शाह सतनाम जी धाम में धूमधाम से मनाया गया एमएसजी भंडारा
- भंडारा मनाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालु
- 25 से 60 किलोमीटर तक सड़कों पर रेंगते नजर वाहन
- सैकड़ों एकड़ में बनाए गए दर्जनों पंडाल पड़े छोटे
- नशों के खिलाफ मुहिम डेप्थ को मिली रफ्तार, वेबसाइट रिलॉन्च, नशा छोड़ने वाले कर सकेंगे संपर्क
डिम्पल अरोड़ा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कालांवाली – 25 जनवरी :
रूहानियत और समाज सेवा के विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाले डेरा सच्चा सौदा के पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के 104वें पावन अवतार दिवस का एमएसजी भंडारा बुधवार को डेरा सच्चा सौदा की करोड़ों साध-संगत ने धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया। इस अवसर पर जहां शाह सतनाम जी धाम में पावन भंडारा एमएसजी के रंग में रंगा नजर आया। वहीं सैकड़ों एकड़ में बनाए गए विशाल पंडाल श्रद्धालुओं के उत्साह के समक्ष छोटे पड़ गए। डेरा सच्चा सौदा की ओर आने वाले सभी मार्गों पर श्रद्धालु ही नजर आ रहे थे। एमएसजी भंडारे पर गुरुभक्ति, देशभक्ति और भारतीय संस्कृति और संस्कारों का अनूठा संगम देखने को मिला।
इस अवसर पर पूज्य गुरु जी के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे मानवता भलाई कार्यों के तहत जरूरतमंदों की मदद की गई। वहीं मंदबुद्धियों की सार-संभाल और उपचार के बाद सकुशल घर पहुंचाने में पहले स्थान पर रहे राजस्थान के ब्लॉक केसरीसिंहपुर, दूसरे स्थान पर रहे संगरियां और तीसरे स्थान पर रहे पंजाब के ब्लॉक सुनाम को पूज्य गुरु जी ने सुंदर ट्राफियां देकर सम्मानित किया। इसके अलावा पूज्य गुरु जी ने अपनी वेबसाइट सेंट डॉ. एमएसजी इन्सां डॉट मी को रिलॉन्च किया, जिसमें नशों के खिलाफ चलाई गई डेप्थ मुहिम से संबंधित नंबर 80596-02525 जारी किया गया। इस नंबर व वेबसाइट पर कोई भी नशा छोड़ने वाला संपर्क कर सकता है।
बता दें कि पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने 25 जनवरी 1919 को श्रीजलालआणा साहिब, जिला सरसा ( हरियाणा) में पावन अवतार धारण किया था। एमएसजी भंडारे को लेकर डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत में अनुपम श्रद्धा, अद्वितीय विश्वास और अद्भुत जोश व जज्बा देखने को मिला। मंगलवार दोपहर से ही शाह सतनाम जी धाम व शाह मस्ताना जी धाम में साध-संगत का आना शुरू हो गया, जो कि भंडारा समाप्ति तक अनवरत जारी रहा। संगत के लिए बनाए मुख्य पंडाल भरने पर आश्रम की सैकड़ों एकड़ जमीन बनाए गए। इसके साथ ही स्कूल के ग्राउंड और क्रिकेट स्टेडियम के बड़े मैदान में संगत के बैठने का प्रबंध किया गया। इसी तरह शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के नजदीक एक विशाल पंडाल बनाया गया। उधर शाह मस्ताना जी धाम के पंडाल में भी पैर रखने की जगह नहीं थी। इन सभी पंडालों के भर जाने के बाद आश्रम की खेती वाली जमीन पर साध-संगत पर भी पंडाल बनाए गए।
25 जनवरी सुबह 11 बजे ह्यएमएसजी भंडारेह्ण के रूहानी सत्संग की शुरूआत से पहले ही सैकड़ों एकड़ में बनाए गए विशाल पंडाल साध-संगत से खचाखच भर चुके थे। इसके साथ ही आश्रम की ओर आने वाले सभी मार्गों पर जहां तक नजर पहुंच रही थी, साध-संगत का जन समूह ही नजर आया। इन मार्गों पर कई-कई किलोमीटर तक साध-संगत के वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। वहीं चहुंओर बने स्वागती तोरणद्वार अद्भुत आभा पेश कर रहे थे।
