2019 के विधानसभा चुनाव में भी प्रकाश आंबेडकर ने दलित-मुस्लिम गठजोड़ बना कि पार्टी ने कांग्रेस-एनसीपी के वोट काटे थे, जिससे बीजेपी को फायदा हुआ था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रकाश आंबेडकर की पार्टी की करीब 10 निर्वाचन क्षेत्रों में एक लाख से ज्यादा वोट पड़े थे। तब प्रकाश आंबेडकर की पार्टी का गठबंधन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से था। तब दलित-मुस्लिम गठजोड़ बना था और एआईएमआईएम के खाते में औरंगाबाद सीट गई थी।
- उद्धव ठाकरे और प्रकाश अंबेडकर आए साथ
- BMC चुनाव के लिए VBA के साथ गठबंधन की घोषणा
- MVA गठबंधन में अब VBA भी शामिल
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/मुंबई – 23 जनवरी :
आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के साथ हाथ मिलाया है। हालांकि निकाय चुनावों की तारीखों की घोषणा अभी बाकी है, लेकिन इस कदम को इस संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि उद्धव की सेना ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। सोमवार दोपहर दोनों पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटनाक्रम का ऐलान किया।
उद्धव ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हम संविधान को अक्षुण्ण रखने के लिए एक साथ आए हैं।’ इस दौरान उन्होंने प्रकाश अंबेडकर के साथ मंच साझा किया। गौरतलब है कि उद्धव की महा विकास अघाड़ी सरकार को जून में एकनाथ शिंदे नेतृत्व वाले विद्रोही सेना गुट द्वारा गिरा दिया गया था। MVA गठबंधन के बारे में बात करते हुए, प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस और एनसीपी उनकी वीबीए पार्टी को सहयोगी के रूप में भी स्वीकार करेंगे। अंबेडकर ने ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर भी भाजपा सरकार पर हमला किया।
वहीं वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर शिवसेना (यूबीटी) और वीबीए का गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया बदलाव लाएगा। इस कदम से राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां कुछ पार्टियों ने अपने सहयोगियों को कम करने और खत्म करने की कोशिश की, लेकिन राजनीतिक दल की जीत का फैसला करना लोगों पर निर्भर है। हमारे देश की इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कोई नहीं बदल सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि अभी तक चुनाव की कोई घोषणा नहीं हुई है। मैं देशद्रोहियों (शिंदे गुट) को चुनाव कराने की चुनौती देना चाहता हूं। अगर उनमें (शिवसेना शिंदे गुट और बीजेपी में) दम है तो उन्हें चुनाव की घोषणा करनी चाहिए।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने आरएसएस प्रमुख पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत मस्जिद गए तो क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया? जब बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन किया तो क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया? वे जो कुछ भी करते हैं वह सही है और जब हम कुछ करते हैं, तो हम हिंदुत्व छोड़ देते हैं, यह सही नहीं है।