पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर को कांग्रेस ने बदले की भावना से सस्पेंड किया

                        आरोप प्रत्यारोप राजनीति का अभिन्न अंग है। वहीं ‘बदले’ का भी राजनीति में अपना महत्व है। बदला प्रायः दूसरी पार्टियों/ नेताओं से लिया जाता है, अपनों से नहीं।  हो सकता है ये बात कंफ्यूज कर दे। तो इसे उत्तर प्रदेश , प्रियंका गांधी और योगी आदित्यनाथ के संदर्भ में देखिए। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं।  सपा बसपा को पीछे छोड़ सूबे में कांग्रेस मुख्य विपक्ष की तरह काम कर रही है। यूपी में कांग्रेस की बागडोर प्रियंका के हाथ है।  ऐसे में प्रियंका का सत्ताधारी दल पर आरोप लगाना लाजमी है।  प्रियंका लगातार इस बात को दोहरा रही हैं कि यूपी में योगी बदले की राजनीति कर रहे हैं।  काश योगी पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाती प्रियंका पंजाब का रुख कर लेतीं।  पंजाब कांग्रेस का और कैप्टन अमरिंदर सिंह का रुख कर लेतीं।  कहना गलत नहीं है कि देश में वाक़ई कहीं बदले की राजनीति हो रही है तो वो पंजाब है जहां कांग्रेस पार्टी द्वारा कैप्टन अमरिंदर से, उनके परिवार से बदला लिया जा रहा है और ये सब डंके की चोट पर हो रहा है और आलाकमान एकदम खामोश है। ऐसा लग रहा है कि रानी परनीत कौर को सस्पैण्ड करने पर काँग्रेस आ.आ.पा. के लिए 2024 के सांसदिया चुनावों की सहाता भी करेगी।

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 03 फरवरी :

                        पंजाब और चंडीगढ़ के कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने परनीत कौर को एक नोटिस भेजा।  नोटिस में कांग्रेस पार्टी की तरफ से कहा गया है कि, पिछले कई दिनों से, हमें लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं, विधायकों, पटियाला के नेताओं और मीडिया से आपकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में रिपोर्ट मिली। यह जानकारी और खबर तब से आ रही है जब से आपके पति कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया और पंजाब लोक कांग्रेस नाम से अपनी पार्टी बनाई।  हमें आपके पति की पार्टी के साथ मीडिया में आपकी खुली घोषणाओं से भी अवगत कराया गया।  अब पंजाब के पूर्व मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महाराष्ट्र के अगले गवर्नर बनने की अटकलों पर चुप्पी तोड़ दी है। कैप्टन ने इससे खुद को अनजान बताया है, मगर इससे इनकार भी नहीं किया। कैप्टन ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो भी फैसला होगा, वह उससे सहमत होंगे। जहां वह चाहेंगे वहीं रहूंगा।

                        पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और पटियाला से सांसद परनीत कौर को कांग्रेस ने सस्पेंड कर दिया है। परनीत कौर को कांग्रेस कमेटी ने तीन दिन का समय दिया है, ताकि वह अपना पक्ष रख सकें। कांग्रेस ने यह कार्रवाई पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की शिकायत पर की है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही कैप्टन को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाने की चर्चा शुरू हुई थी।

कांग्रेस का लेटर।

                        कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर पटियाला से मौजूदा सांसद हैं। चाहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ BJP से हाथ मिला लिया हो, लेकिन परनीत कौर ने कभी इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी। अब PPCC के प्रधार राजा वड़िंग ने कांग्रेस को परनीत कौर की पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायत भेजी थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए परनीत कौर को पार्टी ने निष्कासित कर दिया गया है और तीन दिन का समय जवाब दाखिल करने के लिए दिया गया है।

                        राजा वड़िंग ने सांसद परनीत कौर पर एंटी पार्टी गतिविधियों और भाजपा की मदद करने के आरोप लगाए हैं। कुछ सीनियर कांग्रेसी नेताओं ने भी अपने यही व्यू कांग्रेस आलाकमान के सामने रखे। जिसके बाद शिकायत अनुशासनात्मक कमेटी को भेज दी गई। जांच के बाद कमेटी ने परनीत कौर को सस्पेंड करने के ऑर्डर जारी किए हैं।

                        गुरुवार कैप्टन अमरिंदर सिंह हरियाणा सीएम से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कैप्टन से उनकी पत्नी परनीत कौर के बारे में पूछा गया। जिस पर कैप्टन ने कहा था कि वह BJP में हैं और उनकी पत्नी कांग्रेस में हो, इससे क्या फर्क पड़ता है।

                        बीते कुछ दिनों से कैप्टन अमरिंदर सिंह के महाराष्ट्र के गवर्नर बनने की भी अटकलें चल रही हैं। जिस पर गुरुवार को अमरिंदर ने कहा कि यह पूरी काल्पनिक है। मुझसे किसी ने संपर्क नहीं किया। मैं इस बारे में कुछ भी नहीं जानता। मैं पहले ही PM को कहा चुका हूं कि जहां वह चाहते हैं, मैं वहीं रहूंगा।


                        कैप्टन अमरिंदर सिंह की परनीत कौर चार बार सांसद चुनी गई हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल में वह मिनिस्टर ऑफ स्टेट एक्सटर्नल अफेयर भी रहीं। 1999 में उन्होंने अपना पहला चुनाव पटियाला से लड़ा और जीत दर्ज की। लगातार तीन बार वह सांसद चुनी गई और 2014 में वह आप नेता धर्मवीर गांधी से हार गई थी, लेकिन 2019 में उन्होंने एक बार फिर जीत दर्ज की और संसद में पहुंची।