

अपनी ऊर्जा को व्यक्तित्व-विकास के काम में लगाएँ, जिससे आप और भी बेहतर बन सकें। आज आपको अपने भाई या बहन की मदद से धन लाभ होने की संभावना है। आज आपका ऊर्जा से भरपूर, ज़िंदादिल और गर्मजोशी से भरा व्यवहार आपके आस-पास के लोगों को ख़ुश कर देगा। आप अचानक गुलाबों की ख़श्बू से ख़ुद को सराबोर पाएंगे। यह प्यार की मदहोशी है, इसे महसूस करें। दफ़्तर में आपको पता लग सकता है कि जिसे आप अपना दुश्मन समझते थे, वह दरअस्ल आपका शुभचिंतक है। चंंद्रमा की स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आज आपके पास काफी खाली वक्त होगा लेकिन बावजूद इसके भी आप वो काम नहीं कर पाएंगे जो आपको करना था। आज आपको रंग ज़्यादा चटख नज़र आएंगे, क्योंकि फ़िजाओं में प्यार का ख़ुमार चढ़ रहा है।

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वृश्चिक/Scorpio

: 13 फरवरी 2023

आपका ऊर्जा-स्तर ऊँचा रहेगा। दोस्तों की मदद से वित्तीय कठिनाईयाँ हल हो जाएंगी। नवजात शिशु की ख़राब तबियत परेशानी का सबब बन सकती है। इस ओर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। डॉक्टर से भली-भांति सलाह लें, क्योंकि ज़रा-सी लापरवाही बीमारी को बद से बदतर बना सकती है। मुहब्बत और रोमांस आपको ख़ुशमिज़ाज रखेगे। बेहतर कामकाज के चलते आपको तारीफ़ मिल सकती है। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद भी आज आप अपने लिए समय निकालपाने में सक्षम होंगे। खाली वक्त में आज कुछ रचनात्मक कर सकते हैं। आप एक बेहतरीन जीवनसाथी होने की ख़ुशक़िस्मती को शिद्दत से महसूस कर पाएंगे।

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धनु/Sagittarius

: 13 फरवरी 2023

रचनात्मक शौक़ आज आपको सुक़ून का एहसास कराएंगे। व्यापार में आज अच्छा खास मुनाफा होने की संभावना है। आज के दिन आप अपने बिजनेस को नई ऊंचाईयां दे सकते हैं। एक ख़ुशनुमा और बढ़िया शाम के लिए आपका घर मेहमानों से भर सकता है। प्यार के नज़रिए से यह दिन बेहद ख़ास रहेगा। प्रतिस्पर्धा के चलते काम-काज की अधिकता थकावट भरी हो सकती है। कर्म-काण्ड/हवन/पूजा-पाठ आदि का आयोजन घर मे होगा। आपका जीवनसाथी आपको प्यार का एहसास देना चाहता है, उसकी मदद करें।

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मकर/Capricorn

: 13 फरवरी 2023

आज के दिन आपके चेहरे पर मुस्कान बिखरी रहेगी और अजनबी भी जाने-पहचाने से महसूस होंगे। आप उन योजनाओं में निवेश करने से पहले दो बार सोचें जो आज आपके सामने आयी हैं। तल्ख़ बर्ताव के बावजूद आपको जीवन-साथी का सहयोग मिलेगा। रोमांस आपके दिल पर क़ाबिज़ है। आज कार्यक्षेत्र में अचानक आपके काम की छानबीन हो सकती है। ऐसे में अगर आपने कोई गलती की होगी तो आपको इसका भुगतान करना पड़ सकता है। इस राशि के कारोबारी आज अपने कारोबार को नई दिशा देने के बारे में विचार कर सकते हैं। आज आप ऑफिस से घर वापस आकर अपना पसंदीदा काम कर सकते हैं। इससे आपके मन को शांति मिलेगी। जीवनसाथी के साथ आज की शाम वाक़ई कुछ ख़ास होने वाली है।

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कुम्भ/Aquarius

: 13 फरवरी 2023

शारीरिक व्यायाम और वज़न घटाने की कोशिशें आपके रूप-रंग को निखारने में फ़ायदेमंद साबित होंगी। रियल एस्टेट सम्बन्धी निवेश आपको अच्छा-ख़ासा मुनाफ़ा देंगे। पारिवारिक परेशानियों को हल करने में आपका बच्चों जैसा मासूम बर्ताव अहम किरदार अदा करेगा। सिर्फ़ स्पष्ट समझ के माध्यम से आप अपनी पत्नी/पति को भावनात्मक सहारा दे सकते हैं। इस राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में आवश्यकता से अधिक बोलने से बचना चाहिए नहीं तो आपकी छवि पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इस राशि के कारोबारियों को किसी पुराने निवेश की वजह से आज घाटा होने की संभावना है। आज आपके पास खाली समय होगा और इस समय का इस्तेमाल आप ध्यान योग करने में कर सकते हैं। आपको आज मानसिक शांति का अहसास होगा। जीवनसाथी के साथ हँसते-खिलखिलाते, हर पल के मज़े लेते हुए आप महसूस करेंगे कि आप किशोरावस्था में लौट गए हैं।

