चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में जातिगत उत्पीड़न आम बात, विभाग ने मूंद रखी हैं आँखे

संदीप सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला 7 फरवरी :

                        अभी हाल ही में सेक्टर 18 के सरकारी स्कूल की एक शिक्षिका के साथ हुए जातिगत उत्पीड़न का मामला ज़ोर पकड़े हुए है । कई शिक्षक तथा सामाजिक संगठन इसमें उत्पीड़न करने वाली प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग के साथ सामने आए हैं। परंतु चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग में जातिगत उत्पीड़न का यह एकमात्र मामला नहीं है । ऐसे कई मामले विभाग की अलमारियों में लंबे समय से धूल खा रहे हैं।

                        ऐसा ही एक मामला मनीमाजरा टाउन के सरकारी स्कूल में सितंबर महीने से चल रहा है जिसमें अनामिका नाम की एक शिक्षिका को एक अन्य शिक्षिका सरिता (जो की हरियाणा से डेपुटेशन पर है) ने जाति सूचक शब्दों के साथ भरी कक्षा में अपमानित किया । यह घटना 08/09/2022 की दोपहर की है। जब सरिता  मोर ने अनामिका को टांगो  पर छूकर गंदे कॉमेंट किए । विरोध करने पर सरिता ने अनामिका पर चिल्लाना शुरू कर दिया । उसके बाद अनामिका को कक्षा में जाकर उसे जातिसूचक शब्द कहे और भला बुरा बोल कर अपमानित किया । प्रिंसिपल तब तक जा चुकी थी । अगले दिन 09/09/2022 को अनामिका प्रिंसिपल सपना सूद को लिखित शिकायत देने गई तो प्रिंसिपल ने शिकायत लेने से मना कर दिया । जिसके चलते 10/09/2022 को शिकायत निदेशक विद्यालय शिक्षा तथा जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी गई ।

                        प्रिंसिपल सपना सूद ने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में मामले को दबवाने का भरपूर प्रयास किया । जिसके चलते मामले पर एक महीने बाद सुनवाई के लिए जिला शिक्षा कार्यालय बुलाया गया, स्टेटमेंट भी ली गई परंतु कार्यवाही आजतक नहीं हुई । इसी बीच प्रीसिपल से आरटीआई के माध्यम से जातिगत उत्पीड़न तथा संबंधित घटनाओं की सीसीटीवी फुटेज मांगी गई । प्रिंसिपल ने जानबूझकर मामले में देरी की और बाद में देने से मना कर दिया । फर्स्ट अपील पर जिला शिक्षा अधिकारी ने कोई जवाब भी देना उचित नहीं समझा ।

                        नियमित न होने के कारण मामला हल्के में लिया गया है पीड़ित शिक्षिका विभाग में नियमित तौर पर कार्यरत नहीं है। शिक्षिका सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत है । इसलिए जातिगत उत्पीड़न जैसा गंभीर मामला भी धूल फांक रहा है । सरिता मोर का पति चंडीगढ़ पुलिस में कार्यरत है । जिसके चलते पुलिस ने आजतक कोई कार्यवाही नहीं की ।

                        विभाग और प्रशासन यह रवैया देखते हुए शिकायत एजुकेशन सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, एडवाइजर चंडीगढ़, तथा अनुसूचित जाति राष्ट्रीय आयोग को भेजी गई। मामले का संज्ञान लेते हुए आयोग ने एजुकेशन सेक्रेटरी से पंद्रह दिन के भीतर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही पर रिपोर्ट मांगी है।