Sunday, December 22


सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 23 फरवरी :


महर्षि दयानंद सरस्वती जी के जन्म के 200वें वर्ष के उपलक्ष्य में, सभी महापुरुषों से प्रेरित होकर विख्यात शिक्षाविद डॉ. एम के सहगल द्वारा “गुरुकुल यमुनानगर” की स्थापना महर्षि वेद-व्यास जीं की तपस्थली तथा हिमाचल की तलहटी पर बिलासपुर में की है | जिसका उद्धघाटन कल शिक्षा, वन व पर्यटन मंत्री कँवरपाल गुर्जर एवं गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, सांसद व पूर्व मंत्री भारत सरकार डॉ सत्य पाल सिंह द्वारा किया जायेगा|

भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इसी सत्र में चौथी से आठवीं कक्षा तक के लड़कों को प्रवेश-परीक्षा के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।विख्यात शिक्षाविद डॉ एम के सहगल ने जानकारी देते हुए बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वी जयन्ती पर गुरुकुल शिक्षा पद्धति के महत्व को समझते हुए “गुरुकुल यमुनानगर” की स्थापना की गई है। इस गुरुकुल में बच्चों के संतुलित जीवन की अवधारणा को विकसित करने के साथ ही साथ उनके लिए आधुनिक तकनीक से शिक्षा प्रदान की जायेगी। गुरुकुल यमुनानगर, बिलासपुर, एक पूरी तरह से आवासीय विद्यालय हैं।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बच्चे किसी भी देश की अमूल्य धरोहर और उसका  भविष्य  होते  हैं, वे अपने माता-पिता के सपनों और आकांक्षाओं के केंद्र में होते हैं। माता-पिता अपने बच्चों को बड़ी ऊंचाईयों तक पहुंचते देखना चाहते हैं, व अपने बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा और सर्वोत्तम संस्कार देने की आकांक्षा भी रखते हैं। भारत की प्राचीन वैदिक शिक्षा प्रणाली शिक्षा और मूल्यों का सर्वोत्तम दिव्य संयोजन थी। ‘गुरुकुल यमुनानगर’ वैदिक शिक्षा और वर्तमान समय की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा का संगम है। हम उच्च नैतिक मूल्यों के साथ मिश्रित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे।

गुरुकुल यमुनानगर श्रेष्ठ, जागरूक, चरित्रवान और पूर्ण रूप से आदर्श नागरिकों  के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।डॉ रजनी सहगल ने जानकारी देते हुए बताया कि यह यमुनानगर जिले के लिए अत्यंत हर्ष और सौभाग्य की बात है ई श्री सिद्धिविनायक एजुकेशनल ट्रस्ट शिक्षा के क्षेत्र में 2007- से नये आयाम स्थापित कर रहा है।