माता पिता का आदर व सम्मान करने के साथ साथ आज्ञाकारी बनें: कथा व्यास श्री अतुल कृष्ण शास्त्री
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 22 फरवरी :
सेक्टर 23 डी स्थित श्री महावीर मंदिर मुनि सभा (साधु आश्रम) में पूज्यपाद ब्रह्मलीन श्री सतगुरु देव श्रीश्री 108 श्री मुनि गौरवा नंद गिरि जी महाराज की प्ररेणा से परम्परानुसार 54वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह के उपलक्ष्य में विधि विधान के साथ 101 कलश यात्रा का आयोजन सेक्टर 23 स्थित सनातन धर्म मंदिर से किया गया।
बैंड बाजों के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं व संकीर्तन मंडलियों के साथ यह कलश यात्रा जिन जिन मार्गों से होकर गुजरी वहाँ के लोगों ने पुष्प वर्षा कर कलश यात्रा का स्वागत किया। इस कलश यात्रा में एक सुसज्जित रथ पर कथा व्यास पठानकोट/वृंदावन से अतुल कृष्ण शास्त्री जी विराजमान थे। कलश यात्रा में प्रधान दिलीप चंद गुप्ता, सांस्कृतिक सचिव पं. दीप भारद्वाज, उप प्रधान ओपी पाहवा, महासचिव एस आर कश्यप, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता, कार्यालय सचिव नंदलाल शर्मा, अन्य सदस्यगण व श्रद्धालु उपस्थित थे।
कलश यात्रा से पूर्व सेक्टर 23 स्थित श्री महावीर मंदिर मुनि सभा में श्रीमद् भागवत महापुराण की पूजा स्तुति की गई। तदोपरांत श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के कथा व्यास श्री अतुल कृष्ण शास्त्री की पूजा की गई फिर अनन्य पाठी ब्राह्मणों की पूजा की गई।
माता पिता का करें आदर व सम्मान: कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करवाया और श्रद्धालुओं को ब्राह्मण आत्मदेव व उनकी धर्मपत्नी धुंधली देवी की कथा सुनाई। उन्होंने अपने प्रवचनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को बताया कि माता पिता आदर व सम्मान करना चाहिए और उनका आज्ञाकारी बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में अच्छे संस्कारों का होना जरूरी है। हमें बुरे काम व बुराई से बचना चाहिए और सदैव सद्कर्म करने चाहिए।