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मीन/Pisces

: 13 फरवरी 2023

आज आपके पास ख़ुद के लिए पर्याप्त समय होगा, तो मौक़े का फ़ायदा उठाएँ और अच्छी सेहत के लिए पैदल सैर पर जाएँ। जो लोग शादीशुदा हैं उन्हें आज अपने बच्चों की पढ़ाई पर अच्छा खासा धन खर्च करना पड़ सकता है। नए पारिवारिक व्यवसाय को शुरू करने के लिए शुभ दिन है। इसे सफल बनाने के लिए दूसरे सदस्यों की भी मदद लें। प्यार की ताक़त आपको प्यार करने की वजह देती है। अपनी कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नयी तकनीकों का सहारा लें। आपकी शैली और काम करने का नया अन्दाज़ उन लोगों में दिलचस्पी पैदा करेगा, जो आप पर नज़दीकी से ग़ौर करते हैं। वह काम जो आज आप दूसरों के लिए स्वेच्छा से करेंगे, न सिर्फ़ औरों के लिए मददगार साबित होगा बल्कि आपके दिल में ख़ुद की छवि भी सकारात्मक होगी। ऐसा लगता है कि आपके जीवनसाथी आज आपके ऊपर ख़ास ध्यान देंगे।

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पंचांग, 13 फरवरी 2023

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 13 फरवरी 2023 :

Makar Sankranti 2022: आज है मकर संक्रांति का पर्व, जानिए स्नान दान का शुभ  मुहूर्त और पूजन विधि - Makar Sankranti 2022 know the auspicious time of  bath and donation on the day
आज फाल्गुन संक्राति

नोटः आज फाल्गुन संक्राति हैं : आज फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। इसके साथ ही सूर्य आज कुंभ राशि में गोचर करने वाले हैं, जिससे इस दिन को कुंभ संक्रांति या फाल्गुन संक्रांति के नाम से जाना जाएगा।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः फाल्गुन, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः सप्तमी प्रातः काल 9.46 तक है, 

वारः सोमवार। 

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः विशाखा रात्रि काल 02.36 तक है, 

योगः वृद्धि दोपहर काल 02.16 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः कुम्भ, चंद्र राशिः तुला, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.05, सूर्यास्तः 06.06 बजे।

प्रशासक के सलाहकार ने महाराजा रणजीत सिंह एरिना पोलो का किया उद्धघाटन

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : महाराजा रणजीत सिंह एरिना पोलो का आगाज बहुत ही धूमधाम से किया क्या।जिसका उद्घाटन चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल द्वारा ख़ुद घोड़े पर सवार हो कर मैदान में जा के किया गया। सम्माननीय अतिथि के तौर पर डीजीपी चंडीगढ़ पुलिस प्रवीर रंजन ने शिरकत की।हर पल बदलते रोमांच को देख सलाहकार काफी रोमांचित दिखे और उन्होंने कहा चंडीगढ़ में इस खेल को बढ़ावा दिया जाएगा और यह टूर्नामेंट हर साल आयोजित किया जाएगा। उन्होंने ने कहा चंडीगढ़ प्रशासन खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है और हमें उम्मीद है कि हमारा यह कदम देश के युवाओं को नए नए खेलों के प्रति प्रेरित करेगा और आने वाले समय में इस खेल में भी चंडीगढ़ का नाम शामिल होगा।डीजीपी पुलिस प्रवीर रंजन ने कहा हमारा यह पहले दिन का शो कामयाब रहा और हम इसको और बढ़ावा देंगे ताकि पुलिस और इस खेल के इच्छुक लोग आगे आएं।आज कुल पांच मैच खेले गए।पहले मैच में आरवीसी और गुड़गांव की टीमों के बीच खेला गया,इसमें आरवीसी 3-1से आगे रही।दूसरा मैच कैवेलरी और चंडीगढ़ पोलो क्लब के बीच खेला गाया जिसमे केवलरी ने 1-0 से जीत हासिल की।तीसरा मैच आरवीसी और एएससी के बीच रहा।यह मुकाबला 5-3 से आरवीसी। चौथा मैच गुड़गांव और कैवेलरी के बीच रहा जिसमें 2-3 से यह मुकाबला एएससी ने जीता।पांचवां और अखिरि मुकाबला एएससी और चंडीगढ़ पोलो क्लब ने खेला जिसमें एएससी 3-1 से बिजयी रही।चंडीगढ़ पोलो क्लब के संस्थापक दिलप्रीत सिद्धू ने चंडीगढ़ प्रशासन,चंडीगढ़ पुलिस व चंडीगढ़ वासियों को उन्हे प्रोत्साहन देने के लिए शुक्रिया अदा किया।रोमांच के साथ साथ मनोरंजन को भी जगह दी गई है। 

