अवेस्टा फाउंडेशन में रह रही 101 साल की गुरु मां की हुई रस्म पगड़ी 

शनिवार को नाज पटेल को पहनाई गई गुरु मां की पगड़ी

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 14 जनवरी :

                        अवेस्टा फाउंडेशन ताजेवाला में रह रही 101 वर्षीय गुरु मां की शनिवार को रस्म पगड़ी कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां पर रह रही गुरु मां का 2 जनवरी को देहांत हो गया था। इस दौरान  क्षेत्र के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया  व गुरु मां को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ताजेवाला राधा कृष्ण मंदिर के महंत स्वामी रामभद्र प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने बताया कि अवेस्टा फाउंडेशन ताजेवाला में रह रही 101 वर्षीय गुरु मां का 2 जनवरी को देहांत हो गया था।

                        उनकी आज तेरहवीं कार्यक्रम किया गया। जिसमें क्षेत्र के समाजसेवी रमेश आर्य किशनपुरा, महिपाल रोहिल्ला खिजराबाद, पूर्व प्रोफेसर पवन बटार बहादुरपुर, प्रवीण बटार पूर्व सरपंच बहादुरपुर, बहादुरपुर मंदिर के महंत बाबू राम जी शर्मा, अशोक गर्ग खिजराबाद, वरिष्ठ समाजसेवी मुनव्वर खान, सरपंच प्रतिनिधि जाकिर हुसैन ताजेवाला और रूबी,पवन कश्यप ताजेवाला समेत दर्जनों की संख्या में गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। गुरु मां की अस्थियों को हथिनी कुंड बैराज स्थित यमुना में स्वामी सर्वानंद जी महाराज की उपस्थिति में प्रवाहित किया गया। अवेस्टा फाउंडेशन की संचालक नाज पटेल ने बताया कि ताजे वाला स्थित सेंटर में रह रही गुरु मां सबसे बुजुर्ग महिला थी। वह बहुत ही समझदार पढ़ी लिखी महिला थी। वह लगभग 4 वर्ष पहले मुंबई स्थित फाउंडेशन सेंटर में लाई गई थी।

                        उस समय गुरु मां ने बताया था कि वह महाराष्ट्र से है और 5 गांव की गुरु मां की उपाधि उनको मिली हुई थी। उन्होंने कुछ दिन पहले अपने गांव को छोड़कर साथ लगते मंदिर में रहना शुरू कर दिया था। उसके बाद वह इधर-उधर भटकती रही और सड़क किनारे पडी मिली तब से गुरु मां मुंबई स्थित सेंटर में रह रही थी। आजकल वह ताजेवाला स्थित सेंटर में  रह रही थी। जिनका 2 जनवरी को निधन हो गया था। माता ने सेवा धर्म से बड़ा संसार में कुछ नहीं माना।

6 महीने पहले ही नाज पटेल को सौंप दी थी पगड़ी

                        स्वामी रामभद्राचार्य ने बताया कि गुरु मां ने अपने देहांत से 6 महीने पहले ही फाउंडेशन की मुखिया नाज पटेल को अपनी पगड़ी पहनाकर उनको गुरु मां की उपाधि दे दी थी। आज शनिवार को उनकी रसम क्रिया के दौरान यह पगड़ी आए हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों व महंत स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा नाज पटेल को पहनाई गई।

 सेवा धर्म को अपनाया….. रामभद्राचार्य

                        महंत जी ने बताया कि हम सभी को जीवन में सेवा धर्म को अपनाया चाहिए। सेवा परमो धर्माह। उन्होंने कहा कि  कोई सेवा संकुचित करता है और कोई सेवा विराट करता है। दूसरे के लिए जिओ।यह फाउंडेशन आपके सहयोग के लिए संकल्पबद्ध है। यह संस्था बहिष्कृत जीवो के लिए स्त्री हो पुरुष हो या बच्चा हो सब को गोद लेने के लिए समाज में खड़ी है।

फाउंडेशन के नाम किया अपना जीवन

                        शनिवार को  स्वामी प्रपन्नाचार्य ने भी अपना पूरा जीवन अब अवेष्टा फाउंडेशन के नाम कर दिया है। वहीं  फाउंडेशन ने ताजेवाला के 6 बच्चों को गोद लिया है। जिनका रहना खाना-पीना और शिक्षा का जिम्मा फाउंडेशन ही करेगी।