सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 10 फरवरी :
चीनी के ज्यादा प्रयोग व रहन-सहन में आए बदलाव के कारण दांतों की बीमारियों में बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही समय पर दांतो का चेकअप ना करवाना बीमारी को और बढ़ा रहा है।
यह कहना है लुधियाना से आए शिक्षाविद डॉक्टर डीएससी का जो डीएवी डेंटल कॉलेज में देशभर से आए पोस्ट ग्रेजुएट फाइनल ईयर के छात्र छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।इंडियन सोसाइटी ऑफ पीरियडोनटोलॉजी के बैनर तले आयोजित समीक्षा नामक इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम में गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ,चंडीगढ़ पंजाब व हरियाणा के 125 छात्र-छात्राएं भाग ले रही हैं। इसके अलावा नेपाल से भी छात्र भाग ले रहे हैं।
लुधियाना से आए शिक्षाविद डॉ डी एस कलसी ने कहा कि पहले लोग गुड़ व शक्कर का प्रयोग करते थे और जंक फूड का इस्तेमाल नहीं होता था लेकिन आज खानपान व रहन-सहन में भारी बदलाव आ गया है जिस कारण दांतो की बीमारियां दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हर 6 माह बाद दांतो का चेकअप जरूर करवाना चाहिए क्योंकि कई बार बीमारी का पता ना लगने पर वह बीमारी बाद में भयंकर रूप धारण कर जाती है।हिमाचल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज पांवटा साहिब डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ राजन गुप्ता ने कहा कि नए छात्र छात्राओं को चाहिए कि वह सभी विशेषज्ञ के विचार सुनकर उन पर अमल करें क्योंकि यह जानकारी उनके भविष्य के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि समय के बदलाव के साथ-साथ चिकित्सा पद्धति में भी दिन-प्रतिदिन बदलाव आ रहा है ऐसे में इलाज करना व करवाना सुविधाजनक हो रहा है।
विष्णु डेंटल कॉलेज भीमावरम आंध्र प्रदेश की प्रमुख डॉक्टर गौतमी ने कहा कि यह कार्यक्रम छात्र छात्राओं के लिए काफी महत्वपूर्ण सिद्ध होगा क्योंकि यहां पर विशेषज्ञों द्वारा जहां अपने अनुभव सांझा किए जा रहे हैं वही नये शोध की जानकारी भी उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बेहतर सुविधाओं के कारण ही पिछले 5 वर्षों से यह प्रोग्राम यमुनानगर में ही हो रहा है।
डीएवी डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आई के पंडित ने वक्ताओं व छात्र-छात्राओं का स्वागत करते हुए बताया कि दांतों की सही तरीके से देखभाल न करने से आज बच्चे से लेकर युवा तक कई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसमें युवा ज्यादा हैं। जिन बीमारियों की चपेट में ये आ रहे हैं उनमें दांतों में कीड़ा लगना, पायरिया, मसूड़ों में सड़न, दांतों में असहनीय दर्द होना, कैविटी, दांतों में सफेद धब्बे, झनझनाहट, दांतों का पीला पड़ना आदि मुख्य हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन दो बार दो-दो मिनट ब्रश करने से बीमारियों से बचा जा सकता है।
इंडियन सोसाइटी ऑफ पीरियडोनटोलॉजी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष निफिया पंडित ने कहा कि फाइनल ईयर के छात्रों को ज्यादा से ज्यादा दांतो की बीमारियों व इस पर हो रहे शोध बारे जानकारी मिले इसीलिए हर साल राष्ट्रीय स्तर पर यह कार्यक्रम करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों से आए विशेषज्ञ छात्र छात्राओं को अपने अनुभवों से अवगत करवा रहे हैं। कार्यक्रम में डीएवी डेंटल कॉलेज यमुनानगर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ दीपिका,आर्मी आर एंड आर हॉस्पिटल दिल्ली के लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. सरवनन,डीएवी डेंटल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ शालिनी गुगनानी ने भी अपने विचार व्यक्त किया।