मुख्यमंत्री ने सिंगापुर दौरे से लौटे प्रिंसिपल्स का किया स्वागत  

केजरीवाल ने दिल्ली में कई सालों में हुए इस काम को कुछ महीनों में पूरा करने के लिए पंजाब की सराहना की

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नई दिल्ली : सिंगापुर में प्रशिक्षण लेने के बाद वापस लौटे 36 प्रिंसिपल्स के पहले बैच का स्वागत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि प्रिंसिपल्स को बेहतरीन वैश्विक शिक्षा तकनीकों से लैस करने के लिए किए गए इस बेमिसाल बदलाव से राज्य में शिक्षा क्रांति के नए युग की शुरुआत हुई है।  
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की हाजिऱी में प्रशिक्षण से लौटे इन प्रिंसिपल्स के साथ संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रिंसिपल्स के तजुर्बों से विद्यार्थियों को उनकी रुचियों के मुताबिक भविष्य के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए यह ऐतिहासिक दिन है क्योंकि यह प्रिंसिपल्स  विद्यार्थियों को मानक शिक्षा देने के लिए एक प्रेरक के तौर पर काम करेंगे। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम की शुरुआत जहाँ एक तरफ़ राज्य में शिक्षा प्रणाली की कायाकल्प करने के उद्देश्य से की, वहीं दूसरी ओर इससे विद्यार्थियों का भविष्य रौशन होना सुनिश्चित बनेगा।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट द्वारा विद्यार्थियों को विदेश में प्रशिक्षण के लिए दी गई मंज़ूरी के मद्देनजऱ राज्य सरकार द्वारा यह अपनी तरह की पहली पहल है। इस पृथक प्रयास संबंधी बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी नई नीति पेश होती है तो विरोध की आवाज़ उठती है, परन्तु वह राज्य के हित में कोई भी फ़ैसले लेने में कोई गुरेज़ नहीं करेंगे। भगवंत मान ने कहा कि वह अध्यापकों की बुनियादी समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ़ हैं, क्योंकि वह एक अध्यापक के बेटे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अध्यापकों की सेवाएं अध्यापन के अलावा अन्य किसी काम के लिए नहीं लेगी।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको केंद्र सरकार से पत्र मिला कि अध्यापकों की ड्यूटी जनगणना के लिए लगाई जाए, परन्तु उन्होंने इसको सिरे से नकार दिया और कहा कि इस काम के लिए अन्य शिक्षित नौजवान लगाए जाएँ। उन्होंने कहा कि इससे जहाँ नौजवानों को रोजग़ार का अवसर मिलेगा, वहीं विद्यार्थियों के लिए मानक शिक्षा सुनिश्चित बनेगी। ‘तजुर्बे उम्र के साथ आएं’ के मुहावरे का हवाला देते हुए भगवंत मान ने कहा कि हम अन्यों के तजुर्बों से लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि पिछली सरकारों की लापरवाही के कारण पंजाब पहले ही शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है।  
अध्यापकों को बच्चों के लिए आदर्श बनने के लिए कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य अध्यापकों के पेशेवर कौशल को निखारना है, जिससे वह विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा दे सकें। भगवंत मान ने कहा कि इस पहल से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए मानक शिक्षा के नए दरवाज़े खुलेंगे, जिससे वह कॉन्वेंट स्कूल के पढ़े अपने साथियों का मुकाबला करने और जीवन में सफल होने के योग्य होंगे। उन्होंने दोहराया कि अध्यापक राष्ट्र के निर्माता हैं, जो शिक्षा का स्तर ऊँचा उठा सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार ने अध्यापकों को मानक शिक्षा सुनिश्चित बनाने का फ़ैसला किया है।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गारंटी के अंतर्गत 36 सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल्स के पहले बैच को पेशेवर प्रशिक्षण के लिए 4 फरवरी से सिंगापुर भेजा गया था। उन्होंने कहा कि सिंगापुर में ठहरने के दौरान इन प्रिंसिपल्स ने 6 से 10 फरवरी तक पेशेवर अध्यापक प्रशिक्षण में भाग लिया था। भगवंत मान ने कहा कि पहला बैच अपना प्रशिक्षण मुकम्मल होने के बाद आज वापस भारत आया है।  
