Sunday, December 22

शिक्षा क्षेत्र में नई क्रांति का आग़ाज़

अब बाहर से लोग दिल्ली की तरह पंजाब के स्कूल भी देखने आया करेंगे

शिक्षा क्षेत्र में पंजाब अब बनेगा नंबर वन राज्य, पहले फ़र्ज़ी आंकड़ों के द्वारा झूठे दावे किये जाते थे – मुख्यमंत्री

पिछली सरकारों ने शिक्षा की ओर ध्यान दिया होता तो नौजवानों का भविष्य तबाह न होता

’स्कूल ऑफ एमिनेंस’ के नाम शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखने का एलान

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़

: राज्य में उच्च वर्ग दर्जे की सहूलतों वाले ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ को होनहार विद्यार्थियों के सुनहरी भविष्य के लिए प्रकाश स्तंभ बताते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि अब पंजाब सही मायनों में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनेगा जबकि इससे पहले पिछली सरकारों की तरफ से शिक्षा के क्षेत्र में राज्य को फ़र्ज़ी आंकड़ों के द्वारा अग्रणी होने के झूठे दावे किये जाते थे।
आज यहाँ ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ की शुरुआत करने के मौके पर प्रिंसिपल, अध्यापकों और विद्यार्थियों से रूबरू होते हुये उन्होंने कहा कि यह पंजाब की बदकिस्मती है कि सरकारी स्कूल बुनियादी सहूलतों को तरस रहे थे परन्तु पिछली सरकारों ने लोगों को गुमराह करने के लिए झूठे आंकड़े पेश किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में पिछली सरकारों ने शिक्षा जैसे क्षेत्रों को पूरी तरह अनदेखा किया जिससे हमारे हज़ारों बच्चों को पढ़ाई के लिए आगे बढ़ने के मौके नसीब नहीं हुए। उन्होंने कहा कि बहुत सी लड़कियों को संसाधनों की कमी के कारण पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी जो पिछली सरकारों की नाकामी को सिद्ध करती हैं। भगवंत मान ने दावे के साथ कहा कि अब हमारी सरकार ने राज्य की शिक्षा का स्तर विश्व के हम उम्र बनाने का प्रण किया है और वह समय दूर नहीं जब पंजाब का शिक्षित बच्चा दुनिया की चोटी की संस्थाओं में स्थान हासिल करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुख इस बात का है कि पंजाब को शिक्षा, सेहत और रोज़गार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में पछाड़ने वाले राजनीतिज्ञ बेगाने नहीं बल्कि राज्य के जन्में और पले हैं जो हमारे बच्चों का भविष्य तबाह कर देने के लिए सीधे तौर पर ज़िम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने इन राजनीतिज्ञों की चालों को समझ लिया था जिस कारण इस बार ग़ैर-राजनैतिक पृष्टभूमि वाले नये चेहरों को विधायक बना कर राज्य की सेवा करने का मौका दिया जिनमें प्रसिद्ध डाक्टर, वकील, कलाकार और अन्य हस्तियाँ शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी नेता तो अब भी हमें निंदा करने का कोई मौका नहीं छोड़ते क्योंकि हमने सत्ता में आते ही पंजाब में माफिया और ग़ैर-कानूनी गतिविधियों पर नकेल डाली है और बौखलाए हुए इन नेताओं को यह सब कुछ रास नहीं आ रहा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब के लोगों ने आम आदमी पार्टी को 92 सीटें जीता कर उनमें बड़ा विश्वास प्रकट किया है और वह यह भरोसा किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देंगे।

राज्य के 23 जिलों में स्थापित किये जा रहे 117 ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ को होनहार विद्यार्थियों के रौशन भविष्य की संस्थाएं बताते हुये भगवंत मान ने कहा, “शिक्षा क्षेत्र में नयी क्रांति लेकर आने का उद्देश्य होनहार और काबिल विद्यार्थियों ख़ास कर सरकारी स्कूलों के बच्चों को अपने सपने साकार करने के लिए सीध और मौका देना है जिससे यह विद्यार्थी मुकाबले की परीक्षाओं में देश के बाकी बच्चों को पछाड़ कर अच्छे रैंक हासिल कर सकें। इन स्कूलों को विद्यार्थियों के छिपे हुए हुनर को तराशने और निखारने वाली संस्थाओं के रूप में विकसित किया जायेगा जिससे विद्यार्थी अपने मनपसंद पेशे की चयन कर सके।“
‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ को देश की आज़ादी की ख़ातिर जीवन कुर्बान करने वाले महान शहीदों के सपनों के स्कूल करार देते हुये मुख्यमंत्री ने इन स्कूलों के नाम भी शहीदों और आज़ादी संग्रामियों के नाम पर रखने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह विनम्र सा प्रयास सही मायनों में शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सरकारी स्कूलों को साल 2022 के हम उम्र का बनाऐगी और निश्चित रूप से तौर पर पंजाब देश भर में रोल मॉडल बन कर उभरेगा। भगवंत मान ने कहा, “वह दिन अब दूर नहीं जब राज्य के सरकारी स्कूल, प्राईवेट स्कूलों की अपेक्षा बेहतर शिक्षा मुहैया करवाएंगे और माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने में मान महसूस किया करेंगे।“ उन्होंने कहा कि दिल्ली में ऐसे स्कूलों ने वहां के शिक्षा क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है और आज वहां सरकारी स्कूल शानदार कारगुज़ारी दिखा रहे हैं।

अध्यापकों को राष्ट्र के निर्माता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने में सबसे अहम भूमिका अध्यापकों ने निभानी है जिस कारण हरेक अध्यापक को शिक्षा की नयी क्रांति में बढ़-चढ़ कर शामिल होना चाहिए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पहले बैच में 36 अध्यापकों को सिंगापुर में अध्यापन प्रशिक्षण के लिए भेजने का फ़ैसला किया है जिससे हमारे अध्यापक दुनिया की विकसित शिक्षा प्रणाली के बारे अवगत हो सकें।

इस मौके पर शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि अब शिक्षा विभाग की तस्वीर बदल रही है और आए दिन बड़ी तबदीलियाँ देखने को मिल रही हैं। ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ को मुख्यमंत्री का सुपनमयी प्रोजैक्ट करार देते हुए शिक्षा मंत्री ने भरोसे के साथ कहा कि यह स्कूल, प्राईवेट स्कूलों की अपेक्षा बेहतर कारगुज़ारी दिखाऐंगे और अब कोई भी काबिल बच्चा शिक्षा के अच्छे मौकों से वंचित नहीं रहेगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान भी उपस्थित थे।