डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ :
बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की 9 ट्रेड यूनियनों की शीर्ष संस्था यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर आज ट्राईसिटी में तीन स्थानों पर – चंडीगढ़ बैंक स्क्वायर सेक्टर 17, मोहाली में सेक्टर 68 एसबीआई के सामने, और पंचकुला में एसबीआई बिल्डिंग, सेक्टर 5 के सामने निम्नलिखित मुद्दे पर धरना प्रदर्शन किया गया। 1. बैंकरों के लिए 5-दिवसीय कार्य सप्ताह की शुरुआत।2. पिछले सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन का अद्यतनीकरण।3. पिछली वेतन समझौते के लंबित मुद्दों का समाधान।4. बेहतर ग्राहक सेवा सुनिश्चित करने के लिए सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती।5. नई पेंशन योजना को समाप्त करना और पुरानी पेंशन योजना बहाल करना। 6. अगले वेतन समझौते की मांगों पर बातचीत की तत्काल शुरुआत।
यूएफबीयू से जुड़े 1000 से अधिक सदस्यों ने लंच के समय ट्राईसिटी के तीन केंद्रों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन में भाग लिया। यूएफबीयू द्वारा 30 और 31 जनवरी 2023 के लिए दो दिवसीय हड़ताल का निर्णय भी लिया गया है। बड़ी संख्या में महिला सदस्यों सहित प्रतिभागियों द्वारा जोरदार नारेबाजी कर एआईबीईए के दृष्टिकोण के खिलाफ सदस्यों का गुस्सा दिखाया।
जगदीश राय, टी एस सग्गू, बी एस गिल, विपिन कुमार हांडा, हरमीत सिंह, अशोक गोयल और यूएफबीयू के विभिन्न घटकों के अन्य नेताओं ने अपने विचार साझा किए। एआईबीईए के जगदीश राय ने कहा कि बीते महीनों में यूएफबीयू ने इस उम्मीद के साथ धैर्य दिखाया था कि आईबीए आगे आएगा, हमारी मांगों पर चर्चा करेगा और आपसी चर्चा और बातचीत के माध्यम से इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करेगा। उन्होंने कहा कि चूंकि आईबीए के गैर-गंभीर रुख के कारण बातचीत नहीं हो पाई, इसलिए यूएफबीयू ने सड़कों पर उतरने और हड़ताल के जरिए अपनी नाराजगी व्यक्त करने का फैसला किया।
अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ के प्रियव्रत ने कहा कि आईबीए की ओर से लंबित और शेष मुद्दों को हल करने में अनुचित देरी ने हमें सड़कों पर आने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि आईबीए के गैर-गंभीर दृष्टिकोण के कारण 5 दिवसीय बैंकिंग, पेंशन रिवीजन, एनपीएस को समाप्त करना और पिछले वेतन समझौते के मुद्दे अभी भी लंबित हैं।
अगले वेतन समझौते की मांगों पर बातचीत शुरू करने सहित लंबित मुद्दों को हल करने में आईबीए की देरी की रणनीति का विरोध करते हुए यूएफबीयू (ट्राई सिटी) के संयोजक कॉम संजय शर्मा ने कहा कि आईबीए ने हमें आंदोलन के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि मुख्य लेबर आयुक्त मुंबई में 27/01/2023 को फिर से यूएफबीयू घटकों और आईबीए के साथ एक सुलह बैठक आयोजित करेगा। उन्होंने कहा कि यदि आईबीए तय समय के अनुसार मांगों को हल करने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता दे सकता है, तो यूएफबीयू अपने आंदोलन पर पुनर्विचार कर सकता है, अन्यथा हमारा आंदोलन जारी रहेगा।