Sunday, December 22

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर –  27 जनवरी  :

                        आर्य कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयमें 76वा स्थापना दिवस, बसंत पंचमी उत्सव एवं गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि यमुनानगर-जगाधरी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रधान व विख्यात शिक्षाविद डा एम् के  सहगल रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रजनी सहगल, सुशील अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, किरण गर्ग, पूजा मित्तल, डा सतीश बंसल, आर्य समाज प्रधान महेश सिंगला, पंकज कम्बोज व् कुलदीप गर्ग रहे।  कार्यक्रम का शुभारंभ हवन यज्ञ द्वारा किया गया। तत्पश्चात डा एम् के सहगल व् डा रजनी सहगल द्वारा ध्वजारोहण  किया गया। सांस्कृतिक समारोह का शुभारंभ मुख्यातिथि व् विशिष्ट अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती जी के चरणों में दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित करते हुए किया गया। 

                        डा एम्  के सहगल ने अपने सम्बोधन में बताया कि देश का विकास और उन्नति तब ही की जा  सकती है जब शिक्षा व्यवस्था सही हो। जीवन में सफल होने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण  साधन है । भारत में गुरुकुल परम्परा सबसे पुरानी व्यवस्था है और यह  वैदिक युग से ही अस्तित्व में है। भारत को विश्व गुरु इस पद्धति के कारण ही कहा जाता था परन्तु अब इस परम्परा का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है इसी को ध्यान में रखते हुए उनके द्वारा श्री सिद्धिविनायक एजुकेशनल ट्रस्ट के तत्वावधान में महर्षि दयानंद सरस्वती जी के जन्म के 200वें वर्ष के उपलक्ष्य में वैदिक विचारधारा से जुड़े सभी महापुरुषों से प्रेरित होकर  “गुरुकुल यमुनानगर” की स्थापना महर्षि वेद-व्यास जीं की तपस्थली तथा हिमाचल की तलहटी बिलासपुर में की जा रही है। गुणात्मक रूप से भिन्न इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के गुरुकुल  में इसी वर्ष से दाख़िले किये जाएँगे और अपनी नवीन पद्धति से सीखने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। 

                        आर्य जगत के उच्च कोटि के विद्वान् डा सूर्यपाल जी के उपदेश व् भजनोपदेशक मुकेश आर्य के भजनो का भी आयोजन कार्यक्रम के दौरान किया गया ।इस अवसर पर मेधावी छात्रों को पुरुस्कृत भी किया गया। स्कूल की प्रधानचार्य सविता शर्मा व् स्कूल प्रबंधन समिति के सभी सदस्यों एव स्कूल के सभी शिक्षकगणों द्वारा उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर विभिन्न आर्य-समाजो से व ज़िले के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।