‘आर्किटेक्चर में लोगों की बदलती जरूरतों के साथ बदलाव आया है’: विशेषज्ञ
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 11 फरवरी
बदलती आर्थिक परिस्थितियों, नई सामग्रियों और प्रौद्योगिकियों के आगमन और लोगों के रहन-सहन की आदतों के कारण पिछले कुछ वर्षों में आर्किटेक्चर पेशे में कई बदलाव आए हैं। एफएसएआई, चंडीगढ़ चैप्टर के प्रेसिडेंट सुरिंदर बाहगा ने कहा कि “नेक्स्ट जनरेशन: न्यू आर्किटेक्चर” विषय पर आधारित सेमिनार विशेष रूप से पिछले एक दशक में नई आर्किटेक्चर में रुझानों को प्रदर्शित करने के लिए किया गया था। यह पहली बार है कि युवा आर्किटेक्ट्स के काम इस क्षेत्र में शहरवासियों को एक्सपो में दिखाए जा रहे हैं।
सुरिंदर बाहगा सेक्टर 17 स्थित परेड ग्राउंड में 10 से 13 फरवरी तक इंटीरियर, एक्सटीरियर और कंस्ट्रक्शन मटेरियल पर लगने वाली चार दिवसीय आर्कएक्स एग्जीबिशन में बोल रहे थे। यह सेमिनार एग्जीबिशन का हिस्सा थी।
चंडीगढ़ के पुलिस अधीक्षक मृदुल कुमार, आईपीएस ने इस सेमिनार मैं बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने आयोजकों के इस पहल की सराहना की। सेमिनार का आयोजन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स, चंडीगढ़ चैप्टर और माइंड्स मीडिया एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था। उन्होंने कहा कि विनाशकारी भूकंप के कारण तुर्की और सीरिया में हुए विनाश से आधुनिक आर्किटेक्चर के महत्व को देखा जा सकता है।
आर्कएक्स को फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ग्रीन एंड इको-फ्रेंडली मूवमेंट (जेम), चंडीगढ़ चैप्टर का समर्थन प्राप्त है।
मुख्य भाषण डॉ. हरवीन भंडारी, डीन रिसर्च एंड स्कोलास्टिक डेवलपमेंट, चितकारा स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर द्वारा दिया गया था, उन्होंने भारत में पिछले 10-15 वर्षों से काम कर रहे होनहार युवा आर्किटेक्ट्स के बारे में विचार-विमर्श किया।
शीतल शर्मा, युवा आर्किटेक्ट ने कहा कि ऐसा आर्किटेक्चर और इंटीरियर डिजाइन जिसमें नए कंस्ट्रक्शन मैटेरियल का इस्तेमाल सही तकनीक के साथ करके ऐसी जगह तैयार की जाए जहां पर कुदरत का किरदार बखूबी दिखे। एक जिंदा इंसान के जैसे जीवन के रंग उसमें मौजूद हों। ऐसा आर्किटेक्चर समय की मांग है।
प्रैक्टिसिंग आर्किटेक्ट अमन सोहल ने कहा कि सेमिनार ने हमारी आर्किटेक्चर को समझने के रूप में प्रदर्शित किया है कि आर्किटेक्चर का अनुभव बनाने में “इनसाइड” कैसे संबंधित हो जाता है। नेचुरल लाइट के उपयोग पर जोर देकर और आर्किटेक्चर में बदलाव करके, मैंने अपनी हाल ही में पूरी की गई कुछ परियोजनाओं को साझा किया”।
आर्किटेक्ट नूर दशमेश ने इमारतों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप डिजाइन करने पर जोर दिया। सेमिनार में कई प्रमुख आर्किटेक्चर कॉलेज, यूनिवर्सिटी, आर्किटेक्ट, इंजीनियर, बिल्डर्स ने हिस्सा लिया। धन्यवाद प्रस्ताव आईआईए, चंडीगढ़ चैप्टर के चेयरमैन शिव देव सिंह ने प्रस्तुत किया।
आर्किटेक्ट्स को क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पुरस्कृत भी दिए गए।
इनमें परमजीत विर्दी (लाइफटाइम अचीवमेंट), सुमित कौर (गवर्नमेंट सर्विसेस), तरसेम सिंह (आर्टवर्क), परवीन चोपड़ा (स्टील बिल्डिंग), भूपिंदर सिंह संधू (फायर सेफ्टी), राजन मित्तल (एमईपी सर्विसेज), गगनदीप सिंह घई, विकास दुबे(रेसिडेंशियल आर्किटेक्चर), डॉ. बलकार सिंह (एनर्जी कंसर्वशन), हरीश गांधी (कमर्शियल आर्किटेक्चर), एन.के. नेगी (हिल्स आर्किटेक्चर), डॉ. संजय शर्मा (स्ट्रक्चरल इंजीनियर) और नंद लाल चंदेल (हिल्स आर्किटेक्चर) शामिल हैं।