Sunday, December 22

इस साल जारी हुई नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में प्रति 10 लाख आबादी के आधार पर साइकिल चालकों के लिए चौथा सबसे खतरनाक शहर चंडीगढ़ माना गया है। इस साल सड़क हादसों में 17 साइकिल चालक मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। चंडीगढ़ से ऊपर दिल्ली, दूसरे पर गुजरात का बड़ोदरा और तीसरे नंबर पर कोलकाता है। ऐसे में यह ग्रीन कॉरिडोर साइकिल चालकों के लिए सुरक्षित रहेगा। केंद्र शासित प्रशासन के चीफ आर्किटेक्ट कपिल सेतिया का कहना है कि शहर को साइकिल फ्रेंडली बनाने के लिए मास्टर प्लान 2031 के तहत इस योजना को तैयार किया गया है। इससे आपातकालीन वाहनों को निकालने में भी सहायता मिलेगी।

  • लेजर वैली से लेकर मोहाली सीमा तक आठ किमी लंबा होगा कॉरिडोर
  • चंडीगढ़ में पहले से ही 210 किमी का ट्रैक, 7 किमी का चल रहा है निर्माण
  • चंडीगढ़ में रोजाना 10 से 20 हजार लोग करते हैं साइकिल का उपयोग

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 22 फरवरी :

चंडीगढ़ में साइकिल चालकों के लिए ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor) बनाया गया। इस ग्रीन कोरिडोर की लंबाई 8 किलोमीटर है। कॉरिडोर का निर्माण लेजर वैली से लेकर मोहाली सीमा किया गया है। मास्टर प्लान-2031 को ध्यान में रखकर यह प्लान तैयार किया गया है। इससे जहां साइकिल चालकों को बड़ी राहत मिलेगी, वहीं Emergency वाहनों के लिए भी इस रास्ते का प्रयोग किया जाएगा। ग्रीन कॉरिडोर्स में साइकिलिस्ट और पेडेस्ट्रियंस के लिए प्रशासन एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की प्लानिंग कर रहा है।

प्लान के तहत ग्रीन कॉरिडोर्स में स्मार्ट पोल्स लगाए जाएंगे। इससे रुट सुरक्षित, सुविधाजनक और मनोरंजन से भरपूर रहेगा। इन पोल्स के माध्यम से हाई स्पीड मोबाइल नेटवर्क ट्रांसमिट किया जाएगा। इससे लोकेशंस कनेक्टेड रहेंगी और आकर्षक बनी रहेंगी ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को साइक्लिंग के लिए प्रेरित करे।

इन पोल्स में सर्विलांस सिस्टम भी होगा जिसमें इंटीग्रेटिड क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरा होंगे। इन कैमरों को इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर(ICCC) से कनेक्ट किया जाएगा। इन स्मार्ट पोल्स में आने वाले किसी भी गड़बड़ी की जानकारी ऑटोमेटिक मिल जाएगी। वहीं ट्रैक पर लाइटिंग का भी प्रोविजन रखा जाएगा। इन लाइट्स को इन स्मार्ट पोल्स के साथ भी कनेक्ट किया जा सकता है और अलग से भी लगाई जा सकती हैं।

ग्रीन कॉरिडोर्स में सुकून देने वाला म्यूजिक भी लगाया जाएगा जिससे साइकिलिस्ट और पेडेस्ट्रियंस को शांति मिल सके। सुखना लेक की तर्ज पर ग्रीन कॉरिडोर में स्पीकर लगाए जाएंगे। बता दें कि शहर में कई ऐसे साइकिल ट्रैक हैं जहां पर अंधेरा रहता है। वहीं कई ट्रैक्स क्लियर भी नहीं हैं।

मौजूदा समय में दो कॉरिडोर्स पर काम चल रहा है। इनमें से एक पटियाला की राव के साथ लगभग 9 किलोमीटर का है। वहीं दूसरा कॉरिडोर एन-चो के साथ है। इन कॉरिडोर्स को सीमेंटिड रखा जाएगा और इनकी चौड़ाई लगभग 3 मीटर होगी ताकि आसानी से एक साथ दो साइकिलिस्ट भी गुजर सकें। वहीं भविष्य में ग्रीन कॉरिडोर्स का अंडरपास बनाए जाने की भी योजना है।