इस शुभ अवसर पर डेरा सच्चा सौदा के देश-विदेश के श्रद्धालु अपनी पारंपरिक वेशभूषाओं और वाद्यों पर नाचते थिरकते हुए सत्संग पंडालों में पहुंचे और एक-दूसरे को बधाइयां देकर खुशी जताई।एमएसजी भंडारे का आगाज पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के पवित्र नारे के रूप में बधाई के साथ हुआ। इसके पश्चात कविराजों ने विभिन्न भक्तिमय भजनों के माध्यम से गुरु महिमा का गुणगान किया। तत्पश्चात हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों और संस्कारों को दशार्ती प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। वहीं एक्रोबेटिक, स्किट और कॉमेडी के माध्यम से युवाओं को नशों से दूर रहने का सशक्त संदेश मिला।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने करोड़ों साध-संगत को संबोधित करते हुए विशाल रूहानी सत्संग में फरमाया कि पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आप सबको सच्चे दाता रहबर परम पिता कुल मालिक, दाता रहबर शाह सतनाम जी महाराज के अवतार दिन की और अवतार दिन को आगे से हमेशा मनाए जाने वाले एमएसजी भंडारे बहुत-बहुत बधाई, बहुत-बहुत आशीर्वाद। मालिक से दुआ करते हैं कि जो आप बार-बार कह रहे हैं कि पाँच साल बाद मना रहे हैं आपके साथ मालिक रहमोकरम करे कि हर बार जब भी हम मनाएंगे जल्द से जल्द और जल्द से जल्द खुशियों से मालामाल मालिक आपको करे। अब आप एक दो भंडारों की नहीं समुन्द्रों के समुन्द्र कृपा दृष्टि के यहां से झोलियां भरकर ले जाएंगे। बस वो संभली रहें आपकी झोलियां में, आपके दामन में कोई दाग ना लगने पाए, आपका दामन फटने ना पाए, तो वचनों पर ठोक कर पहरा देते रहियेगा, ताकि ये समुन्द्रों के समुन्द्र एमएसजी भंडारे ई-स्पेशल हैं, एक्सट्रा स्पेशल रहेंगे। पूज्य गुरु जी के पावन वचनों को साध-संगत ने एकाग्रचित होकर श्रवण किया। पंडाल में अनुशासन और तल्लीनता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अगर सुर्इं भी गिरा दे तो उसकी भी आवाज सुनाई देती। एमएसजी भंडारे के शुभ अवसर पर पूरी साध-संगत को मालपुड़े व काजू कतली का प्रशाद व मटर पनीर की सब्जी वाला लंगर खिलाया गया।
लाखों वालंटियर्स ने संभाली व्यवस्था
पावन भंडारे के अवसर पर लाखों वालंटियर्स ने साध-संगत की सुविधा के लिए यातायात, पंडाल, पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा, लंगर-भोजन, बुजुर्गों व दिव्यांगों को पंडाल तक पहुंचाने के लिए पूरी व्यवस्था को संभाला। अलग-अलग राज्यों से आने वाली साध-संगत के वाहनों की पार्किंग के लिए अलग-अलग विशाल ट्रैफिक ग्राउंड बनाए गए थे। साध-संगत की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर सूचना केन्द्र बनाए गए।
जागो दुनिया दे लोको गीत की रही धूम
पावन भंडारे के अवसर पर साध-संगत जहां एक दूसरे को बधाई दे रही थी वहीं दूसरी ओर पूज्य गुरु जी का नशे रूपी दैत्य को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए गाया गया गीत जागो दुनिया दे लोको साध-संगत के वाहनों और डीजे पर बजता रहा। इसके अलावा ढोल-नगाड़ों पर पंजाबी गिद्दा, हरियाणवीं नृत्य, राजस्थानी पारंपरिक लोकनृत्य पर नाचते-गाते हुए पहुंची। इसके अलावा सैकड़ों एकड़ में बनाए गए विभिन्न विशाल पंडालों में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनें लगाई गई, जिनमें पावन भंडारे का लाइव प्रोग्राम देखा गया।
ये तीन नए कार्य किए शुरू
149- भारतीय संस्कृति को जिन्दा रखने और खुशहाल जिन्दगी रखने के लिए सुबह उठते ही माता-पिता व बड़ों के चरण स्पर्श करने व उनका आशीर्वाद लेकर दिन की शुरूआत करना।
150- परिवार में खुशहाली बनी रहे इसके लिए रोज नहीं तो कम से कम सप्ताह में एक दिन जरूर सारा परिवार इकट्ठा बैठकर खाना खाए।
151- गरीब बस्तियों में आरो लगवाकर देना।