पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करना चाहती है सरकार : सरपंच

राइट टू रिकॉल व ई-टेंडरिंग के विरोध में सरपंचों का धरना जारी
पवन सैनी/हिसार
राइट टू रिकॉल व ई—टेंडरिंग के विरोध में सरपंचों का धरना तीसरे दिन भी हिसार के खंड विकास कार्यालय के समक्ष जारी रहा। सरपंचों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि पहले दो साल चुनाव देरी से करवाना और अब सरपंचों के अधिकारों पर कैंची चलाकर सरकार पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करना चाहती है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा।
धरने के तीसरे दिन की अध्यक्षता अध्यक्षता हिसार सरपंच एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष व प्रधान आजाद सिंह हिंदुस्तानी व सरपंच एसोसिएशन हिसार-1 ब्लॉक गंगवा सरपंच भगवान दास ने की।  उन्होंने कहा कि यदि ई—टेंडरिंग ज्यादा फायदेमंद है तो दो साल पहले जब गांवों का काम सरकार के अधीन आया, तब सरकार सारे काम ई—टेंडरिंग से करवाकर इसका प्रयोग कर लेती लेकिन तब अपने चहेतों को ठेके देने व लाभ पहुंचाने के लिए लाखों के काम टुकड़ों में मैनुअल तरीके से करवाए गए और गांवों में छोटी सरकार का गठन होते ही सरकार ई—टेंडरिंग ले आई। सरपंचों के धरने के तीसरे दिन आज कांग्रेस नेता वजीर सिंह पूनिया, किसान सभा के शहरी प्रधान सतबीर रूहिल के अलावा जिले के 20 गांवों के पूर्व सरपंचों ने अपना समर्थन दिया और सरकार की आलोचना की।