हिसार/पवन सैनी
फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में एडल्ट हेमोटो-ऑन्कोलॉजी एंड बीएमटी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मीत प्रीतमचंद ने कहा है कि मेडिकल टेक्नोलॉजी में हुई तरक्की ने ब्लड से जुड़ी समस्याओं के इलाज को सफल बना दिया है। ब्लड से जुड़ी समस्याओं में भी बीएमटी से सफल इलाज किया जा सकता है। बीएमटी प्रक्रिया में सक्सेस रेट कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी जैसी परंपरागत थेरेपी से ज्यादा है। डॉ. मीत प्रीतमचंद ने कहा कि ब्लड कैंसर एक जानलेवा कैंसर माना जाता है। इसी के मद्देनजर लोगों मे जागरूकता फैलाने लाने के लिए हिसार में एक सत्र आयोजित किया गया। डॉ. मीत प्रीतमचंद ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान हमारी टीम ने देखा है कि बहुत से लोग किसी न किसी प्रकार के ब्लड की समस्याओं से पीडि़त हैं, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। ओपीडी में आने वाले लोगों में से अधिकांश को अप्लास्टिक एनीमिया, थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया पाया गया। बोन मैरो ट्रांसप्लांट इस तरह के रोग के लिए अबतक एकमात्र उपलब्ध उपचार है।
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