Tuesday, December 24

भारतीय संस्कृति का प्रचार व प्रसार करने में प्रवासी भारतीयों का मुख्य योगदान : सरताज सिंह

चण्डीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी, चण्डीगढ़ में राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ के एनएसएस स्वयंसेवक व छात्र सरताज सिंह मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को आज विश्व स्तर पर आगे ले जाने में प्रवासी भारतीयों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि वह भारत के राष्ट्र दूत बनकर भारत की संस्कृति का विदेशों में बड़े ही व्यापक स्तर पर प्रचार व प्रसार कर रहे हैं और हमारी सभ्यता व संस्कृति को पूरे विश्व स्तर पर पहुंचाने में अपना सहयोग दे रहे हैं। इसके साथ ही सभी प्रवासी भारतीयों द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बनाने में  जो पूर्ण रूप से आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है वह काफी  सराहनीय है। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों को इस बात के लिए प्रेरित किया कि हम विश्व में किसी भी स्थान पर चले जाएं पर हमें अपने देश को कभी नहीं भूलना चाहिए और अपने देश के प्रति हमारा हमेशा प्यार व स्नेह बना रहना चाहिए। ताकि इससे देश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हो सके और आने वाले समय में भारत विश्व गुरु बन सके। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर वरिष्ठ एनएसएस स्वयंसेवक व सामाजिक कार्य विभाग के छात्र अमित कुमार रहे जिन्होंने सभी स्वयंसेवकों को अपनी मातृभूमि के साथ हमेशा जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया और स्वामी विवेकानंद के द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के लिए सभी स्वयंसेवकों को प्रेरित किया और कहा कि जो भी युवा इस समय विदेश में जाकर निवास कर रहे है उन्हे हमेशा अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण का भाव रखना चाहिए। इस कार्यक्रम में मंच संचालन का कार्य विधि विभाग के छात्र व एनएसएस स्वयंसेवक उज्जवल अग्रवाल द्वारा बड़ी ही बखूबी से किया गया। इस अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार से सम्मानित संदीप ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और सभी को प्रवासी भारतीय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर एनएसएस के सभी स्वयंसेवक मौजूद थे।