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से अध्यापक आधुनिक अध्यापन तकनीकों के साथ-साथ लीडरशिप कौशल के साथ लैस होंगे। इसके अलावा वह कोरोना महामारी के बाद की शिक्षा ज़रूरतों के साथ कदम मिलाने से ऑडियो-वीडियो प्रौद्यौगिकी और अन्य आधुनिक शिक्षा सुविधाओं, रणनीतिक प्रबंधन और अन्य ज़रूरी सुविधाओं से अवगत होंगे। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि इस मील का पत्थर साबित होने वाली पहल के अंतर्गत राज्य में शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा। भगवंत मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब इन कोशिशों के से पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा। उन्होंने कहा कि यह अहम कार्यक्रम आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा।  
जनसभा को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आशा अभिव्यक्त की कि परस्पर आपसी अदला बदली कार्यक्रम आने वाले समय में लाभप्रद साबित होगा और इसको भविष्य में बाकायदा बनाया जाएगा। शिक्षा क्षेत्र के कायाकल्प के लिए अपने तजुर्बे साझे करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर ज़ोर देने के अलावा ऐसे कार्यक्रमों के साथ प्रिंसिपल्स और अध्यापकों में रचनात्मक ऊर्जा भरने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि जब हमने ऐसे सुधारों के साथ नतीजे देने शुरू किए तो लोगों ने अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों से हटाकर सरकारी स्कूलों में दाखि़ला करवाने में रुचि दिखाई।  
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े गर्व और स्ंतुष्टी की बात है कि स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में यह सुधार करने के लिए दिल्ली में कई साल लगे, जबकि पंजाब ने भगवंत मान के नेतृत्व अधीन केवल 10 महीनों में ही यह काम पूरा कर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में ऐसीं लोक हितैषी पहलें लागू करने के दिल्ली सरकार के रास्ते में काँटे बीजने वालों की आलोचना की। केजरीवाल ने कहा कि इन लोगों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे और यह लोक हितैषी पहल दिल्ली में लागू की जाएगी। अध्यापकों के अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण की वकालत करते हुए अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए वैश्विक शिक्षा तकनीकों संबंधी तजुर्बे समय की ज़रूरत है।  
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार का यह पृथक प्रयास राज्य में शिक्षा प्रणाली में बड़े स्तर पर सुधार लाएगा। उन्होंने कहा कि अब ढांचा तैयार हो गया है और वह दिन दूर नहीं, जब हम सिंगापुर के अध्यापकों को प्रशिक्षण के लिए पंजाब आता देखेंगे। केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री की शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए इस बेमिसाल पहल के लिए सराहना की।  
इस अवसर पर प्रिंसिपल्स ने सिंगापुर में प्रशिक्षण के दौरान मिले तजुर्बे साझे किए। उन्होंने अपने कौशल में निखार के लिए राज्य सरकार द्वारा इस ऐतिहासिक पहल की तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब इस कदम से विद्यार्थियों ख़ास तौर पर समाज के कमज़ोर और पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों का जीवन बदलेगा।  
इस समय उपस्थित अहम शख्सियतों में अन्यों के अलावा दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस और अन्य उपस्थित थे।

श्रद्धालुओं ने निकाली कलश यात्रा

विनोद नगर के शिव मंदिर में भागवत कथा शुरू
कलयुग में केवल भागवत कथा ही मुक्ति का सर्वोत्तम साधन : गौड़
हिसार/पवन सैनी

 विनोद नगर की 50 फुट गली के पास स्थित शिव मंदिर में श्री शिव मंदिर सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आज श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। भागवत कथा के शुभारंभ से पहले कलश यात्रा निकाली गई। शिव नगर के नलका चौक के पास स्थित हनुमान मंदिर से 501 श्रद्धालुओं ने कलश उठाया और कथास्थल शिव मंदिर पहुंचे। कलश यात्रा में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कलश यात्रा के बाद पंडित मनोज मोहन गौड़ ने भागवत कथा में श्रद्धालुओं को प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सात दिन तक भागवत कथा का श्रवण करता है, उसे मुक्ति मिल जाती है। कलयुग में केवल भागवत कथा ही मुक्ति का सर्वोत्तम साधन है। आज से शुरू हुई भागवत 17 फरवरी तक प्रतिदिन सायं 3 बजे से 6 बजे तक चलेगी। कथा के समापन पर 18 फरवरी को जागरण किया जाएगा। उसके बाद 19 फरवरी को मंदिर प्रांगण में भंडारा लगाया जाएगा। 

