चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारियों का पुलिस पर हमला:बैरिकेड तोड़े; तलवार-डंडों से पीटा; सिख कैदियों की रिहाई की कर रहे थे मांग पंजाब के मोहाली में सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी बुधवार को उग्र हो गए। चंडीगढ़ में घुसने को लेकर उनकी पुलिस से झड़प हो गई। इस दौरान जमकर पथराव हुआ।
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 08 फरवरी :
सिख कैदियों की रिहाई के लिए मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर मटौर बैरियर के पास बैठे प्रदर्शनकारियों ने बुधवार शाम बैरीकेड्स तोड़कर चंडीगढ़ में प्रवेश करने का प्रयास किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार और आंसू गैंस छोड़े। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने तलवार और डंडे लेकर पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस की गाडय़िों के शीशे तोड़ दिए। पुलिस जवानों ने जान बचाने के लिए गाडय़िां पीछे की तो प्रदर्शनकारी पीछा करते हुए सैक्टर-51/52 विभाजित सड़क तक आ गए। मौका संभालने के लिए अतिरिक्त फोर्स मंगवाई गई। रिजर्व फोर्स आने के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने काबू पाया और एक दर्जन से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारियों पर हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। महिला पुलिसकर्मियों समेत 52 से ज्यादा जवान घायल हुए, जिन्हें सैक्टर-16 अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
मोहाली के वाईपीएस चौक के पास एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है। कौमी इंसाफ मोर्चा के समर्थक मांगों को लेकर तीन दिन से प्रदर्शनकारी पंजाब के मुख्यमंत्री आवास जाना चाहते थे। बुधवार को भी कई लोगों के जत्थे ने चंडीगढ़ में दाखिल होने की कोशिश की। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश की। देखते ही देखते चंडीगढ़-मोहाली सीमा हिंसा का मैदान बन गई और पुलिस के साथ झड़प हुई।
पुलिसकर्मियों ने डंडे चलाए तो प्रदर्शनकारी भी उन्हें पीटने लगे। वाटर कैनन के साथ समर्थकों को रोकने की कोशिश भी हुई। ऐसे में भीड़ ने गुस्सा दिखते हुए तलवारें और डंडे तक निकाल लिए। प्रदर्शन के दौरान पथराव भी किया गया। इस बीच पुलिस का सुरक्षा कवच प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया और चंडीगढ़ की सीमा में घुस गए। यह देखकर पुलिसकर्मी गाड़ियों को मौके पर छोड़ पीछे हट गए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की कई गाड़ियों को तोड़ दिया।
चंडीगढ़-पंजाब बार्डर पर मोहाली गुरुद्वारा अंब साहिब के पास सैकड़ों सिख प्रदर्शनकारी सात जनवरी से कौमी इंसाफ मोर्चा के तहत धरना और रोष मार्च कर रहे हैं। चंडीगढ़ में एंट्री की कोशिश में इनका पुलिस से टकराव भी हो रहा है। वहीं मोर्चा को पंजाब के साथ साथ यूपी के किसानों यूनियन द्वारा समर्थन दिया जा रहा है। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए और कुछ निहंगों को एक गिरे हुए पुलिसकर्मी पर हमला करते देखा गया। उधर, पुलिस द्वारा पानी की बौछार और पथराव के बाद आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों के शीशे तोड़ दिए और एक बार बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ गए लेकिन मोर्चे के नेतृत्व ने उनसे लौटने की अपील की इसलिए वे वापस मोर्चे पर लौट आए। घटना के बाद चंडीगढ़ पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
कौमी इंसाफ मोर्चा के नेताओं ने यह भी कहा गया कि बाहर से आए कुछ शरारती तत्वों ने पुलिस और जत्थे पर पथराव किया।
इससे माहौल खराब करने की कोशिश की गई है। वहीं बुधवार को सिद्धू मूसेवाला की माता के आने से भी कुछ युवाओं में जोश आया था। इसके चलते कुछ ऐसे नारे भी लगाए गए जो पक्के मोर्चा के हक में नहीं थे।
जानकारी के अनुसार, झड़प में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं। जीएमएसएच-16 में करीब 15 पुलिसकर्मियों को भर्ती किया गया है, जिसमें से दो-तीन को गंभीर चोटें भी आई हैं। अधिकतर को खरोंचें आई हैं, जिन्हें प्राथमिक उपचार देकर बुधवार को घर भेज दिया गया। घायलों में आरएएफ के जवान भी हैं, जिनके सिर, हाथ, पैर और शरीर पर चोट के निशान हैं। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने चंडीगढ़ पुलिस की गाड़ियों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसमें पुलिस की वज्र व वरुण वाहन, जिप्सी, स्कॉर्पियो आदि शामिल हैं।
मौके पर चंडीगढ़ के डीजीपी प्रवीन रंजन भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि जो हुआ है, पंजाब के इलाके में है। इसलिए इतने सारे लोग इन हथियारों के साथ यहां तक कैसे पहुंचे। ये सोचने का विषय है। कहा कि वह पंजाब पुलिस के साथ संपर्क में हैं। बताया कि तीन दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की थी कि वह सीएम आवास की तरफ जाना चाहते हैं। पुलिस की तरफ से उन्हें बताया गया कि चंडीगढ़ में धारा-144 लगी हुई है। सीएम आवास का इलाका हाई सिक्योरिटी जोन में आता है। इसलिए वहां पर किसी भी तरह के प्रदर्शन की मंजूरी नहीं दी जा सकती है। इसके बावजूद बुधवार को दोपहर 12-एक बजे के आसपास करीब 1000 व्यक्ति बैरिकेड के पास आए। शुरू में थोड़ी देर तक उन्होंने बातचीत की। इसके बाद अचानक उग्र हो गए और उन्होंने बैरिकेट्ड को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की।
डीजीपी प्रवीर रंजन ने कहा कि बुधवार को जो लोग थे उनमें से कईयों के पास हथियार थे जिनमें डंडे, तलवार व अन्य कई खतरनाक हथियार थे। जब पुलिस ने रोका तो अचानक उन्होंने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया जिसमें कई पुलिसकर्मियों को चोट आई। पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और रोकने की कोशिश की लेकिन पीछे से एक और जत्था आया। उस जत्थे में घोड़े भी थे, जिनके पास हथियार थे और उन्होंने सीधे आकर तलवारों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि आज जो हुआ उसके लिए कौमी इंसाफ मोर्चा पूरी तरह से जिम्मेदार है, क्योंकि उन्होंने पंजाब के साथ चंडीगढ़ को भी आश्वासन दिया था। कहा कि इस मामले में उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होंगे, जो इसमें शामिल थे। चंडीगढ़ पुलिस के पास बहुत सारी वीडियो और फोटोग्राफ हैं, जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।