डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, हरियाणा :
नूंह विधायक व कांग्रेस विधायक दल उप नेता आफताब अहमद ने हरियाणा सरकार द्वारा आगामी 26 जनवरी को 74वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जारी विधायकों व मंत्रियों की सूची से विपक्ष के नेताओं के नाम नदारद होने पर भाजपा जजपा सरकार पर निशाना साधा है।
सरकार द्वारा जारी शासकीय सर्कुलर पत्रों के अनुसार प्रदेश के उपमंडलों पर राजकीय समारोह आयोजित किये जायेंगे जहाँ राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, सरकार के सांसद, विधायक और नव निर्वाचित जिला परिषद चेयरमैन मारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेगे और परेड की सलामी लेंगे। हालांकि विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा, जिन्हें कैबिनेट मंत्री के समकक्ष दर्जा है, का नाम आगामी 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की सूची से गायब है और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा का भी नाम इस बार नदारद है।
कांग्रेस विधायक दल उप नेता आफताब अहमद ने कहा कि हर जगह राजनीति करने की नहीं होती है, सत्ता पक्ष को मालूम होना चाहिए कि राष्ट्रीय पर्व सभी के लिए समान होते हैं, वहां पर राजनीती करने का कोई औचित्य नहीं होता है। प्रदेश में सभी जन प्रतिनिधियों चाहे विधायक हों, सांसद हों या मंत्री व मुख्यमंत्री को अलग अलग जगहों पर ध्वजारोहण के लिए नामित करना चाहिए इसमें सत्ता पक्ष या विपक्ष की कोई बंदिश नहीं रहनी चाहिए क्योंकि कांग्रेस ने देश की आज़ादी की लड़ाई में उल्लेखनीय योगदान दिया है, इसलिए सरकार दलों को ना देखकर बल्कि जनप्रतिनिधियों के आधार पर नाम निर्धारित करे।
प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं, उनका नाम 26 जनवरी पर ध्वजारोहण से हटाना सरकार की ओछी मानसिकता को दर्शाता है। जबकि पिछली बार सांसद दिपेंद्र हुड्डा का भी नाम था लेकिन इस बार वो भी हटा दिया गया।
जबकि 2022 में स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि सभी विधायकों व सांसदों से राष्ट्रीय पर्वों पर ध्वजारोहण कराया जाएगा लेकिन अब मुख्यमंत्री अपनी कथनी और करनी में अंतर कर रहे हैं।
रोहतक विधायक बीबी बत्रा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस मनाने के उपलक्ष्य पर जारी पत्र में राज्यपाल द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने और परेड की सलामी लेने के आधिकारिक कार्यक्रम का औपचारिक तौर से राज्य स्तरीय समारोह के तौर पर उल्लेख नहीं किया गया है। ये एक अच्छी परंपरा नहीं है। राज्यपाल महामहिम होता है और प्रदेश सरकार ने पद का उचित सम्मान इस गणतंत्र कार्यक्रम में नहीं किया है।
बता दें कि इस बार राज्यपाल थानेसर, कुरुक्षेत्र में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे।
वहीं विधायक मुलाना वरूण चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी पर तो ध्यान दे नहीं रही है बल्कि विपक्ष के बडे नेताओं को गणतंत्र दिवस जैसे कार्यक्रम में नजरअंदाज कर रही है। सरकार का ये रवैया अहंकार का प्रतीक है और अहंकार किसी के लिए भी ठीक नहीं है, जनता सरकार के अहंकार और घमंड को बखूबी देख रही है।