Sunday, December 22

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने चुनाव आयोग के इस फैसले को राजनीतिक दलों पर बड़ा हमला करार देते हुए कहा, “सभी के साथ निष्पक्ष व्यवहार करना कुछ संगठनों की जिम्मेदारी है।” इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि “क्या आपने कभी चुनाव आयोग को एक राजनीतिक दल का पूरा नियंत्रण छीनकर दूसरे को देते देखा है?” शरद पवार ने इसके साथ उद्धव ठाकरे को आगे बढ़कर ‘एक नया चुनाव चिह्न लेने’ की सलाह दी. उन्होंने कहा, “एक बार फैसला (चुनाव आयोग द्वारा) दिए जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती है… इसका (शिवसेना का चुनाव चिह्न को खोने का) कोई खास असर नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग (नए चुनाव चिह्न को) स्वीकार कर लेंगे। “

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना की है.  (पीटीआई फाइल फोटो)
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना की है 

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/मुंबई – 22 फरवरी :

महाराष्ट्र में उद्धव और शिंदे गुट के बीच जारी विवाद में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी एंट्री हो गई है। सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे गुट को झटका लगा है, जिसे लेकर शरद पवार ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि “चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले एक फैसला दिया था। यह एक उदाहरण है कि कैसे एक संस्था का दुरुपयोग किया जा सकता है। हमने चुनाव आयोग द्वारा ऐसा फैसला पहले कभी नहीं देखा। बालासाहेब ठाकरे ने अपने आखिरी दिनों में कहा था कि उनके बाद शिवसेना की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे को दी जाएगी।

पवार ने आगे कहा कि एक विचारधारा और पार्टी देश में भाईचारे को खत्म कर रही है। अटल बिहारी वाजपेयी जब PM थे, तब देश की संस्था पर इस तरह का हमला नहीं हुआ था। नरेंद्र मोदी की सरकार देश की संस्था पर हमला कर रही है और राजनीतिक दल को काम नहीं करने दे रही है।

इलेक्शन कमीशन ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी थी। उसे शिवसेना का ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न भी दे दिया। कमीशन के इस फैसले के विरोध में शिवसेना (उद्धव गुट) ने सुप्रीम कोर्ट (SC) में याचिका दाखिल की। बुधवार यानी आज SC ने इस मामले में EC के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। SC ने कहा कि हम आदेश पर रोक नहीं लगा सकते।

इस दौरान शरद पवार ने देश की केंद्र सरकार पर भी जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग और अन्य संस्थाएं वही फैसले दे रही हैं जो सत्ताधारी सरकार चाहती है। आज देश में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो संस्था काम कर रही है, वह सोचती है कि सत्ता उनके हाथ में रहेगी।

आपको बता दें, शरद पवार ने पिछले दिनों उद्धव ठाकरे को आगे बढ़ने और पार्टी के लिए नए चुनाव चिह्न पर सहमती जाहिर करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, एक बार फैसला (चुनाव आयोग द्वारा) दिए जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती है। पुराने चुनाव चिह्न को खोने का कोई खास असर नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग नए चुनाव चिन्ह को स्वीकार कर लेंगे। बाद में उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह इस विवाद में और नहीं फंसना चाहते हैं। जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले से दूरी बना ली थी।