सरस्वती विद्या मंदिर में वार्षिकोत्सव का आयोजन

हिसार/पवन सैनी  
निकटवर्ती गांव सातरोड खास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर घई स्कूल में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के मुख्याध्यापक सुदर्शन सैनी ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीनियर डिप्टी मेयर अनिल मानी उपस्थित थे। पार्षद प्रतिनिधि पप्पू सैनी, मंडल अध्यक्ष सातरोड नरेश ग्रेवाल व हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक सुमित सैनी ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। छात्रों ने देशभक्ति गीतों व अन्य रंगारंग कार्यक्रम द्वारा सबका मन मोहा। सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा। अनिल मानी ने कहा कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसे कार्यक्रम बहुत आवश्यक हैं। कार्यक्रम का संचालन प्रशांत, विनोद पल्लवी व रेखा ने किया।

छात्राओं ने डोभी में रैली निकालकर किया मोटे अनाज के प्रति जागरूक

हिसार/पवन सैनी  
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की छात्राओं ने ग्रामीण गृह कार्य अनुभव कार्यक्रम के तहत डोभी गांव में रैली निकालकर ग्रामीणों को मोटे अनाज के प्रति जागरूक किया। महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. मंजू मेहता की देखरेख में हुए इस कार्यक्रम की मुख्य संयोजिका डॉ. उर्वशी नांदल रही। सरपंच प्रतिनिधि शबनम हिंदुस्तानी ने एचएयू छात्राओं व अधिकारियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की सराहना की। इस अवसर पर डा. मंजू महता ने कहा कि मोटे अनाज के प्रति जागरूक करते हुए होम साइंस कॉलेज की छात्राओं ने ग्रामीणों को अपने आहार में मोटा अनाज शामिल करने बारे जानकारी दी। इसके साथ ही छात्राओं ने फसलों का महत्व बताया और पराली जलाना बंद करके पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के बारे में भी बताया। डॉ. उर्वशी नांदल व डॉ. सुमन सोदी की देखरेख में हुए कार्यक्रम में ग्रामीणों, खासकर महिलाओं ने भाग लिया और लेते हुए पूरा सहयोग दिया।

भाजपा सरकार से हर वर्ग दुखी : रामनिवास घोड़ेला

हिसार/पवन सैनी
विधायक रामनिवास घोड़ेला ने कहा कि भाजपा सरकार न तो मजदूर व कमेरा वर्ग की है और न ही कर्मचारियों, व्यापारियों व किसानों की। इस सरकार से हर वर्ग दुखी है। घोड़ेला शनिवार को हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तीसरे चरण में हलके के विभिन्न गांवों में ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा के तीसरे चरण का शुभारंभ गांव जुगलान से हुआ, जिसके उपरांत यह यात्रा बहबलपुर, खेड़ी बर्की, जेवरा व बिछपड़ी पहुंची। इस मौके पर उनके साथ युवा कांग्रेस नेता सुरेश घोड़ेला, रामफल कुंडू, धर्मपाल सरपंच, अजीत यादव प्रधान, कर्मवीर सातरोड़, सुंदर हुड्डा, रणबीर, सचिन पूनिया, जयवीर पूनिया, बनवारी सैनी सातरोड़, रामकुमार कोहाड़, अनिल सैन मिलगेट, लख्मी धिकताना, जगबीर फौजी, निहाल सिंह सरपंच, प्रेम बीडीसी, जयवीर सहरावत, अमर सैन, ईश्वर नंबरदार, जयकरण सिगड़, विरेंद्र ग्रेवाल, सुंदर बीडीसी, महाबीर कड़वासरा, अजीत बैनीवाल, श्रवण मिर्जापुर, अजीत मिर्जापुर, प्रदीप चहल, विजेंद्र कुंडू, भगत राम मय्यड़, बलबीर घोड़ेला, लीलु कोहाड़, सुशील सैनी बीडीसी, अजीत मैंबर, रणबीर भडाना, जयसिंह मालवाल, महेंद्र चैयरमैन, रमेश सरपंच बहबलपुर, जगमाल नंबरदार, सूर्या जागलान व अजीत पहल सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।