2 घंटे लगातार नाले में पड़ा तड़पता रहा बारहसिंघा
- वन्य जीव प्राणी विभाग नहीं पहुंचा मौके पर तो ग्रामीणों ने निकाला बाहर
कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 16 जनवरी :
कस्बा बिलासपुर में गांव आंबवाला मार्ग पर नाले में गिरकर बारहसिंघा लगातार दो घंटे लगे तड़पता रहा। ग्रामीणों ने बारहसिंघा को नाले में गिरने की सूचना वन्य प्राणी विभाग को दी। वन्य प्राणी विभाग के कर्मचारी काफी देर तक मौके पर नही पहुंचे। 2 घंटे बीतने के बाद भी विभाग के कर्मचारी नही आए तो आसपास के राहगीरों ने लगभग दो घंटे की कडी मशक्कत के पश्चात बारसिंघा को बाहर निकाला। घायल अवस्था में बारहसिंघा को ग्रामीणों ने नाले से बाहर निकाला।
ग्रामीण मनोज शर्मा ,रिंकू ,लवली सैनी , गुरमेज सिंह, हरपाल सिंह रोहित काका ने बताया कि सोमवार को लगभग बारह बजे एक बारहसिंघा बिलासपुर के विश्राम गृह के पास दौडता हुआ आया। बारहसिंघा के पीछे कुते लगे हुए थे। कुछ ही देर में बारहसिंघा राजकीय स्कूल के पास से होता हुआ गांव आंबवाला मार्ग के समीप पहुंच गया। जहां दौडते हुए सड़क के समीप नाले में गिर गया। नाले में गहराई व गंदगी अधिक होने के कारण नाले में ही छटपटाता रहा। काफी देर तक बारहसिंघा नाले में छटपटाता रहा। पास से गुजर रखे मनोज शर्मा, रिकू, लवली सैनी, रोहित हरपाल सिंह ने नाले में सीढी लगाकार व मोटे डंडों की सहायता से बारहसिंघे के गले व कमर में रस्सी डाल बारहसिंघे को बाहर निकाला। लगभग डेढ घंटे की कडी मशक्कत के पश्चात बारहसिंघे को बाहर निकाला गया। जैसे ही बारहसिंघा बाहर निकला कर भागने लगा तो अचानक दोबारा से नाले में गिर गया। जिसको दोबार मशक्कत के पश्चात बाहार निकाला गया। बारहसिंघा के कमर, गदर्न पर चोट के निशान थे। वन्य जीव प्राणी विभाग की लापरवाही को लेकर ग्रामीणों ने रोष प्रकट किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि जब बारहसिंघा नाले में गिरा तो उसके कुछ देर बाद ही विभाग को सूचना कर दी गई थी उसके बावजूद भी समय रहते वन्य जीव प्राणी विभाग का कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों का कहना है कि बारहसिंघा भारी-भरकम था। नाले में गिरकर बारहसिंघा छटपटाता रहा। ग्रामीणों ने साहस करते हुए बारहसिंघा को नाले से बाहर निकाला तो पता चला कि बारहसिंघा नाले में गिरने की वजह से घायल भी हो गया है। विभाग के इंसपेकट्टर सुनील कुमार ने बताया कि मौके पर कर्मचारी भेजे गए थे बारहसिंघा मौके पर नही मिला है। बारहसिंघा की तलाश कर उसका उपचार करवा जंगल में छोड दिया जाएगा।