इंडो-डच्च सहयोग से प्याज़ की आधुनिक खेतीकारी के लिए संगरूर में सैंटर आफ एक्सीलेंस होगा स्थापित
प्याज़ की खेती को बढ़ावा देने के लिए अपनाई जायेगी पोस्ट हारवैस्ट तकनीक
रिवायती फसलों के विकल्प के तौर पर अन्य फसलों की खेती से किसानों की आय में होगा विस्तार और फ़सलीय विभिन्नता के लिए होगा रास्ता साफ
पोषण सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए पंजाब सरकार ने राज्य के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 1.25 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाए
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : पंजाब सरकार द्वारा राज्य में किसानों की आय बढ़ाने और फ़सलीय विभिन्नता को यकीनी बनाने की योजनाओं को अमली जामा पाने के लिए बाग़बानी विभाग द्वारा राज्य में चलाए जा रहे सैंटर आफ एक्सीलेंस के द्वारा राज्य का दोगुना क्षेत्रफल बाग़बानी के तहत लाने के लिए सभी संभव यत्न किये जा रहे हैं।
पोषण सुरक्षा को ज़मीनी स्तर पर यकीनी बनाने के लिए पंजाब सरकार की अहम और अभिलाषी मुहिम शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह हरियाली लहर के हिस्से के तौर पर राज्य के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 1.25 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाए गए हैं।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये पंजाब के बाग़बानी और फूड प्रोसेसिंग मंत्री फौजा सिंह सरारी ने बताया कि पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों में फलदार पौधे लगाने के इलावा राज्य के 10 प्रतिशत वन अधीन क्षेत्र को फलों के बाग़ों में तबदील करेगी। उन्होंने कहा कि फलदार वृक्ष लगाने से न केवल राज्य में हरियाली बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि यह लोगों ख़ास कर बच्चों, जो फल खरीदने में असमर्थ हैं, के लिए पोषण सुरक्षा को भी यकीनी बनाऐगा।
कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी ने कहा कि किसानों को रिवायती फसलों का विकल्प मुहैया करवाने के मद्देनजऱ एक और पहलकदमी के अंतर्गत संगरूर जिले के गाँव खेड़ी में प्याज़ के लिए एक और सैंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह पंजाब में इंडो-डच्च समझौते के अनुसार स्थापित किया जाने वाला तीसरा सैंटर आफ एक्सीलेंस होगा।
इस आधुनिक केंद्र का उद्देश्य पंजाब के किसानों को प्याज़ की खेती में नवीनतम तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति से अवगत करवाना ही नहीं बल्कि दो-फ़सली प्रणाली के रिवायती फ़सली चक्र को तोडऩा है, जिसके नतीजे के तौर पर पानी का स्तर लगातार नीचे जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार कुदरती स्त्रोतों की संभाल और वातावरण को बचाने के लिए लगातार यत्नों के साथ-साथ नयी फसलों और नवीनतम तकनीकों के द्वारा किसानों की आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
और जानकारी देते हुये मंत्री ने कहा कि यह केंद्र डच्च के सहयोग से प्याज़ की खेती को 22 टन से बढ़ा कर 40 टन प्रति हेक्टेयर करने और डच्च की नवीनतम स्टोरेज तकनीक का प्रयोग करके कटाई के बाद के नुकसान को 30 प्रतिशत तक घटाने पर केंद्रित होगा। जिक़रयोग है कि यह केंद्र 10 करोड़ रुपए की लागत से मिशन फार इंटीग्रेटिड डिवैल्पमैंट आफ हार्टिकल्चर (ऐमआईडीऐच) के अंतर्गत स्थापित किया जायेगा।
बाग़बानी मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में पंजाब प्याज़ की 25 प्रतिशत ज़रूरत पूरी कर रहा है और एक बार इस आधुनिक केंद्र की स्थापना होने पर 3 सालों में यह क्षेत्रफल 60000 एकड़ तक बढ़ जायेगा। मौजूदा समय में 25000 एकड़ क्षेत्रफल में प्याज़ की खेती की जा रही है।
लैंड ऐकुईज़ीशन के दौरान मुआवज़े में विस्तार
विकास प्रोजेक्टों के लिए ज़मीन एक्वायर करने के दौरान अधिक मुआवज़ा लेने की राज्य भर के किसानों की लम्बित माँग को पूरा करते हुये मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने मुआवज़े की रकम में 4-5 गुणा विस्तार कर दिया है। इस सम्बन्धी जवाबदेही को यकीनी बनाते हुए पूरी पारदर्शिता लाने के लिए बहुत सी गड़बडिय़ों को दूर किया गया।
बाग़बानी मंत्री फौजा सिंह सरारी ने कहा कि विभाग किसानों को रेशम के उत्पादन के लिए प्रेरित कर रहा है और 2000 से अधिक किसानों को इस तरफ़ उत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस साल फिऱोज़पुर में बड़े स्तर पर मिर्चों की खेती के लिए ‘चिल्ली अस्टेट’ भी स्थापित करेगी।
मंत्री ने बताया कि सरकार की तरफ से ‘बाग़बानी हब’ बनाने की योजना भी बनाई जा रही है, जोकि एक कम्युनिटी हायरिंग सैंटर, प्लांट हैल्थ क्लीनिक, माईक्रो न्यूट्रीऐंट स्तर तक मिट्टी की जांच, वर्मी कम्पोस्ट, फलों और सब्जियाँ के बीज आदि प्रदान करके किसानों की लागत में 24000 रुपए प्रति एकड़ की कमी लाएगी। मंत्री ने कहा कि अगले 5 सालों में ऐसे 25 बाग़बानी हब बनाऐ जाएंगे।
पंजाब में उद्यमी निवेश में एक बड़ा उछाल देखा गया है और भारत सरकार के कृषि ढांचा फंड स्कीम का लाभ लेने के लिए लगभग 2100 करोड़ रुपए के व्यक्तिगत निवेश प्रोजैकट प्रगति अधीन हैं। यह स्कीम अधिक से अधिक 2 करोड़ रुपए के निवेश के साथ कजऱ्े के ब्याज पर 3 फीसद की छूट देती है। बैंकों की तरफ से अब तक 408 करोड़ रुपए मंज़ूर किये जा चुके हैं।
कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी इस स्कीम के सक्रिय राजदूत रहे हैं और उन्होंने 22 जुलाई, 2022 को सम्मेलन आयोजित किया, इसके इलावा 4 दिसंबर, 2022 को एग्री टेक में राज्य स्तरीय सत्र भी करवाया।
फ़सलीय विभिन्नता में एक और बड़ी पहलकदमी के अंतर्गत एक राज्य योजना तैयार की गई है, जिसके अधीन विभिन्नता के लिए सहमत किसानों को 14000 रुपए प्रति एकड़ सब्सिडी दी जायेगी।