खेलों में पंजाब को फिर अग्रणी राज्य बनाने के लिए व्यापक सुधारों पर ज़ोर
खेल मंत्री ने खेल नीति बनाने के लिए की माहिरों की कमेटी के साथ मीटिंग
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से पंजाब को खेलों में फिर देश का अग्रणी राज्य बनाने का लिए सपने को पूरा करने के लिए खेल विभाग की तरफ से बनाई जा रही नयी खेल नीति में बड़े व्यापक सुधारों पर ज़ोर दिया गया है। यह बात पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने खेल नीति के मसौदे पर विचार करने के लिए बनाई माहिरों की कमेटी के साथ यहाँ पंजाब भवन में हुई मीटिंग के उपरांत जारी प्रैस बयान में कही।
मीत हेयर ने कहा कि नयी खेल नीति को व्यवहारिक रूप दिये जाने से मुख्यमंत्री का सपना पूरा होगा। आज की मीटिंग में यह फ़ैसला लिया गया कि खिलाड़ियों के चयन के लिए हुनर की पहचान के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाई जाये। राज्य के खिलाड़ियों के प्रदर्शन का डाटा एकत्रित करके उसका विश्लेषण किया जाये। राज्य में अलग-अलग खेलों के विशेषाकृत स्थानों की शिनाख़्त करके वहां सम्बन्धित खेल पर ध्यान केंद्रित जाये। ग्रेडशन नीति को तर्कसंगत बनाया जाये।
खेल मंत्री ने बताया कि खेल और खिलाड़ी अनुकूल आधुनिक खेल ढांचा बनाने के लिए कॉर्पोरेट घरानों से आर्थिक मदद लेने के लिए नीति बनाऐ जाये। इसी तरह खिलाड़ियों और टीमों को स्पांसर करने के लिए प्रवासी भारतीयों के लिए मंच मुहैया करवाया जाये। इसके इलावा स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और मैडीकल शिक्षा विभागों के साथ मिल कर खेल विभाग सांझा खेल कैलंडर बनाए जिससे खिलाड़ियों के टूर्नामैंट में तारीखें न मिलें।
मीटिंग में प्रमुख सचिव राज कमल चौधरी, डायरैक्टर अमित तलवार, खेल माहिरों के तौर पर शामिल अर्जुन अवार्डी हॉकी ओलम्पियन सुरिन्दर सिंह सोढी, द्रोणाचार्य अवार्डी और पूर्व राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी कोच गुरबख़श सिंह संधू और महाराजा भुपिन्दर सिंह खेल यूनिवर्सिटी पटियाला के वाइस चांसलर लैफ्टिनैंट जनरल (सेवा मुक्त) जे. एस. चीमा भी उपस्थित थे।