डॉक्टर सत्यपाल सिंह ने किया ज़िले के पहले आधुनिक गुरुकुल का बिलासपुर में उद्घाटन

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 24 फरवरी :

महर्षि दयानंद सरस्वती जी के जन्म के 200वें वर्ष के उपलक्ष्य में, सभी महापुरुषों से प्रेरित होकर विख्यात शिक्षाविद डॉ. एम के सहगल द्वारा “गुरुकुल यमुनानगर” की स्थापना महर्षि वेद-व्यास जीं की तपस्थली तथा हिमाचल की तलहटी पर बिलासपुर में की है | जिसका उद्धघाटन आज  गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, सांसद व पूर्व मंत्री भारत सरकार डॉ सत्य पाल सिंह द्वारा किया गया| भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की ।

विख्यात शिक्षाविद डॉ एम के सहगल ने अपने स्वागत भाषण में डा सत्य पाल सिंह जी के व्यक्तित्व को बताते हुए कहा कियह हमारे लिए बड़े हर्ष और गौरव कि बात है कि डा सत्य पाल सिंह जैसे आदर्श एव प्रेरणा स्त्रोत के कर कमलो द्वारा गुरुकुल यमुनानगर का उद्घाटन किया जा रहा है। गुरुकुल यमुनानगर, बिलासपुर, एक पूरी तरह से आवासीय विद्यालय हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बच्चे किसी भी देश की अमूल्य धरोहर और उसका  भविष्य  होते  हैं, वे अपने माता-पिता के सपनों और आकांक्षाओं के केंद्र में होते हैं। माता-पिता अपने बच्चों को बड़ी ऊंचाईयों तक पहुंचते देखना चाहते हैं, व अपने बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा और सर्वोत्तम संस्कार देने की आकांक्षा भी रखते हैं। भारत की प्राचीन वैदिक शिक्षा प्रणाली शिक्षा और मूल्यों का सर्वोत्तम दिव्य संयोजन थी। ‘गुरुकुल यमुनानगर’ वैदिक शिक्षा और वर्तमान समय की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा का संगम है। हम उच्च नैतिक मूल्यों के साथ मिश्रित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से, सीखने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे।गुरुकुल यमुनानगर श्रेष्ठ, जागरूक, चरित्रवान और पूर्ण रूप से आदर्श नागरिकों  के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कार्यक्रम में उपस्थित डा रणबीर शास्त्री ने मंच के माध्यम से अभिनन्दन करने के उपरांत गुरुकुल प्रबंधन समिति को बधाई दी और अपने संबोधन में कहा की व्यक्ति का पहला सौभाग्य अच्छे माता पिता के यहाँ जन्म लेना होता है जो की उसके पुनर्जन्मों का फल होता है । दूसरा सौभाग्य अच्छा स्वास्थ होता है तत्पश्चात तीसरा सौभाग्य अच्छी बुद्धि का होना होता है।  यह सभी सौभाग्य बेकार है अगर व्यक्ति को अच्छी  शिक्षा प्राप्त न हो। अच्छी शिक्षा के लिए आज के समय में गुरुकुल पद्धति की आवश्यकता है । साथ ही उन्होंने कहा की राष्ट्र हित के लिए सज्जन व्यक्तियों की आवश्यकता होती है व सज्जन बनने के लिए मन के संस्कार अच्छे होने चाहिए और मन के संस्कारो को अच्छा करने के लिए आज के समय में गुरुकुल वैदिक शिक्षा आवश्यक है । मुख्यातिथि डा सत्यपाल सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जिला यमुनानगर के लिए यह हर्ष का विषय है की राष्ट्र निर्माण के लिए एक उच्चस्तरीय शिक्षण संस्थान गुरुकुल यमुनागर की स्थापना बिलासपुर में की गयी है जिसके लिए उन्होंने यमुनानगर चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रधान व गुरुकुल यमुनानगर के संस्थापक डा एम् के सहगल व डा रजनी सहगल को बधाई दी । 

उन्होंने बताया की स्वामी दयानद जी को 200 वी जयंती को देश हर्षोउल्लास से मना रहा है और इस सन्दर्भ पर  गुरुकुल यमुनानगर को बनाने की सोच सराहनीय है । आज के समय में समाज के भले के लिए  अच्छे मनुष्य का निर्माण होना चाहिए जिसके लिए गुरुकुल पध्दति अनिवार्य है । उन्होंने कहा की आज के समय में शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को डॉक्टर , इंजीनियर बना रही है पर अच्छे इंसान के लिए गुरुकुल पध्दति की आवश्यकता है जो उन्हें बेहतर इंसान बनाने के साथ साथ जीवन में अग्रसर करेगी।

उन्होंने कहा की लोहे को पीटकर आकार प्रदान करने वाले को लुहार कहते है, सोने को पीटकर आकार प्रदान करने वाले को सुनार कहते है, मिटी को आकार प्रदान करने वाले को कुम्हार कहते है उसी प्रकार बच्चो को अच्छी शिक्षा प्रदान कर विद्वान् बनाने वाले को शिक्षक कहते है। आज के समय में हत्या से ज्यादा आत्महत्याएं होती है।  पढ़े लिखे लोग भी आत्महत्याएं कर रहे है ऐसा इसलिए है क्यूंकि उनको ऐसी शिक्षा नहीं मिली जो उन्हें ऐसा न करने के लिए सशक्त कर सके। साथ ही उन्होंने कहा की 24 घंटे विद्यार्थियों को अपने यहाँ रखने वाले शिक्षण संस्थान ही बच्चो को सही से संस्कार दे सकते है ।

राजेश सपरा ने मुख्यातिथि को जिला यमुनानगर आने पर उनका आभार प्रकट किया और साथ ही उन्होंने सभी उपस्थित व्यक्तियों से आग्रह किया की हमें अपने महापुरुषों पर गर्व करना चाहिए और उनके दिए हुए संदेशो को जीवन में उतरने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्कूल प्रबधन समिति को भी कोटि कोटि बधाई दी। डॉ रजनी सहगल ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य एवं अतिथियों का धन्यवाद व्यक्त करते कहा कि कि यह यमुनानगर जिले के लिए अत्यंत हर्ष और सौभाग्य की बात है कि  श्री सिद्धिविनायक एजुकेशनल ट्रस्ट शिक्षा के क्षेत्र में 2007- से नये आयाम स्थापित करने के अपने लक्ष्य को बरक़रार रखते हुए आज गुरुकुल यमुना नगर का उद्घाटन समारोह को आप सभी के सानिध्य से सम्पूर्ण कर पाया है जिसमे कि बच्चों के संतुलित जीवन की अवधारणा को विकसित करने के साथ ही साथ उनके लिए आधुनिक तकनीक से शिक्षा प्रदान की जायेगी।

मंच का संचालन स्वरांजलि सहगल ने किया। इस मौक़े पर जसपाल सिंह गिल, उपमंडलाधिकारी बिलासपुर, रमेश चंद अध्यक्ष जिला परिषद यमुनानगर, कपिल मनीष गर्ग, आर सी पाहूजा प्रधान आर्यसमाज यमुनानगर, वरिंदर मेहंदीरत्ता, समीरा सलूजा, डॉक्टर महेश शर्मा, राजेश गढ़, पंडित मदन गोपाल शर्मा, पंडित उपेन्द्र, बी. मदन मोहन, सुशील चोपड़ा, नमन सहगल, रवींद्र सिंह, विक्रांत गुलाटी व शहर के गणमान्य व्यक्ति अधिकारी वह अभिभावक मौजूद रहे।